सत्यनारायण पूजा विधि मंत्र सहित – Satyanarayan Puja Vidhi

सत्यनारायण पूजा विधि मंत्र सहित

तत्पश्चात ब्रह्मा के निमित्त अर्घ्यपात्र में अक्षत-पुष्प-चंदन-जल आदि लेकर ॐ ब्रह्मणे नमः से भूमि पर ही एक बार अर्घ्य प्रदान करें।

तत्पश्चात कथा श्रवण करें। सम्पूर्ण श्रीसत्यनारायण व्रत कथा पृष्ठ पर जाने के लिये यहां क्लिक करें।

कथा श्रवण करने के पश्चात् आरती, पुष्पांजलि, प्रार्थना, प्रदक्षिणा, साष्टांग प्रणाम आदि करके विसर्जन करे और दक्षिणा करे।

आरती एवं भजन के लिये यहां क्लिक करें।

F & Q :

प्रश्न : घर पर सत्यनारायण पूजा कैसे करें?
उत्तर : घर पर सत्यनारायण पूजा करने के लिये सामग्रियों की व्यवस्था कर लें। ब्राह्मण को आमंत्रित करें।

  • सिंहासन या छोटी चौकी में केला पत्ता आदि बांधकर सजा लें।
  • पूजा के लिये शालिग्राम या तिलपुंज स्थापित करें।
  • नित्यकर्म करके संकल्प करें फिर अष्टदल बनाकर कलश स्थापित करें।
  • कलशपूजन के बाद अङ्गदेवता की पूजा करें।
  • फिर भगवान सत्यनारायण की षोडशोपचार अथवा उपलब्ध पूजन सामग्री के अनुसार पूजा करके कथा श्रवण करें।
  • संस्कृत कथा श्रवण का ही महत्व है इसलिये कथा संस्कृत (देववाणी) में अवश्य सुने।
  • आरती करके प्रदक्षिणा, क्षमा प्रार्थना आदि करें।

प्रश्न : सत्यनारायण की पूजा कब करना चाहिए?
उत्तर : सत्यनारायण पूजा किसी भी दिन की जा सकती है, क्योंकि सत्यनारायण व्रत कथा में ही लिखा हुआ है : “यस्मिन् कस्मिन् दिने मर्त्यो भक्तिश्रद्धा समन्वितः।” अर्थात भक्ति-श्रद्धा जिस दिन हो उस दिन पूजा की जा सकती है। सत्यनारायण पूजा का विशेष फल प्राप्त करने के लिये प्रदोषकाल में पूजा करना को उत्तम माना गया है। लेकिन दिन में भी पूजा की जा सकती है।

प्रश्न : सत्यनारायण की पूजा में क्या क्या सामान लगता है?
उत्तर : सत्यनारायण भगवान की पूजा में पान, सुपारी, तिल, जौ, चावल, चंदन, मौली, कलश, दीप, धूप, नैवेद्य, इत्यादि बहुत सारी सामग्री लगती है। पूरी सामग्री लिस्ट के लिये पीडीऍफ़ फाइल भी डाउनलोड कर सकते हैं।

प्रश्न : सत्यनारायण भगवान का मंत्र क्या है?
उत्तर : विष्णु भगवान ही सत्यनारायण भगवान भी हैं और भगवान विष्णु के वैदिक मंत्र ही सत्यनारायण भगवान के भी मंत्र हैं। सत्यनारायण भगवान का नाम मंत्र है : ॐ भूर्भुवः स्वः भगवते श्रीसत्यनारायणाय नमः।

प्रश्न : सत्यनारायण पूजा के लिए अतिथि को क्या लेना चाहिए?
उत्तर : सत्यनारायण पूजा करने का एक नियम है बंधु-बांधवों को भी आमंत्रित करने का नियम है। जब भी किसी पूजा-कथा में जायें रिक्तहस्त (खाली हाथ) कभी नहीं जाना चाहिये। फल, मिष्टान्न, पत्र, पुष्प जो कुछ भी हो सके अवश्य अर्पित करना चाहिये।

प्रश्न : सत्यनारायण भगवान की असली कथा क्या है?
उत्तर : सत्यनारायण भगवान की असली कथा जो संस्कृत में है वो है और कथा श्रवण का पुण्य संस्कृत में कथा सुनने से ही मिलता है। समझने के लिये अन्य भाषाओं में भी सुनना चाहिये।

नित्य कर्म पूजा पद्धति मंत्र

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

Leave a Reply