संपूर्ण कर्मकांड विधि

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व्यापार कैसे बढ़ाएं - रेस्टोरेंट (भोजनालय)

व्यापार कैसे बढ़ाएं – रेस्टोरेंट (भोजनालय)

यह आलेख भोजनालय व्यवसाय की वृद्धि के उपायों पर केंद्रित है, जिसमें ग्रहों के प्रसन्नता का महत्व बताया गया है। यदि किसी का व्यवसाय मिठाईयों आदि पर है, तो चंद्र ग्रह को प्रसन्न करना चाहिए, जबकि यदि नास्ते-भोजन आदि मुख्य वस्तु है, तो शुक्र ग्रह को प्रसन्न करना चाहिए।

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मेरे पास किराने की दुकान है, व्यापार वृद्धि के उपाय कौन से हैं ?

मेरे पास किराने की दुकान है, व्यापार वृद्धि के उपाय कौन से हैं

यदि आपके पास विविध सामान बेचने की दुकान है, तो व्यापार वृद्धि के लिए बुद्ध ग्रह की उपासना सबसे सही है। व्यापार या कारोबार का कारक ग्रह बुद्ध है और ऐसी स्थिति में उसकी उपासना विशेष रूप से उपयुक्त है। बुद्ध यंत्र की स्थापना, मंत्र-स्तोत्र का जप व्यापार की उन्नति में सहायक साबित हो सकता है।

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खरमास कब से कब तक है

खरमास कब से कब तक है ~ Kharmas

खरमास कब से कब तक है ~ Kharmas : जब सूर्य धनु और मीन राशि में होता है, उसे खरमास कहते हैं। इस दौरान सूर्य का तेज मंद हो जाता है और सभी प्रकार के मांगलिक कार्य निषिद्ध होते हैं। 2023 में खरमास 13 दिसम्बर से 14 जनवरी तक और 2024 में 14 मार्च से 13 अप्रैल और फिर 15 दिसम्बर 2024 से 14 जनवरी 2025 तक रहेगा। इस महीने में मांगलिक कार्यों के आयोजन का निषेध होता है।

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सत्यनारायण पूजा विधि मंत्र सहित

सत्यनारायण पूजा विधि मंत्र सहित – Satyanarayan Puja Vidhi

सत्यनारायण पूजा विधि मंत्र सहित – Satyanarayan Puja Vidhi : १. पवित्रीकरण मंत्र : ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थाङ्गतोऽपि वा। य: स्मरेत् पुण्डरीकाक्षं स: बाह्याऽभंतर: शुचि:॥ ॐ पुण्डरीकाक्षः पुनातु ॥ हाथ में गंगाजल/जल लेकर इस मंत्र से शरीर और सभी वस्तुओं पर छिड़के ।२. आसन पवित्रीकरण मंत्र : ॐ पृथ्वि त्वया धृता लोका देवि त्वं विष्णुनाधृता। त्वं च धारय मां देवि पवित्रं कुरु चासनम्॥ इस मंत्र से आसन पर जल छिड़क कर आसनशुद्धि करें।

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सत्यनारायण भगवान के भजन - भक्ति भजन हिंदी लिखित में

सत्यनारायण भगवान के भजन – भक्ति भजन हिंदी लिखित में

सत्यनारायण भगवान के भजन – भक्ति भजन हिंदी लिखित में : यह पोस्ट सत्यनारायण भगवान की आराधना के गानों, आरतियों और भजनों से संपन्न हैं, उनकी कहानियों और पूजा विधान के विषय में जानकारी प्रदान करते हैं। ये श्रद्धा और भगवान के प्रति अपनी समर्पण की भावना को व्यक्त करने का एक अद्वितीय माध्यम प्रस्तुत करते हैं। यह संपूर्ण पोस्ट भक्ति, विश्वास और भगवान के प्रति अद्वितीय प्रेम को उजागर करती है।

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सत्यनारायण पूजा सामग्री

सत्यनारायण पूजा सामग्री एवं नियम

सत्यनारायण पूजा सामग्री : कलयुग में भगवान सत्यनारायण की पूजा का विशेष महत्व कहा गया है। सत्यनारायण पूजा को शीघ्र फल प्रदान करने वाला भी कहा गया है। भगवान विष्णु ने नारद को सत्यनारायण-व्रत-पूजा का महत्व बताते हुये स्वयं कहा है – सत्यनारायणस्येदं व्रतं सम्यग्विधानतः। कृत्वा सद्यः सुखं भुक्त्वा परत्र मोक्षमालभेत्।।

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कारोबार बढ़ाने के उपाय जो सबसे अधिक प्रभावशाली है

कारोबार बढ़ाने के उपाय जो सबसे अधिक प्रभावशाली है

यह आलेख व्यापार वृद्धि के विभिन्न उपायों पर प्रकाश डालता है। इसमें बताया गया है कि कारोबार की वस्तु से संबंधित ग्रह को प्रसन्न करना कारोबार को बढ़ाने का प्रमुख उपाय है। ग्रहों के साथ जुड़ी विभिन्न वस्तुएँ, उनके मंत्र-रत्न, और उनसे मिलने वाले लाभ के विषय में चर्चा की गई है। यह आलेख व्यापारी के लिए श्रीदुर्गा सप्तशती के एक प्रभावशाली मंत्र का भी वर्णन करता है जो व्यापार वृद्धि में सहायता करता है।

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व्यापार बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए ? व्यापार बढ़ाने का सबसे बड़ा उपाय

व्यापार बढ़ाने के लिए क्या करना चाहिए ? व्यापार बढ़ाने का सबसे बड़ा उपाय

इस पोस्ट में यदि किसी व्यापार की वृद्धि नहीं हो रही हो, तो उसके व्रद्धि के लिए उपायों पर विचार किया गया है। इसमें बताया गया है कि सेवाओं को बेहतर बनाने, ग्राहकों की आवश्यकताओं को समझने, व्यापार स्थल को स्वच्छ बनाए रखने, कर्तव्यनिष्ठा और आत्मनिरीक्षण के माध्यम से व्यापार की संभावनाएं बढ़ाई जा सकती हैं। सबसे महत्वपूर्ण उपाय के रूप में, अपने व्यापार के वस्तु के ग्रह को समझने और उसके प्रति सकारात्मक रवैया अपनाने का सुझाव दिया गया है। यहां कई तरह की वस्तुओं और उनके संबंधित ग्रहों, मंत्रों की चर

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मकर संक्रांति का महत्व क्या है ? दान करने की विधि

मकर संक्रांति का महत्व क्या है ? दान करने की विधि

मकर संक्रांति का महत्व क्या है ? दान करने की विधि : मकर संक्रांति एक धार्मिक और खगोलीय महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के समय मनाया जाता है। यह महत्वपूर्ण पर्व शिशिर ऋतु के आगमन को चिन्हित करता है जो विशेष ठंड के महीने की शुरुआत होती है। इस दिन विशेष रूप से तिल का उपयोग होता है, इसलिए इसे तिलसंक्रांति भी कहा जाता है। स्नान, दान और पूजन, मकर संक्रांति के पुण्य काल के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। यह पर्व धर्म, खगोल विज्ञान और सामाजिक आयोजनों के संगम का प्रतीक है।

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मकर संक्रांति कब है 14 या 15 को

मकर संक्रांति कब है 14 या 15 को

मकर संक्रांति कब है 14 या 15 को : मकर संक्रांति 2024 में 15 जनवरी; सोमवार को होगी। मकर संक्रांति हर बार 14 जनवरी को होता है; तो अब 15 जनवरी को क्यों होगा? इसका उत्तर यह है कि सूर्य मकर राशि में 14 जनवरी की आधी रात के बाद प्रविष्ट होंगे। पुण्यकाल का निर्धारण यह स्वीकार करता है कि सूर्य का निकटतम उदित होने का दिन ही प्रमाणिक होता है। मकर संक्रांति का अर्थ है सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करना। सूर्य जब मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो देवताओं का दिन आरम्भ होता है। मकर संक्रांति में किया गया स्नान-दान विशेष पुण्यदायक होता है।

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