भगवान नारायण की पूजा करनी हो तो लक्ष्मी के साथ और लक्ष्मी की पूजा करनी हो तो नारायण के करना विशेष लाभकारी होता है। इस स्थिति में ऐसा स्तोत्र जो दोनों का संयुक्त हो उसकी भी आवश्यकता होती है क्योंकि पूजा में स्तोत्र पाठ भी किया जाता है। यहां श्रीकृष्ण कृत लक्ष्मी नारायण स्तोत्र संस्कृत में (laxmi narayan stotram) संस्कृत में दिया गया है।
लक्ष्मी नारायण स्तोत्र संस्कृत में – laxmi narayan stotram
॥ ध्यानम् ॥
चक्रं विद्यावरघटगदादर्पणं पद्मयुग्मं
दोर्भिर्बिभ्रत्सुरुचिरतनुं मेघविद्युन्निभाभम् ।
गाढोत्कण्ठं विवशमनिशं पुण्डरीकाक्षलक्ष्म्योः
एकीभूतं वपुरवतु वः पीतकौशेयकान्तम् ॥१॥
शङ्खचक्रगदापद्मकुम्भादर्शाब्जपुस्तकम् ।
बिभ्रतं मेघचपलवर्णं लक्ष्मीहरिं भजे ॥२॥
विद्युत्प्रभाश्लिष्टघनोपमानौ
शुद्धाशये बिम्बितसुप्रकाशौ ।
चित्ते चिदाभौ कलयामि लक्ष्मी-
नारायणौ सत्त्वगुणप्रधानौ ॥३॥
॥ स्तोत्रम् ॥
लोकोद्भवस्थे मलयेश्वराभ्यां
शोकोरुदीनस्थितिनाशकाभ्याम् ।
नित्यं युवाभ्यां नतिरस्तु लक्ष्मी-
नारायणाभ्यां जगतः पितृभ्याम् ॥४॥
सम्पत्सुखानन्दविधायकाभ्यां
भक्तावनानारतदीक्षिताभ्याम् ।
नित्यं युवाभ्यां नतिरस्तु लक्ष्मी-
नारायणाभ्यां जगतः पितृभ्याम् ॥५॥
दृष्ट्वोपकारे गुरुतां च पञ्च-
विंशावतारान् सरसं दधद्भ्याम् ।
नित्यं युवाभ्यां नतिरस्तु लक्ष्मी-
नारायणाभ्यां जगतः पितृभ्याम् ॥६॥
क्षीराम्बुराश्यादि विराट्भवाभ्यां
नारं सदा पालयितुं पराभ्याम् ।
नित्यं युवाभ्यां नतिरस्तु लक्ष्मी-
नारायणाभ्यां जगतः पितृभ्याम् ॥७॥
दारिद्र्यदुःखस्थितिदारकाभ्यां
दययैव दूरीकृतदुर्गतिभ्याम् ।
नित्यं युवाभ्यां नतिरस्तु लक्ष्मी-
नारायणाभ्यां जगतः पितृभ्याम् ॥८॥
भक्तव्रजाघौघविदारकाभ्यां
स्वीयाशयोद्धूतरजस्तमोभ्याम् ।
नित्यं युवाभ्यां नतिरस्तु लक्ष्मी-
नारायणाभ्यां जगतः पितृभ्याम् ॥९॥
रक्तोत्पलाभाभवपुर्धराभ्यां
पद्मारिशङ्खाब्जगदाधराभ्याम् ।
नित्यं युवाभ्यां नतिरस्तु लक्ष्मी-
नारायणाभ्यां जगतः पितृभ्याम् ॥१०॥
अङ्घ्रिद्वयाभ्यर्चककल्पकाभ्यां
मोक्षप्रदप्राक्तनदम्पतीभ्याम् ।
नित्यं युवाभ्यां नतिरस्तु लक्ष्मी-
नारायणाभ्यां जगतः पितृभ्याम् ॥११॥
इदं तु यः पठेत् स्तोत्रं लक्ष्मीनारायणाष्टकम् ।
ऐहिकामुष्मिकसुखं भुक्त्वा स लभतेऽमृतम् ॥१२॥
॥ इति श्रीकृष्णकृतं लक्ष्मीनारायणाष्टकस्तोत्रं समाप्तम् ॥
कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।