एकादशाह श्राद्ध विधि | छन्दोग | shraddh vidhi

एकादशाह श्राद्ध विधि | छन्दोग | shraddh vidhi

एकादशाह श्राद्ध विधि | छन्दोग | shraddh vidhi : दीप जलाकर यदि पाककर्त्ता द्वारा पाककर्म हुआ हो तो श्राद्धकर्त्ता पाककर्त्ता से पूछे “सिद्धम्” और पाककर्त्ता कहे “ॐ सिद्धम्” ॥ यदि पाककर्ता न हो तो पूछने की आवश्यकता नहीं है।

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द्वादशाह विधि | सपिंडी श्राद्ध विधि | वाजसनेयी

द्वादशाह विधि | सपिंडी श्राद्ध विधि | वाजसनेयी

मासिक श्राद्धों में प्रथम के स्थान पर क्रमशः प्रयोग करे : द्वितीय – तृतीय – चतुर्थ – पञ्चम – ऊनषाण् – षष्ठ – सप्तम – अष्टम – नवम – एकादश – ऊनवार्षिक और द्वादश। 11 मास के मध्य यदि अधिकमास हो तो त्रयोदश मासिक की वृद्धि होगी। लेकिन फिर क्रम में परिवर्तन होगा – एकादश-द्वादश-ऊनवार्षिक और त्रयोदश।

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एकादशाह श्राद्ध विधि pdf – सहित | shraddh vidhi | वाजसनेयी

एकादशाह श्राद्ध विधि pdf – सहित | shraddh vidhi | वाजसनेयी – 11 Shraddh

एकादशाह श्राद्ध विधि pdf : हम प्रेत श्राद्ध की बात करते हैं तो वर्त्तमान में उसका तात्पर्य दो-दिवसीय एकादशाह और द्वादशाह श्राद्ध से होता है। इसे षोडश श्राद्ध भी कहा जाता है

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श्राद्ध कर्म विधि मंत्र की विस्तृत जानकारी – shraddh

श्राद्ध कर्म विधि मंत्र की विस्तृत जानकारी – shraddh

श्राद्ध कर्म विधि मंत्र : पिता, पितामह और प्रपितामह पिण्डभाज अर्थात पिण्ड के अधिकारी पुरुष होते हैं, उनसे ऊपर के वृद्धप्रपितामह, अतिवृद्धप्रपितामह और परमातिवृद्धप्रपितामह ये तीनों लेपभाजी पितर होते हैं।

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