छठ व्रत की पूजा विधि का अवलोकन करके है सभी व्रती को नियमानुसार ही व्रत-पूजा आदि करनी चाहिये। इस बार 2023 में एक विशेष नियम देखा जा रहा है कि पञ्चाङ्गों में सुबह का अर्घ्य (प्रातः कालीन अर्घ्य) सूर्योदय से पहले ही देने का स्पष्ट निर्देश किया गया है। आखिर क्यों ऐसा होगा ? हर वर्ष तो सूर्योदय के बाद अर्घ्य दिया जाता है फिर इस बार सूर्योदय से पहले अर्घ्य देने का कारण क्या है ?
छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं
आगे की चर्चा से पहले आप सभी को छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनायें। भगवान सूर्य और छठी मैया की कृपा से आपके जीवन में सुख-शांति-समृद्धि का विस्तार हो, सर्वविध कल्याण मार्ग प्रशस्त हो।
तिथि काल :
- षष्ठी : 19/11/2023, रविवार, प्रातः 7:23 बजे तक।
- सप्तमी : क्षय (लोप) रविवार 29:21 बजे तक (प्रातः 5:21 बजे तक)।
- अष्टमी : 20/11/2023 सोमवार सूर्योदय पूर्व आरंभ।
सूर्योदय : 6:07 बजे प्रातः (बेगूसराय)
अर्थात सप्तमी सूर्योदय से लगभग पौने घंटा या 2 दण्ड पहले ही समाप्त हो जायेगी और अगले दिन 20/11/2023 सोमवार को सूर्योदय काल से पहले ही अष्टमी आरंभ हो जायेगा तो सप्तमी उपलब्ध नहीं होगा। शास्त्रों के अनुसार अगले दिन की गणना अष्टमी में होगी जबकि प्रातः कालीन अर्घ्य सप्तमी में देना चाहिये और अष्टमी में पारण करना चाहिये।
सुबह का अर्घ सूर्योदय से पहले क्यों दिया जायेगा ?

- चूँकि सूर्योदय के बाद अष्टमी मान्य होगा और सूर्योदय से पूर्व सप्तमी क्षय होने पर भी मान्य होगा।
- सूर्योदय से पहले अष्टमी मान्य नहीं होगा।
- इसलिये प्रातःकालीन अर्घ सूर्योदय से कुछ समय पूर्व अरुणोदय काल में देने का निर्देश सभी पञ्चाङ्गो में किया गया है।
- पूर्व में भी यदि कभी ऐसी स्थिति हुई तो यही नियम था भविष्य में भी यदि कभी ऐसा होगा तो पुनः सूर्योदय से पहले ही अर्घ्य दिया जायेगा।
छठ पूजा की विधि संकल्प एवं अर्घ्य मंत्र को पढ़ें
2023 में छठ व्रत की पूजा विधि में विशेष नियम के अनुसार, सप्तमी तिथि सूर्योदय से पहले ही समाप्त हो जाएगी और अगले दिन, 20/11/2023 सोमवार को, सूर्योदय से पहले ही अष्टमी आरंभ हो जाएगी। इसलिए, सूर्योदय से पहले ही प्रातः कालीन अर्घ्य दिया जाएगा। यह निर्देश सभी पंचांगों में स्पष्ट रूप से दिया गया है।