नवरात्रि कब है – navratri kab hai 2024

नवरात्रि कब है – navratri kab hai

वर्ष में चार नवरात्रायें होती हैं जो आश्विन, माघ, चैत्र और आषाढ मासों के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी दिन तक का होता है। इस आलेख में नवरात्रा 2024 के विषय में पूरी जानकारी दी गयी है, इसके साथ ही नवरात्रा के महत्व, नवरात्रा व्रत के नियम, नवरात्रा की कथा आदि के बारे में भी चर्चा की गयी है। दो प्रकार के पंचांगों दृश्य और अदृश्य के आधार पर 2024 के शारदीय नवरात्रा में एक दिन का अंतर भी देखा जा रहा है। जनमानस के लाभार्थ कौन शुद्ध और ग्राह्य है इसके लिये एक विशेष उपाय भी बताया गया है जिस कारण यह आलेख अत्यंत उपयोगी सिद्ध होता है।

नवरात्रि कब है – navratri kab hai 2024

2024 में पड़ने वाली नवरात्री इस प्रकार है :

चैत्र नवरात्रि 2024

चैत्र नवरात्रि 2024 मंगलवार 9 अप्रैल से बुधवार 17 अप्रैल तक है। चैत्र नवरात्रि 2024 की विस्तृत जानकारी इस सारणी (Chart) से समझी जा सकती है । सारणी में दशमी को भी दिया गया है लेकिन दशमी की गणना नवरात्रा में नहीं की जाती। यदि मोबाइल सारणी सही से न दिखे तो मोबाइल को तिरछा करे सारणी सही से दिखेगा :

तिथितिथि समाप्तिदिनदिनांकतिथि संबधी विशेष पूजा/व्रतलुप्त तिथि
प्रतिपदा20:30मंगलवार9कलश स्थापन, नवरात्रारंभX
द्वितीया17:32बुधवार10रेमन्त पूजाX
तृतीया15:03गुरुवार11XX
चतुर्थी13:11शुक्रवार12XX
पञ्चमी12:04शनिवार13XX
षष्ठी11:43रविवार14गजपूजा, बिल्वाभिमन्त्रणX
सप्तमी12:11सोमवार15पत्रिका प्रवेश, महारात्रि निशापूजाX
अष्टमी13:23मंगलवार16महाष्टमी व्रतX
नवमी15:14बुधवार17महानवमी व्रत, त्रिशूलिनी पूजा, हवनX
दशमी17:31गुरुवार18जयंती धारण, विसर्जन, अपराजिता पूजाX
चैत्र नवरात्रि 2024 Chart : 9 Apr 2024 to 17 Apr 2024

यद्यपि माघी नवरात्रा में ही पञ्चमी को सरस्वती पूजा होती है और उसे वसंत पञ्चमी भी कहा जाता है लेकिन माघी नवरात्रि को वासंतीय नवरात्रि नहीं कहा जाता है। वासंतीय नवरात्रि चैत्र माह में होने वाली नवरात्रि को ही कहा जाता है। शारदीय नवरात्रि की तरह ही वासंतीय नवरात्रि में भी बहुत जगह मंदिरों में या पंडाल बनाकर भी दुर्गा पूजा की जाती है। घरों में तो लोग दुर्गा पूजा, सप्तशती पाठ आदि करते ही हैं।

2024 के वासंतीय नवरात्रि अर्थात चैत्र नवरात्रि में न ही किसी तिथि का लोप हो रहा है और न ही कोई तिथि वृद्धि हो रही है।

आषाढ़ी नवरात्रि 2024 – आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2024

  • आषाढ़ी नवरात्रि 2024 शनिवार 6 जुलाई से मंगलवार 15 जुलाई तक है।
  • आषाढ़ी नवरात्रि 2024 की विस्तृत जानकारी इस सारणी (Chart) से समझी जा सकती है ।
  • सारणी में दशमी भी दिया गया है लेकिन दशमी की गणना नवरात्रा में नहीं की जाती।
  • यदि मोबाइल सारणी सही से न दिखे तो मोबाइल को तिरछा करे सारणी सही से दिखेगा :
गुप्त नवरात्रि 2024
गुप्त नवरात्रि 2024
तिथितिथि समाप्तिदिनदिनांकतिथि संबधी विशेष पूजा/व्रतलुप्त तिथि
प्रतिपदा28:25शनिवार6कलश स्थापन, नवरात्रारंभX
द्वितीया28:59रविवार7XX
तृतीयाअहोरात्रसोमवार8XX
तृतीया06:08मंगलवार9Xतिथि वृद्धि
चतुर्थी07:51बुधवार10XX
पञ्चमी10:03गुरुवार11XX
षष्ठी12:32शुक्रवार12XX
सप्तमी15:05शनिवार13XX
अष्टमी17:25रविवार14XX
नवमी19:19सोमवार15हवनX
दशमी20:33मंगलवार16विसर्जन, अपराजिता पूजा
आषाढ़ी नवरात्रि 2024 Chart : 6 Jul 2024 to 16 Jul 2024 – गुप्त नवरात्रि

आषाढ़ी नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि भी कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि में प्रतिमा बनाकर मंदिरों में विस्तृत पूजा नहीं देखी जाती। गुप्त नवरात्रि गोपनीय रूप से लोग करते हैं। इसलिये गुप्त नवरात्रि में बिल्वाभिमन्त्रण, पत्रिकाप्रवेश आदि नहीं होती है।

गुप्त नवरात्रि 2024 में तृतीया तिथि की वृद्धि हो रही है, इसलिये एक दिन की वृद्धि मिलती है अर्थात गुप्त नवरात्रि 2024 में 10 दिन हो जाते हैं।

शारदीय नवरात्रि 2024

  • आश्विन मास में होने वाली नवरात्रि के समय शरद ऋतु होने के कारण इसका एक नाम शारदीय नवरात्रि भी है।
  • शारदीय नवरात्रि 2024 गुरुवार 3 अक्टूबर से रविवार 13 अक्टूबर तक है।
  • शारदीय नवरात्रि 2024 की विस्तृत जानकारी इस सारणी (Chart) से समझी जा सकती है ।
  • सारणी में दशमी को भी दिया गया है लेकिन दशमी की गणना नवरात्रा में नहीं की जाती।
  • यदि मोबाइल सारणी सही से न दिखे तो मोबाइल को तिरछा करे सारणी सही से दिखेगा :

नवरात्रि कब है 2024 : जब नवरात्रि के बारे में प्रश्न पूछा जाता है तो मुख्य तात्पर्य शारदीय नवरात्रि ही होता है जो आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ता है। 2024 के शारदीय नवरात्रि में दृश्य और अदृश्य पंचांगों के आधार पर बहुत अंतर प्राप्त हो रहा है और ये अंतर एक दिन का हो जाता है। जहां दृक पंचांगों के अनुसार शारदीय नवरात्रि 2024 गुरुवार 3 अक्टूबर से रविवार 13 अक्टूबर तक है वहीं अदृश्य पंचांगों द्वारा प्राप्त तिथ्यादि मानों के आधार पर 12 अक्टूबर शनिवार को ही विजया दशमी होना सिद्ध होता है।

स्थूल गणना करने वाले अदृश्य पंचांगों में चतुर्थी तिथि की वृद्धि होती है और नवमी तिथि का ह्रास होता है। किन्तु दृक पञ्चाङ्गों अर्थात वेधसिद्ध पंचांगों में तृतीया तिथि की वृद्धि होती है एवं किसी भी तिथि का क्षय नहीं होता है इस कारण नवरात्रा निर्णय में इस प्रकार का भेद मिल रहा है। शुद्धता और ग्राह्यता का निर्णय जनमानस को स्वयं ही करना होगा और इसके लिये एक विशेष उपाय भी दिया जा रहा है :

शुद्ध और ग्राह्य का निर्धारण करने के लिये यहां दोनों पंचांगों से प्राप्त चंद्रोदय काल (21 सितम्बर, शनिवार, आश्विन कृष्ण चतुर्थी का) दिया जा रहा है। जनमानस स्वयं ही चंद्रोदय देखकर निर्णय लें कि कौन शुद्ध और ग्राह्य है : दृक अर्थात वेधसिद्ध पञ्चाङ्गानुसार रात्रि 7:59 बजे अर्थात लगभग 8 बजे चंद्रोदय होगा, जबकि अदृश्य पंचांगों के अनुसार रात्रि 9:10 बजे अर्थात लगभग सवा नौ बजे रात्रि को होगा। खुले नेत्रों से दर्शन में 10-15 मिनट का अंतर (विलंब) हो सकता है। दोनों समयों में से जिसके निकट चंद्र उदित होते दिखें उसे शुद्ध और ग्राह्य मानें।

तिथितिथि समाप्तिदिनदिनांकतिथि संबधी विशेष पूजा/व्रतलुप्त तिथि
प्रतिपदा26:58गुरुवार3कलश स्थापन, नवरात्रारंभX
द्वितीया29:30शुक्रवार4रेमन्त पूजाX
तृतीयाअहोरात्रशनिवार5XX
तृतीया07:49रविवार6Xतिथि वृद्धि
चतुर्थी09:47सोमवार7XX
पञ्चमी11:17मंगलवार8XX
षष्ठी12:14बुधवार9गजपूजा, बिल्वाभिमन्त्रणX
सप्तमी12:31गुरुवार10पत्रिका प्रवेश, महारात्रि निशापूजाX
अष्टमी12:06शुक्रवार11महाष्टमी व्रतX
नवमी10:58शनिवार12महानवमी व्रत, त्रिशूलिनी पूजा, हवनX
दशमी09:08रविवार13जयंती धारण, विसर्जन, अपराजिता पूजाX
शारदीय नवरात्रि 2024 Chart : 3 Oct 2024 to 13 Oct 2024

शारदीय नवरात्रि में जगह-जगह बड़े-बड़े पंडाल बनाकर बहुत विस्तृत रूप से पूजा अर्चना की जाती है। शारदीय नवरात्रि का सर्वाधिक महत्व होता है। सप्तशती में स्वयं भगवती ने कहा है : “शरत्काले महापूजा क्रियते या च वार्षिकी ……….. मम॥” शारदीय नवरात्रा में महापूजा होती है। मंदिरों के साथ-साथ लोग घरों में भी नवरात्रि व्रत करके दुर्गा पूजा, सप्तशती पाठ, मंत्र जप, हवन आदि करते हैं।

शारदीय नवरात्रि 2024 में किसी तिथि का लोप तो नहीं हो रहा है लेकिन तृतीया तिथि की वृद्धि अवश्य हो रही है। तिथि वृद्धि होने के कारण शारदीय नवरात्रि 2024 में 10 दिन होते हैं। इसी को बोलचाल की भाषा में लोग नौ-दुर्ग, दस-दुर्ग आदि करके समझते हैं।

शारदीय नवरात्रि 2024 में किसी तिथि का लोप तो नहीं हो रहा है लेकिन तृतीया तिथि की वृद्धि अवश्य हो रही है। तिथि वृद्धि होने के कारण शारदीय नवरात्रि 2024 में 10 दिन होते हैं। इसी को बोलचाल की भाषा में लोग नौ-दुर्ग, दस-दुर्ग आदि करके समझते हैं।

दुर्गा आगमन और गमन 2024

दुर्गा आगमन और गमन विचार दिन के आधार पर किया जाता है। दुर्गा आगमन गमन विचार अलग से करेंगे परन्तु यहां शारदीय नवरात्रि 2024 में दुर्गा आगमन-गमन और उसके फल का विचार करेंगे :

दुर्गा आगमन विचार : शारदीय नवरात्रि 2024 का आरम्भ गुरुवार को होता है अर्थात गुरुवार के दिन कलशस्थापन होने से उसी दिन के आधार पर आगमन विचार किया जायेगा। “गुरौ शुक्रे च दोलायां” अर्थात प्रतिपदा यदि गुरुवार या शुक्रवार को हो तो दोला पर दुर्गा आगमन मानना चाहिये और इसका फल इस प्रकार कहा गया है “दोलायां मरणं ध्रुवं” अर्थात दोला पर आगमन होने से मरण या मरण तुल्य कष्ट संभावित होता है।

दुर्गा गमन विचार : शारदीय नवरात्रि 2024 में विजयादशमी रविवार को है। दुर्गा गमन विचार विजयादशमी को जो दिन हो उसके आधार पर किया जाता है। “शशिसूर्य दिने यदि सा विजया महिषागमने रुजशोककरा” – सोमवार और रविवार को विजयादशमी हो तो भैंसे पर दुर्गा गमन होता है और इसका फल रुज-शोक दायक होता है। अतः शारदीय नवरात्रि 2024 में दुर्गा गमन भी अशुभ ही है।


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