कर्म का फल भोगना ही पड़ता है तो दुःख का कारण अज्ञान कैसे

कर्म का फल भोगना ही पड़ता है तो दुःख का कारण अज्ञान कैसे

कर्म का फल : एक ओर कर्मफल के भुक्ति का प्रमाण है वहीं दूसरी ओर दुःख का कारण अज्ञान है ये प्रमाण है, परस्पर विरोधाभाषी प्रतीत होता है, यदि कर्मफल के कारण सुख-दुःख की प्राप्ति होती है तो फिर अज्ञान कैसे कारण सिद्ध होता है। वहीं कर्म के विषय में भी ऐसा प्रमाण है कि बिना भोगे कर्म का क्षय नहीं होता है तो दूसरी ओर पाप नाश का भी प्रमाण है और अनंत कथायें हैं जिसमें भगवान की कृपा से पाप का नाश भी होता है यह सिद्ध होता है।

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