गृह प्रवेश पूजा विधि – Grihpravesh vidhi

गृह प्रवेश पूजा विधि

गृह प्रवेश विधि

फिर निर्धारित शुभ मुहूर्त/लग्न में सपरिवार नवीन वस्त्राभूषणादि धारण करके सेविका (अथवा पत्नी) के सिर पर कलश देकर अन्य सदस्य दही पात्र, भगवान की प्रतिमा-चित्र, फल आदि लेकर गृहद्वार पर गाय की पूजा करके गाय को दाहिने भाग में रखते हुये ब्राह्मण को आगे करके स्वस्तिवाचन/मङ्गल गान आदि करते हुये घर की प्रदक्षिणा करके मुख्य द्वार से इष्ट/कुलदेवता आदि का स्मरण करते हुये प्रवेश करे – 

गृह प्रवेश मंत्र : ॐ धर्मस्थूणा राज ᳪ श्रीस्तूयमहोरात्रे द्वारफलके इन्द्रस्य गृहावसमतो वरूथिनहं प्रपद्ये सह प्रजया पशुभिः सह यन्मे किञ्चिदस्युपहतः सर्वगणः सखायः साधु संमतः तां त्वा शालेदिष्टपीठा गृहान्नः सन्तु सर्वतः ॥

गृहप्रवेश करके कलश को आकाश पद में रखे। भगवान की प्रतिमा आदि पूजा गृह में स्थापित करे। फिर पुण्याहवाचन, कलश-गणेश पूजन आदि करके आरती करे। देवता विसर्जन, दक्षिणा, अभिषेक आदि के बाद प्रार्थना करे –

प्रार्थना – ॐ प्रार्थयामीत्यहं देवं शालायामधिपस्तु यः । प्रायश्चित्तप्रसंगेन गृहार्थे यन्मया कृतम् ॥ मूलच्छेदं तृणच्छेदं कृमीणां च निपातनम् । हननं जलजीवानां भूमेः शस्त्रेण पातनम् ॥ अनृतं भाषितं यच्च किचिदर्थस्य पातनम्।  तत्सर्वं ही क्षमस्व त्वं यन्मया दुष्कृतं कृतम् ॥ गृहार्थे यत्कृतं पापमज्ञानेनाथ चेतसा । तत्सर्वं क्षम्यता देवि शाले मम क्षमां कुरु ॥

तत्पश्चात अन्य लोकाचार पूर्वक शेष कार्य सम्पादित करे; यथा : सभी घरों में कलश स्थापित करना, धूप-दीप आदि जलाना, घर को (कोने-कोने में) पूजना आदि । फिर आरती, विसर्जन, दक्षिणा आदि करके घर में ब्राह्मण भोजन कराये।

यह गृहप्रवेश पद्धति कई ग्रंथों का अवलोकन करके सम्पादित की गयी है, जिस कारण गृह प्रवेश पूजा विधि हेतु विशेष उपयोगी सिद्ध हो सकता है। किसी भी प्रकार की त्रुटि के लिये या अपना अमूल्य विचार प्रदान करने के लिये टिप्पणि अवश्य करें।

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F & Q :

प्रश्न : नए घर में क्या लेकर जाना चाहिए?
उत्तर : हाथों में कलश, भगवान की प्रतिमा/चित्र, दक्षिणावर्ती शंख, दही से भरा हुआ मटका, फल इत्यादि वस्तुयें लेकर नये घर मेंप्रवेश करना चाहिये।

प्रश्न : गृह प्रवेश में किसकी पूजा होती है?
उत्तर : गृह प्रवेश में मुख्यतः वास्तु की पूजा होती है, बाकि पूजा उसका अंग होता है।

प्रश्न : नए घर में कलश कहां लगाते हैं?
उत्तर : जिस कलश को लेकर गृह प्रवेश करते हैं, उसे अग्निकोण के आकाशपद में स्थापित करते हैं। इसके अतिरिक्त सभी घरों में, द्वार पर, हॉल में सभी जगह अन्य कलश रखा जाता है।

प्रश्न : शनिवार के दिन घर में प्रवेश करना अशुभ क्यों होता है?
उत्तर : यह प्रश्न गलत है। शनिवार के दिन गृहप्रवेश निषिद्ध नहीं है। यदि आप भी ऐसा सोचते हैं तो यह भ्रममात्र है; क्योंकि ज्योतिष शास्त्रों में शनिवार के दिन भी गृह प्रवेश प्रशस्त है।

प्रश्न : क्या रविवार को नए घर में जाना अच्छा है?
उत्तर : नहीं रविवार के दिन नये घर में प्रवेश करना अशुभ है।

प्रश्न : क्या शिफ्टिंग के बाद गृह प्रवेश पूजा कर सकते हैं?
उत्तर : पूजा शिफ्टिंग से पहले ही करनी चाहिये। यदि पहले न कर पायें या शिफ्टिंग वाले दिन भी न कर पायें तो बाद में भी वास्तुपूजा की जानी चाहिये।

नित्य कर्म पूजा पद्धति मंत्र

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।


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