यहां पढ़ें धूमावती माता का हृदय स्तोत्र संस्कृत में – dhumavati hriday stotra

यहां पढ़ें धूमावती माता का हृदय स्तोत्र संस्कृत में - dhumavati hriday stotra

हम एक काल्पनिक (मायावी) संसार में जीते हैं, जिसमें सभी वस्तुयें, सारी बातें, सारी घटनायें हमारे अनुसार और सत्य होती प्रतीत होती हैं और तब हम प्रसन्न होते हैं, किन्तु जब अनुकूल नहीं होता, तो हम दुखी हो जाते हैं। क्योंकि हमारे लिए सब कुछ अच्छा हो एक मायालोक रचता है, जो हमें काम, क्रोध, मद, लोभ और ईर्ष्या के पाश में बाँध देता है।

धूमावती माता (dhumavati devi) उन पाशों को विदीर्ण कर देती हैं, बंधनों को मुक्त कर देती है जो प्रारंभ में माया बंधन के कारण दुःखदायी प्रतीत होता है। किन्तु माता धूमावती का साधक जिसके सभी बंधन मुक्त हो जाते हैं वह एकाकी रहने लगता है, प्रसन्न रहता है। यहां धूमावती हृदय स्तोत्र (dhumavati hriday stotra) संस्कृत में दिया गया है।

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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