नवग्रहों में बुध का चौथा क्रम आता है। जैसे सूर्य, चंद्र और मंगल की शांति विधि मिलती है उसी प्रकार बुध के लिये भी शांति विधि प्राप्त होती है। बुध को सौम्य, सम ग्रह कहा जाता और जिससे संपर्क या दृष्टि आदि युति करे उसके अनुसार फलदायी होता है। इस आलेख में बुध शांति विधि दी गयी है। बुध शांति विधि का तात्पर्य शास्त्रोक्त विधान से बुध के अशुभ फलों की शांति करना है।
बुध शांति के उपाय | बुध शांति मंत्र
सूर्य, चंद्र और मंगल की शांति विधि पूर्व आलेखों में दी गयी है, यहां हम बुध शांति विधि देखेंगे और समझेंगे। बुध ग्रह शांति का तात्पर्य है बुध के अशुभ फलों के निवारण की शास्त्रोक्त विधि। यदि बुध निर्बल हो तो सबल करने के लिये पन्ना आदि धारण करना लाभकारी होता है। किन्तु यदि बुध के कोई अशुभ प्रभाव हों तो उसका निवारण रत्न धारण करना नहीं होता, ग्रहों के अशुभ प्रभाव का निवारण करने के लिये शांति ही करनी चाहिये।
कमजोर (निर्बल) बुध के उपाय
बुध यदि कमजोर अर्थात निर्बल हो तो उसे सबल करने हेतु निम्न उपाय (रत्नादि धारण) किये जा सकते हैं :
- रत्न : पन्ना।
- उपरत्न : ओनेक्स।
- जड़ी : विधारा की जड़।
- दिन : बुधवार।
- समिधा : अपामार्ग (चिड़चिड़ी)
- धातु : स्वर्ण
९ | ४ | ११ |
१० | ८ | ६ |
५ | १२ | ७ |
बुध शांति मंत्र – Budh Shanti Mantra
- वैदिक मंत्र (वाजसनेयी) : ॐ उद्बुध्यस्वाग्ने प्रतिजागृहि त्वमिष्टापूर्ते स ᳪ सृजेथामयं च । अस्मिन्त्सधस्थे अध्युत्तरस्मिन् विश्वेदेवा यजमानश्च सीदत ॥
- वैदिक मंत्र (छन्दोगी) : ॐ अग्ने विवश्वदुषसश्चित्रां राध्नो अमर्त्य आदाशुषे । जातवेदो वहात्वमद्या देवो उषर्बुधः ॥
- तांत्रिक मंत्र : ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं सः बुधाय नमः॥
- एकाक्षरी बीज मंत्र : ॐ बुं बुधाय नमः॥
- जप संख्या : 8000
बुध शांति विधि : बुध ग्रह शांति की विधि अगले पृष्ठ पर दी गयी है। यदि आप अगले पृष्ठ पर जाना चाहते हैं तो नीचे दिये गये बटन “आगे पढ़ें ….” पर क्लिक करें।
Discover more from संपूर्ण कर्मकांड विधि
Subscribe to get the latest posts sent to your email.