दृष्टिकोण एक बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है और दृष्टिकोण उस व्यक्ति के पास भी होता है जो दृष्टिविहीन हो। इस आलेख में दृष्टिकोण का तात्पर्य अर्थात् अर्थ क्या होता है, दृष्टिकोण के कितने प्रकार होते हैं, वैज्ञानिक दृष्टिकोण क्या है, सकारात्मक दृष्टिकोण क्या है, समग्र दृष्टिकोण क्या है इत्यादि को समझने का प्रयास उदहारण सहित किया गया है।
क्या आप दृष्टिकोण का अर्थ जानते हैं ? दृष्टिकोण के प्रकार, उपादेयता समग्र जानकारी
दृष्टिकोण की चर्चा से पूर्व सर्वप्रथम दृष्टिकोण को समझना आवश्यक है। दृष्टिकोण में दो शब्द हैं दृष्टि और कोण। दृष्टि का अर्थ देखना है और कोण का अर्थ एक आंशिक भाग होता है। प्रत्यक्ष नेत्रों से भी जब हम किसी वस्तु को देखते हैं तो वह आंशिक भाग ही दिखता है सम्पूर्ण नहीं। एक छोटे-से-छोटे कण को भी एक बार में पूरा नहीं देखा जा सकता आंशिकभाग मात्र ही देखा जा सकता है।
इस प्रकार से कोण स्वतः ही दृष्टि में समाहित है, दृष्टि में अलग से कोण शब्द का योग करने की आवश्यकता नहीं होती किन्तु फिर भी अतिरिक्त रूप से कोण का योग करने पर समझने में सहजता होती है।
दृष्टिकोण का अर्थ : वस्तु-विषय के किसी विशेष आंशिक भाग को देखना, समझना, उसके बारे में ज्ञान प्राप्त करना दृष्टिकोण कहलाता है।
दृष्टिकोण स्वयं ही एकांगी होने का परिचय देता है और दृष्टिकोण के आधार पर वस्तु-विषय के उस भाग का ज्ञान प्राप्त होता है जिसे देखा जाता है अर्थात उस भाग का ज्ञान प्राप्त नहीं होता जो नहीं दिख रहा हो। एक मोबाईल को चारों दिशाओं से चार अलग-अलग व्यक्ति देखे तो चारों को अलग-अलग आंशिक भाग का ज्ञान प्राप्त होगा और चारों व्यक्ति को बताने के लिये कहा जाय तो अलग-अलग बातें बताएगा।
इस प्रकार यह स्पष्ट होता है कि प्रत्येक विषय-वस्तु के अनेक भाग होते हैं किन्तु द्रष्टा उसके प्रत्येक भाग को नहीं देख सकता किसी एक भाग को ही देख सकता है एवं तदनुसार उसका ज्ञान प्राप्त कर सकता है। किसी वस्तु के बारे में समग्र ज्ञान प्राप्त करने के लिये यह आवश्यक होता है कि उसे सभी ओर से देखा जाय।
दृष्टिकोण के प्रकार
शरीर के साथ आत्मा का भी अस्तित्व है और इसी कारण मुख्य रूप से दृष्टिकोण के दो ही प्रकार होते हैं : भौतिक दृष्टिकोण और आध्यात्मिक दृष्टिकोण। दो नेत्रों का होना भी यही सिद्ध करता है कि किसी विषय-वस्तु के एक प्रकार (भौतिक दृष्टिकोण) से न देखा जाय दूसरे प्रकार से भी (आध्यात्मिक दृष्टिकोण) से भी देखा जाय।