
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari sahasranam
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari sahasranam : यहां वामकेश्वरतन्त्रोक्त षोडशी सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में दिया गया है।
जिस प्रकार देवताओं के 108 नाम वाले स्तुतियों को अष्टोत्तर शतनाम कहा जाता है उसी प्रकार से देवताओं के 1000 नामों का भी जिस स्तोत्र में वर्णन होता है उसे सहस्रनाम स्तोत्र कहा जाता है। इस श्रेणी में विभिन्न देवताओं के सहस्रनाम स्तोत्र (sahasranama stotram) का संग्रहण किया गया है।
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari sahasranam : यहां वामकेश्वरतन्त्रोक्त षोडशी सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में दिया गया है।
यहां पढ़िये तकारादि तारा सहस्रनाम स्तोत्र – Tara Sahasranam stotram 2 : अक्षोभ्यसंहितायोक्त तारा सहस्रनाम पूर्व में प्रकाशित किया जा चुका है और यहां ब्रह्मयामलोक्त तकारादि तारा सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में दिया गया है जो विशेष महत्वपूर्ण है।
यहां पढ़िये तारा सहस्रनाम स्तोत्र – Tara Sahasranam stotram : दशमहाविद्या में से एक माँ तारा विशेष महत्वपूर्ण हैं और यदि सहस्रनाम की बात करें तो अनेकों सहस्रनाम देखने को मिलता है जिसमे से एक विशेष महत्वपूर्ण सहस्रनाम श्रीबृहन्नीलतन्त्र में भैरवभैरवी के संवाद रूप में मिलता है। यहां श्रीबृहन्नीलतन्त्रोक्त तारा सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में दिया गया है जो विशेष महत्वपूर्ण है।
कामकला काली सहस्रनाम स्तोत्र – kamkala kali sahasranam : कामकला नाम से एक भ्रम उत्पन्न होता है कि काम-वासनाओं संबंधी कामना से संबंध हो सकता है और यदि तांत्रिक व जटिल पद्धति न होती तो वर्त्तमान के ज्योतिषी, मीडिया आदि युवाओं को कामकला के मंत्र, स्तोत्र आदि के लिये ही प्रेरित कर रहे होते किन्तु ऐसा है नहीं। कामकला काली भी माता काली का ही एक रूप है जो सभी प्रकार की कामनाओं, पुरुषार्थों को सिद्ध करती हैं।
गुह्य काली सहस्रनाम संस्कृत में – Guhya kali sahasranam : देव्याः सहस्रनामाख्यं स्तोत्रं पापौघमर्दनम् ।
मह्यं पुरा भुवः कल्पे त्रिपुरघ्नेन कीर्तितम् ॥
ककारादि काली सहस्रनाम संस्कृत में – kakaradi kali sahasranam : यहां महाकालसंहितोक्त श्रीमदादिनाथमहाकालविरचित कालकालीसंवाद के रूप में वर्णित ककारादि काली सहस्रनाम स्तोत्र दिया गया है। स्तोत्र संस्कृत में है एवं विनियोग मंत्र, ध्यान मंत्र, न्यास विधि सहित है।
काली सहस्रनाम संस्कृत में – kali sahasranam : श्रीकालिकाकुलसर्वस्व में हरपरशुरामसंवाद (शिव-परशुराम संवाद) के रूप में वर्णित कालिका सहस्रनाम यहां दिया जा रहा है। इसे भद्रकाली सहस्रनाम स्तोत्र भी कहा जाता है। .. ॐ श्मशानकालिका काली भद्रकाली कपालिनी ।
गुह्यकाली महाकाली कुरुकुल्ला विरोधिनी ॥ ….
सूर्य सहस्रनाम स्तोत्र – surya sahasranam stotra : भगवान सूर्य प्रत्यक्ष देवता है और पंचदेवताओं में से एक हैं, इसके साथ ही नवग्रहों में प्रमुख हैं और ग्रहराज के नाम से जाने जाते हैं। आरोग्य, आत्मा आदि के कारक हैं। भगवान सूर्य की अराधना में सहस्रनाम पाठ करना भी विशेष महत्वपूर्ण है। इसके साथ ही हवन के लिये भी सहस्रनाम का महत्व होता है।
गणेश सहस्रनाम स्तोत्र – ganesh sahasranama stotram : इस आलेख में भगवान गणेश का सहस्रनाम दिया गया है। इसके साथ है महागणपति सहस्रनाम स्तोत्र भी दिया गया है।