कर्मकांड के प्रकार

कर्मकांड के प्रकार

कर्मकांड के प्रकार : कर्मकांड के विभाजन की चर्चा करते समय हमें ‘कर्म (actions)’ के प्रकार को समझना नहीं चाहिए। यह भी स्पष्ट है कि वेदों के आधार पर कर्मकांड के प्रकार का विभाजन करने का विचार भी प्रासंगिक नहीं होता है। कर्मकांड को वास्तव में केवल दो प्रकार से विभाजित किया जा सकता है: 1) अब्राह्मण कर्मकांड, जिसे स्वयं किया जा सकता है और इसमें ब्राह्मण की आवश्यकता नहीं होती। 2) सब्रह्माण कर्मकांड, जिसे बिना ब्राह्मण के सम्पादन नहीं किया जा सकता है। अत: कर्मकांड की प्रकारों का निर्धारण कर्मों के आधार पर होता है, लेकिन वे कर्म के प्रकार से भिन्न हो

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कर्मकांड क्या है – Karmkand kya hai

कर्मकांड क्या है – Karmkand kya hai : कर्मकांड से पहले ‘कर्म’ और ‘कांड’ को समझना जरूरी है। कर्म जीवन में हमारे द्वारा किए गए सभी कार्य हैं, जो अनेक दृष्टीकोणों से विश्लेषित किए जा सकते हैं। ‘कांड’ हमारे द्वारा किए गए कार्यों के खंड, भाग या घटना होते हैं। ‘कर्मकांड’ में, ‘कर्म’ अध्यात्मिकता का एक खंड होता है और इस खंड के विधान को ‘कर्मकांड’ कहते हैं। इसका उद्देश्य लौकिक और पारलौकिक सुख की प्राप्ति का मार्ग प्रदान करना है।

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