नारायण हृदय स्तोत्र संस्कृत में - narayan hridaya stotra

नारायण हृदय स्तोत्र संस्कृत में – narayan hridaya stotra

नारायण हृदय स्तोत्र संस्कृत में – narayan hridaya stotra : हम सब एक मंत्र जानते हैं “त्वमेव माता च पिता त्वमेव त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव ।त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव त्वमेव सर्वं मम देव देव ॥” किन्तु यह किस स्तोत्र में है यह नहीं जानते हैं। अथर्वण रहस्य में भगवान विष्णु का हृदय स्तोत्र है जो नारायण हृदय स्तोत्र नाम से जाना जाता है और यह “त्वमेव माता च पिता त्वमेव” मंत्र इसी स्तोत्र के प्रार्थना में मिलता है।

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गोपाल हृदय स्तोत्र - gopal hriday stotra

गोपाल हृदय स्तोत्र – gopal hriday stotra

गोपाल हृदय स्तोत्र – gopal hriday stotra : भगवान गोपाल का जो हृदय स्तोत्र है उसे गोपाल हृदय स्तोत्र नाम से तो जानते ही हैं, इसके साथ ही इसे विष्णु हृदय स्तोत्र नाम से भी जाना जाता है। यहां गोपाल हृदय स्तोत्र (gopal hriday stotra) संस्कृत में दिया गया है।

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पंचमुखी हनुमान हृदय स्तोत्र - panchmukhi hanuman hridaya stotra

पंचमुखी हनुमान हृदय स्तोत्र – panchmukhi hanuman hridaya stotra

पंचमुखी हनुमान हृदय स्तोत्र – panchmukhi hanuman hridaya stotra : पंचमुखी हनुमान कवच का प्रयोग अधिकतर देखा जाता है और इनका हृदय स्तोत्र भी है जिसे पंचमुखी हनुमान हृदय स्तोत्र या श्रीपञ्चवक्त्रहनुमत् हृदयस्तोत्रम् (panchmukhi hanuman hridaya stotra) नाम से जाना जाता है।

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यहां पढ़ें सरस्वती हृदय स्तोत्र संस्कृत में - saraswati hridaya stotra

यहां पढ़ें सरस्वती हृदय स्तोत्र संस्कृत में – saraswati hridaya stotra

यहां पढ़ें सरस्वती हृदय स्तोत्र संस्कृत में – saraswati hridaya stotra : श्रीब्रह्माण्डपुराण में विद्यादानवाक्सरस्वती हृदय स्तोत्रम् मिलता है जो रुद्रयामल तंत्र में भी सरस्वती स्तोत्र नाम से है। यहां माता सरस्वती को प्रसन्न करने में विशेष महत्वपूर्ण सरस्वती हृदय स्तोत्र (saraswati hridaya stotra) दिये गये हैं।

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यहां पढ़ें मां मातंगी हृदय स्तोत्र संस्कृत में - matangi hridaya stotra

यहां पढ़ें मां मातंगी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – matangi hridaya stotra

यहां पढ़ें मां मातंगी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – matangi hridaya stotra : यहां दक्षिणामूर्तिसंहितोक्त मातंगी हृदय स्तोत्र (matangi hridaya stotra) संस्कृत में दिया गया है।

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यहां पढ़ें मां बगलामुखी हृदय स्तोत्र संस्कृत में - baglamukhi hridaya stotra

यहां पढ़ें मां बगलामुखी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – baglamukhi hridaya stotra

यहां पढ़ें मां बगलामुखी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – baglamukhi hridaya stotra : पीताम्बराविद्या के नाम विख्यात बगलामुखी महाविद्या की साधना प्रायः शत्रुभय से मुक्ति और वाकसिद्धि के लिये की जाती है। इनकी उपासना में हल्दी की माला, पीले फूल और पीले वस्त्रों का विधान बताया गया है। मां बगलामुखी भक्तों जिसके लिए जो उनकी पूजा-अराधना आदि करता है, उनके शरण में जाता है उसे निर्भयता प्रदान करती हैं। विजय कामना से अनेकों देवी-देवताओं की उपासना की जा सकती हैं किन्तु बगलामुखी की उपासना विशेष फलकारक होती है।

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यहां पढ़ें धूमावती माता का हृदय स्तोत्र संस्कृत में - dhumavati hriday stotra

यहां पढ़ें धूमावती माता का हृदय स्तोत्र संस्कृत में – dhumavati hriday stotra

यहां पढ़ें धूमावती माता का हृदय स्तोत्र संस्कृत में – dhumavati hriday stotra : हमारे लिए सब कुछ अच्छा हो एक मायालोक रचता है, जो हमें काम, क्रोध, मद, लोभ और ईर्ष्या के पाश में बाँध देता है। धूमावती माता (dhumavati devi) बड़े उन पाशों को विदीर्ण कर देती हैं जो माया बंधन के कारण दुःखदायी प्रतीत होता है।

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यहां पढ़ें छिन्नमस्ता हृदय स्तोत्र संस्कृत में - chinnamasta hridaya stotra

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता हृदय स्तोत्र संस्कृत में – chinnamasta hridaya stotra

यहां पढ़ें छिन्नमस्ता हृदय स्तोत्र संस्कृत में – chinnamasta hridaya stotra : माता छिन्नमस्ता जो कि दशमहाविद्या में से एक हैं,सकल चिंताओं का अंत करती है और मन में चिन्तित हर कामना को पूर्ण करती हैं; इसलिए उन्हें चिंतपुरणी या चिंतापुरणी भी कहा जाता है। हिमाचल प्रदेश में देवी छिन्नमस्ता का एक प्रसिद्ध मंदिर भी जो चिंतपुरणी मंदिर नाम से जाना जाता है। यहां छिन्नमस्ता हृदय स्तोत्र (chinnamasta hridaya stotra) संस्कृत में दिया गया है।

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यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी हृदय स्तोत्र संस्कृत में - Tripura Bhairavi Hriday stotra

यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – Tripura Bhairavi Hriday stotra

यहां पढ़ें त्रिपुर भैरवी हृदय स्तोत्र संस्कृत में – Tripura Bhairavi Hriday stotra : ब्रह्मांडपुराण में माता त्रिपुर भैरवी को गुप्त योगिनियों की अधिष्ठात्री देवी के रूप में चित्रित किया गया है। मत्स्यपुराण में इनके त्रिपुरभैरवी, रुद्रभैरवी, चैतन्यभैरवी तथा नित्या भैरवी आदि नाम-रूपों का वर्णन प्राप्त होता है। इंद्रियों पर विजय और सर्वत्र उत्कर्ष की प्राप्ति हेतु त्रिपुरभैरवी की उपासना का वर्णन शास्त्रों में मिलता है। यहां त्रिपुर भैरवी हृदय स्तोत्र (Tripura Bhairavi Hriday stotra) संस्कृत में दिया गया है।

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यहां पढ़ें भुवनेश्वरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में ~ bhuvaneshwari hridaya stotra

यहां पढ़ें भुवनेश्वरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में ~ bhuvaneshwari hridaya stotra

यहां पढ़ें भुवनेश्वरी हृदय स्तोत्र संस्कृत में ~ bhuvaneshwari hridaya stotra : श्री नीलसरस्वतीतन्त्र में माता भुवनेश्वरी का हृदय स्तोत्र दिया गया है। यहां नीलसरस्वतीतन्त्रोक्त भुवनेश्वरी हृदय स्तोत्र (bhuvaneshwari hridaya stotra) दिया गया है।

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