यहां पढ़ें दुर्गा पञ्जर स्तोत्र संस्कृत में - durga panjar stotram

यहां पढ़ें दुर्गा पञ्जर स्तोत्र संस्कृत में – durga panjar stotram

यहां पढ़ें दुर्गा पञ्जर स्तोत्र संस्कृत में – durga panjar stotram : माता दुर्गा का पंजर स्तोत्र मार्कण्डेय पुराण में वर्णित है। यहां विनियोग और ध्यान सहित संस्कृत में दुर्गा पंजर स्तोत्र है।

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यहां पढ़ें अनेकों दुर्गा कवच स्तोत्र संस्कृत में - durga kavach sanskrit

यहां पढ़ें अनेकों दुर्गा कवच स्तोत्र संस्कृत में – durga kavach sanskrit

यहां पढ़ें अनेकों दुर्गा कवच स्तोत्र संस्कृत में – durga kavach sanskrit : यहां सर्वप्रथम कुब्जिकातन्त्रोक्त दुर्गा कवच (श्लोक संख्या 10) दिया गया है तदनंतर मुण्डमालातन्त्रोक्त प्रथम और द्वितीय दुर्गा कवच (श्लोक संख्या 18 और 19) पुनः ब्रह्मवैवर्त पुराणोक्त दुर्गा कवच (श्लोक संख्या 19) दिया गया है। सभी दुर्गा कवच संस्कृत में हैं।

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यहां पढ़ें माँ दुर्गा ध्यान मंत्र संस्कृत में - durga dhyan mantra

यहां पढ़ें माँ दुर्गा ध्यान मंत्र संस्कृत में – durga dhyan mantra

यहां पढ़ें माँ दुर्गा ध्यान मंत्र संस्कृत में – durga dhyan mantra : “जटाजूटसमायुक्तामर्द्धेन्दुकृतशेखराम्” में कुल १३ श्लोक हैं जो विशेष पूजा आदि करते समय पाठ किया जाता है। पहले माता दुर्गा के ध्यान का “जटाजूटसमायुक्ताम्” 13 श्लोकों वाला ध्यान मंत्र दिया गया है और तदनंतर अन्य अनेकानेक ध्यान मंत्र दिये गये हैं। सभी ध्यान मंत्र संस्कृत में हैं क्योंकि मंत्र संस्कृत में होते हैं और मंत्रों के संस्कृत में होने का कारण है संस्कृत ही देववाणी है।

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यहां पढ़ें दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में - durga ashtottar shatnam stotram

यहां पढ़ें दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में – durga ashtottar shatnam stotram

यहां पढ़ें दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में – durga ashtottar shatnam stotram : यहां दो दुर्गा अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र दिया गया है जिनमें से एक “दुर्गा शिवा महालक्ष्मी” है और दूसरा जो दुर्गा सप्तशती में भी देखा जाता है “सती साध्वी भवप्रीता” जो श्रीविश्वसारतन्त्र से लिया गया है। इसके साथ ही अष्टोत्तर शतनामावली भी दिया गया है।

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यहां पढ़ें दुर्गा सहस्रनाम स्तोत्रम संस्कृत में - durga sahasranama stotram

यहां पढ़ें दुर्गा सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में – durga sahasranama stotram

यहां पढ़ें दुर्गा सहस्रनाम स्तोत्रम संस्कृत में – durga sahasranama stotram : तन्त्रराजतन्त्र में माता दुर्गा का महत्वपूर्ण “दुर्गा दुर्गतिहरा” सहस्रनाम स्तोत्र दिया गया है। यहां विनियोग, न्यास और ध्यान सहित दुर्गा सहस्रनाम स्तोत्र (durga sahasranama stotram) संस्कृत में दिया गया है।

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यहां पढ़ें दकारादि दुर्गा सहस्रनाम स्तोत्रम संस्कृत में - dakaradi durga sahasranama

यहां पढ़ें दकारादि दुर्गा सहस्रनाम स्तोत्रम संस्कृत में – dakaradi durga sahasranama

यहां पढ़ें दकारादि दुर्गा सहस्रनाम स्तोत्रम संस्कृत में – dakaradi durga sahasranama : कुलार्णव तन्त्र में दुर्गा का दकारादि सहस्रनाम स्तोत्र दिया गया है जिसका विशेष महत्व है। इसमें 232 श्लोक हैं और माता दुर्गा के सहस्रनाम हैं, सभी नामओं का प्रथम अक्षर “द” है जिसके कारण इसे दकारादि दुर्गा सहस्रनाम (dakaradi durga sahasranamam) कहा जाता है। यहां माता दुर्गा का दकारादि सहस्रनाम स्तोत्र (dakaradi durga sahasranama) संस्कृत में दिया गया है।

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भवान्यष्टकम् संस्कृत – न तातो न माता

भवान्यष्टकम् संस्कृत – न तातो न माता

भगवती को प्रसन्न करने के लिये पूजा अनुष्ठानों में भवान्यष्टक बड़े भक्ति भाव से गाते देखा जाता है। इस स्तुति में भक्त स्वयं को सभी प्रकार से दीन-हीन होने की घोषणा करता है

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दुर्गा आपदुद्धारक स्तोत्र हिन्दी अर्थ सहित – durga apaduddharaka stotram

दुर्गा आपदुद्धारक स्तोत्र हिन्दी अर्थ सहित – durga apaduddharaka stotram

दुर्गा आपदुद्धार स्तोत्र सिद्धीश्वरीतंत्र में उमामहेश्वर संवाद के रूप में वर्णित है।
इसके पाठ से सभी प्रकार के आपदाओं का निवारण होता है।
प्राणीमात्र के लिये सबसे बड़ी आपदा जन्म-मृत्यु का बंधन है।
इसके साथ ही सांसारिक जीवन में भी कई प्रकार के आपत् देखे जाते हैं।
दुर्गा आपदुद्धार स्तोत्र का पाठ करना सांसारिक आपत् का भी निवारक है।

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महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र – अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते

महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र – अयि गिरिनन्दिनि नन्दितमेदिनि विश्वविनोदिनि नन्दिनुते

महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र एक बहुत ही सुंदर स्तोत्र है जिसे भगवती की अर्चना में लयपूर्वक पढ़ा जाता है। इसका प्रयोग पुष्पांजलि हेतु भी किया जा सकता है। महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र में कुल २२ श्लोक मिलते हैं। इस आलेख में महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र हिंदी अर्थ सहित दिया गया है। इसके साथ ही भगवती के अनेकों अन्य स्तोत्रों के अनुगमन पथ भी दिये गये हैं जिसका अनुसरण करते हुये अन्य स्तोत्रों का भी अवलोकन करना सरल हो जाता है।

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देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम् – देवी अपराध क्षमापन स्तोत्र

देव्यपराधक्षमापनस्तोत्रम् – देवी अपराध क्षमापन स्तोत्र

इसका प्रार्थना का भाव इतना गंभीर है कि कुटिल जीव का भी हृदय द्रवित हो जाये। फिर जो माता स्वभावतः भक्तों के ऊपर दया करने को आतुर रहती है उनके लिये तो कहना ही क्या ?

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