श्री राघवयादवीयम् - shri raghav yadaviyam

श्री राघवयादवीयम् – shri raghav yadaviyam

श्री राघवयादवीयम् – shri raghav yadaviyam : सतरहवीं सदी में कांचीपुरम के वेंकटाध्वरि द्वारा रचित श्री राघवयादवीयम् एक अनुपम काव्य है जिसे अनुलोम विलोम काव्य नाम से भी जाना जाता है। जैसे कवि सूर्य कृत “श्रीरामकृष्ण विलोम काव्यं” स्वयं में अद्वितीय है उसी प्रकार से और उसी कड़ी में ही श्री राघवयादवीयम् भी है जिसमें ३० श्लोक उपलब्ध हैं और यथावत पढ़ने पर रामचरित है तो विलोम करके पढ़ने पर कृष्ण चरित हो जाता है।

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