पापशमनं नामक हरिशङ्कर स्तोत्र – Harishankara stotra

पापशमनं नामक हरिशङ्कर स्तोत्र - Harishankara stotra

वामन पुराण में भगवान विष्णु और भगवान शंकर का एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है जिसका नाम पाप शमन स्तोत्र या हरिशंकर स्तोत्र (Harishankara stotra) है। यह स्तोत्र जब दोनों का संयुक्त स्तवन करना हो तो महत्वपूर्ण हो जाता है। हम जानते हैं कि एक यज्ञ हरिहर यज्ञ भी होता है और ऐसी अर्चना में यह स्तोत्र महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यहां वामन पुराणोक्त पापशमनं नामक हरिशङ्कर स्तोत्र संस्कृत में दिया गया है।

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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