देश के सम्मान से जुड़े राम मंदिर में ऐसे निर्णय कौन लेते हैं

राम मंदिर ऐतिहासिक मंदिर है जो देश के इतिहास और राष्ट्रसम्मान से जुड़ा हुआ है। इस कारण राम मंदिर में जो भी हो उसमें शास्त्रोक्त वचनों का अक्षरशः पालन किया जाना चाहिये। यदि उपस्थित निर्णेता शास्त्र से अनभिज्ञ हों तो उन्हें विद्वानों से परामर्श लेना चाहिये और फिर कोई निर्णय करना चाहिये। अभी कुछ नये नियम बनाये गये हैं जिसकी चर्चा यहां की गयी है।

Read More

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) राजनीतिक संगठन है या धार्मिक

जब नये धर्म-शास्त्रों का निर्माण करना चाहते हैं या धर्म-शास्त्रों में परिवर्तन करना चाहते हैं तो जनता को जो-जो शंकायें हों उन शंकाओं का निवारण भी तो करना होगा।

Read More

करम प्रधान विश्व करि राखा का मूल तात्पर्य क्या है ? – karm pradhan vishwa kari rakha

सत्तालोलुप समूह, षड्यंत्रकारी आदि अपने ही कुतर्कों के जाल में किस प्रकार फंसते हैं इसे इस प्रकार से समझा जा सकता है : आज के समय में वर्णव्यवस्था का महत्व नहीं है ।

Read More

राष्ट्रहित सर्वोपरि मानकर राष्ट्र की सुरक्षा के लिये सेना को विशेषाधिकार की आवश्यकता है

एक गंभीर प्रश्न है कि जब सत्ता एवं विपक्ष की राजनीतिक लड़ाई चल रही हो और संविधान का संरक्षक मूकदर्शक बन जाये तो खतड़े में पड़ी राष्टीय सुरक्षा व आम नागरिकों के मौलिक अधिकार को कौन बचायेगा ?

Read More
वर्ण व्यवस्था की उत्पत्ति के सिद्धांत

वर्ण व्यवस्था की उत्पत्ति के सिद्धांत – जन्म से या कर्म से

वर्ण व्यवस्था की उत्पत्ति के सिद्धांत – जन्म से या कर्म से : आज के भारत में वर्ण और जाति का आधार क्या है, इसका निर्णय अब शास्त्र और शास्त्रार्थ से नहीं होगा, जैसे सारे निर्णय राजनीतिक होते हैं उसी तरह वर्ण और जाति का निर्णय भी राजनीति से किया जाएगा धर्मशास्त्रों और प्रमाणों से नहीं। अथवा ये निर्णय आर्यसमाजी करेगा जो स्वयं धर्म-शास्त्रों को नहीं मानता या केवल उतना मानता है जितना प्रचार-प्रसार के लिये अर्थात अस्तित्व के लिये आवश्यक है।

Read More

देश का विकास और शांति के लिये चाहिये एक नया कानून – जैसे को तैसा …

वास्तविक न्याय भी उसी को कहा जा सकता है जिसका मूल सिद्धांत “जैसे को तैसा” हो। न्याय तंत्र का ध्येय ये होना कि अपराध होने के बाद ही हम सक्रिय होंगे लेकिन अपराध रोकने के लिये हम सक्रिय नहीं हो सकते और सरकार/प्रशासन/समाज सबके हाथ भी बांध देंगे ताकि अपराध हो जिससे हमारा (न्याय तंत्र) औचित्य, प्रभाव, शक्ति बढ़ता जाये उचित नहीं है।

Read More

हिन्दू आतंकवाद और असहिष्णुता – क्या हिन्दुओं को अपना अस्तित्व त्याग देना चाहिये ?

जिसने हिन्दुओं के बड़े भू-भाग को हड़प लिया है वो असहिष्णु है या जिसका बड़ा भू-भाग हड़पा गया है वो असहिष्णु है ?
जिसने पारसियों के देश को हड़प लिया वो असहिष्णु है या जिसने पारसियों को शरण दिया वो असहिष्णु है ?
जिसने रक्तपात किया था वो असहिष्णु है या जिसका रक्त बहा वो असहिष्णु है ?

Read More

मंदिर मस्जिद विवाद में एक नये कानून की आवश्यकता है

हिन्दुओं ने गैर हिन्दुओं को या तो भीख में बड़े-बड़े भू-भाग दिया था या उन्होंने हड़प लिया। हिन्दुओं ने दिया है इसलिये हिन्दू का अधिकार स्वतः सिद्ध है।

Read More

अयोध्या धर्मशाला कांटेक्ट नंबर

कई शताब्दी के बाद २२ जनवरी २०२४ को राम लला पुनः अपने श्री अयोध्या धाम के मंदिर में विराजमान हुये हैं। ऐसे में देश विदेश के श्रद्धालु भक्त जन राम लला का दर्शन करना चाहते हैं।

Read More
बलि प्रथा एक अभिशाप क्यों

बलि प्रथा एक अभिशाप क्यों

सब मम प्रिय सब मम उपजाये – ये भगवान राम का कथन है और इसे किसी प्रकार से नकारा नहीं जा सकता कि सारी सृष्टि ईश्वर की ही कृति है। इस अध्याय में हम बलि जिसे प्रथा कहा जाने लगा है और एक अभिशाप सिद्ध किया जा रहा है इसकी उपादेयता, प्रमाणिकता आदि की चर्चा करेंगे।

Read More