वासुदेव स्तुति - vasudev stuti

वासुदेव स्तुति – vasudev stuti

वासुदेव स्तुति – vasudev stuti : भगवान श्रीकृष्ण वसुदेव पुत्र होने के कारण वासुदेव नाम से जाने जाते हैं। वासुदेव नाम कितना महत्वपूर्ण है इसे इस तथ्य से सरलतापूर्वक समझा जा सकता है कि विष्णु भगवान का जो सबसे प्रसिद्ध और प्रशस्त मंत्र है वह द्वादशाक्षर मंत्र है जिसमें वासुदेव नाम को ही ग्रहण किया गया है। यहां वासुदेव स्तुति संस्कृत में दिया गया है।

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राधा कृष्ण स्तुति - radha krishna stuti

राधा कृष्ण स्तुति – radha krishna stuti

राधा कृष्ण स्तुति – radha krishna stuti : भगवान श्री कृष्ण का नाम राधा के साथ ही लिया जाता है जैसे राधे कृष्ण, राधे श्याम आदि। इसी प्रकार भगवान श्री कृष्ण की स्तुति में भी युगल स्तुति का विशेष महत्व होता है और इसके लिये पुराणों में राधा कृष्ण स्तुति भी मिलती है। यहां राधा कृष्ण स्तुति (radha krishna stuti) संस्कृत में दी गयी है।

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श्री गोपाल स्तवराज - Shri Gopala Stavaraja

श्री गोपाल स्तवराज – Shri Gopala Stavaraja

श्री गोपाल स्तवराज – Shri Gopala Stavaraja : भगवान श्रीकृष्ण गोपालन करते थे और इसी कारण उनका एक नाम है गोपाल। भगवान के विषय में कहा गया है “गो द्विज धेनु देव हितकारी”, कर्मकांड में बिना गव्य प्रयोग के कुछ भी संभव नहीं है। यज्ञ का मूल गो है और गो के पालक भगवान स्वयं ही हैं एवं इसी कारण भगवान का एक नाम गोपाल है। स्तोत्रों में जो बहुत ही महत्वपूर्ण होता है उसे स्तवराज कहा जाता है।

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श्री कृष्ण त्रैलोक्य विजय कवच | श्री कृष्ण कवच - krishna kavach

श्री कृष्ण त्रैलोक्य विजय कवच | श्री कृष्ण कवच – krishna kavach

श्री कृष्ण त्रैलोक्य विजय कवच | श्री कृष्ण कवच – krishna kavach : भगवान श्री कृष्ण के भी कई कवच स्तोत्र हैं जो पुराणों में मिलते हैं और इनमें से एक विशेष महत्वपूर्ण कवच है महादेव द्वारा परशुराम जी को दिया गया श्री कृष्ण कवच (krishna kavach) जो ब्रह्मवैवर्त्त पुराण में वर्णित है। इस कवच स्तोत्र का एक नाम श्री कृष्ण त्रैलोक्य विजय कवच भी है।

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यहां पढ़ें अनेकों कृष्ण स्तुति - krishna stuti

यहां पढ़ें अनेकों कृष्ण स्तुति – krishna stuti

यहां पढ़ें अनेकों कृष्ण स्तुति – krishna stuti : यहां भागवत पुराणोक्त ब्रह्मा कृत श्रीकृष्ण स्तुति, पद्म पुराणोक्त अक्रूर कृत श्रीकृष्ण स्तुति, पद्म पुराणोक्त इन्द्र कृत श्रीकृष्ण स्तुति, गर्गसंहितोक्त दुर्वासा कृत श्रीकृष्ण स्तुति, गर्गसंहितोक्त देव कृत श्रीकृष्ण स्तुति दी गयी है।

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श्रीकृष्णमङ्गलं : कृष्ण मंगलाचरण श्लोक - krishna mangalam

श्रीकृष्णमङ्गलं : कृष्ण मंगलाचरण श्लोक – krishna mangalam

श्रीकृष्णमङ्गलं : कृष्ण मंगलाचरण श्लोक – krishna mangalam : भगवान के अनेकानेक स्तोत्रों में से एक प्रकार मंगल स्तोत्र भी होता है जिसमें भगवान के अनेकानेक नामों द्वारा उनसे मंगल प्रार्थना की जाती है, मंगल की कामना की जाती है। भगवान श्रीकृष्ण के अनेकों मंगल स्तोत्र हैं जो श्रीकृष्ण मङ्गलं (krishna mangalam), कृष्ण मंगलाचरण श्लोक, श्रीकृष्ण मङ्गल स्तोत्र आदि नामों से जाने जाते हैं।

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देवकीकृत श्री कृष्ण स्तोत्र - Devakikrita Shri krishna stotra

देवकीकृत श्री कृष्ण स्तोत्र – Devakikrita Shri krishna stotra

देवकीकृत श्री कृष्ण स्तोत्र – Devakikrita Shri krishna stotra : श्रीमद्भागवतमहापुराण में भगवान श्री कृष्ण का चरित विशेष रूप से वर्णित है और श्रीकृष्ण चरित्र दशम स्कंध में वर्णित है। कृष्णावतार में भगवान श्रीकृष्ण की एक स्तुति स्वयं देवकी ने किया है जो दशम स्कंध के तृतीय अध्याय में मिलता है। देवकी कृत श्री कृष्ण स्तुति में कुल ७ श्लोक हैं।

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श्री कृष्ण चतुर्विंशति स्तोत्रं - Shri Krishna chaturvimshati Stotram

श्री कृष्ण चतुर्विंशति स्तोत्रं – Shri Krishna chaturvimshati Stotram

श्री कृष्ण चतुर्विंशति स्तोत्रं – Shri Krishna chaturvimshati Stotram : भगवान श्री कृष्ण के अनेकानेक स्तोत्रों में एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है श्री कृष्ण चतुर्विंशति स्तोत्रं (Shri Krishnachaturvimshati Stotram) जिसमें 24 श्लोक है और इसी कारण इसका नाम श्री कृष्ण चतुर्विंशति स्तोत्र है। दो श्लोक फलश्रुति के हैं और इन दोनों श्लोकों को मिलाकर कुल 26 श्लोक हो जाते हैं।

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