गृह निर्माण हो जाने के पश्चात् उस घर में निवास करने से पूर्व वास्तु शांति करके विशेष पूजा-अर्चना पूर्वक शुभ मुहूर्त में सपरिवार निवास करने के लिये जब घर में प्रवेश करते हैं तब उसे गृहप्रवेश कहा जाता है। अर्थात गृहप्रवेश का तात्पर्य है निवास करने के लिये गृह सपरिवार प्रवेश करना। वास्तु शांति पृथक कर्म है जो गृहप्रवेश से पूर्व कर लेना चाहिये, प्रतिवर्ष करना चाहिये अर्थात वास्तुशांति का तात्पर्य गृहप्रवेश नहीं होता। गृहप्रवेश में विस्तृत पूजा की जाती है जिसमें बहुत सामग्रियों की आवश्यकता होती है। इस आलेख में गृहप्रवेश की पूजा के लिये आवश्यक सामग्रियों की सूची दी गयी है।
गृह प्रवेश क्या है ?
जब भी कोई नया घर बनता है तो उसमें निवास करने से पूर्व एक विशेष शास्त्रीय विधि से पूजा-अनुष्ठान करके सपरिवार प्रवेश करते हैं, जिसके लिये एक विशेष मुहूर्त की भी आवश्यकता होती है; गृहप्रवेश कहलाती है। अर्थात :
- गृहप्रवेश के लिये एक विशेष मुहूर्त की आवश्यकता होती है।
- गृहप्रवेश सपरिवार किया जाता है।
- गृहप्रवेश में शास्त्रीय विधि के अनुसार विशेष पूजा-अनुष्ठान किया जाता है जिसे गृहप्रवेश विधि कहते हैं।
- गृहप्रवेश पूजा में मुख्य रूप से वास्तु शांति की जाती है।
- साथ ही घर की शृंगार पूजा, अंगों की पूजा, मंत्र जप, हवन आदि किये जाते हैं।

गृह प्रवेश के नियम
नये घर पहली बार गृहप्रवेश करते समय कुछ विशेष नियमों का पालन करना आवश्यक होता है :
- गृहप्रवेश करने से पूर्व ही एक नए मंडप में वास्तु शांति कर लेना चाहिये।
- गृहप्रवेश सपरिवार करना चाहिये।
- परिवार के सभी सदस्यों को नये वस्त्र आभूषण (सोने-चांदी के गहने) एवं शृंगार करना चाहिये।
- शृंगार और मेकअप में अंतर होता है कई बार मेकअप करने को शृंगार समझ लिया जाता है जो सही नहीं है।
- गृहप्रवेश करते समय परिवार के सदस्यों के हाथों में अलग-अलग वस्तुयें रखनी चाहिये : एक पात्र में भरा हुआ दही, भगवान और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या फोटो, फल आदि।
- गृहप्रवेश के समय साथ में नये कपड़े पहनी हुई दासी जो कलश लेकर रहे; रखना आवश्यक होता है।
- गृहप्रवेश के समय गाय की पूजा करनी चाहिये।
- गाय को दक्षिण ओर रखते हुये गृहप्रवेश करना चाहिये।
- गृहप्रवेश के समय ब्राह्मण को आगे रखना चाहिये।
- गृहप्रवेश करते समय स्वस्तिवाचन एवं मंगल श्लोक पढ़ना चाहिये।
- गृहप्रवेश करने से पूर्व ही एक नए मंडप में वास्तु शांति कर लेनी चाहिये।
- गृहप्रवेश करते समय ही द्वार पूजन करना चाहिये।
- गृहप्रवेश मुख्य द्वार से ही करना चाहिये।
- गृहप्रवेश करते समय राहु (काल) पीठ की ओर या बायीं दिशा में रहनी चाहिये।
- राहु (काल) का विचार प्रवेशकर्ता से किया जाना चाहिये न की गृहमुख से।
गृह प्रवेश पूजा सामग्री – Grihapravesh Samagri
- गृहप्रवेश करने से पूर्व ही एक नया मंडप बनाकर वास्तु शांति अनुष्ठान करने का शास्त्रीय नियम है।
- मातृकापूजन पूर्वक नान्दीमुख श्राद्ध, मंडप प्रवेश-पूजन, वास्तुशांति होम, वास्तु पूजन आदि सभी कर्म मंडप में कर्तव्य होते हैं।
- तत्पश्चात नये घर में श्रीस्थापन आदि करना चाहिये।
- फिर पीले सूत्र (धागे) से घर को वेष्टित करना चाहिये।
- द्वारदेवता, गृहोपयोगी नवीन चुल्हिकादि की पूजा करनी चाहिये।
- तत्पश्चात शुभमुहूर्त-लग्न में गृहप्रवेश करना चाहिये।
- गृहप्रवेश करने के बाद कलश अग्निकोण में स्थापित करना चाहिये।

गृह प्रवेश पूजा सामग्री
गृहप्रवेश के लिये एक सामान्य सामग्री सूचि नीचे दी गयी है, लेकिन यजमान के सामर्थ्य एवं आचार्य के विवेकानुसार सामग्रियों में न्यूनाधिक्य हो सकता है।

सामान्यतया व्यवहार में गृहप्रवेश करने के बाद पूजा आदि करते हुये देखा जाता है। किन्तु यहां ऐसा माना गया है कि गृह प्रवेश के लिये शास्त्रानुसार एक मंडप निर्माण करके पूजा आदि किया जाना चाहिये और उसी के अनुसार सामग्री का विचार किया गया है।
किसी भी पूजा में अगरबत्ती का प्रयोग न करके धूप आदि का ही प्रयोग करना चाहिये। धूपबत्ती प्रयोग किया जा सकता है।
- कलश – मंडप वास्ते १४, गृह द्वार – २, अन्य घरों में व्यवहारानुसार।
- ढकनी – कलश की संख्या से १० अधिक।
- धातु कलश – २, पूर्णपात्र कटोरी – २।
- दीप – विवेकानुसार निर्धारण, चौमुख – २।
- रूईबत्ती – दीप संख्यानुसार।
- नारियल (सजल) – कलश संख्या के समान।
- सालू कपड़ा – आवश्यकतानुसार ५ – ११ – २१ मीटर।
- गरिगोला – ५।
- सोने अथवा चांदी की वास्तु प्रतिमा, चांदी का सिक्का, श्री।
- पीली सरसों – ५०० ग्राम।
- अरवा चावल – २५ किलो।
- तिल – १ किलो।
- जौ – १ किलो।
- काला उड़द – ५०० ग्राम।
- गाय का घी – २ – ३ किलो।
- तिल का तेल – दीपक की आवश्यकतानुसार।
- मधु – १०० ग्राम।
- शक्कर – ५०० ग्राम।
- रोली – ५० ग्राम।
- चंदन – श्रीखंड, मलयागिरि आदि।
- चंडौता – चंदन घिसने की शिला।
- सिंदूर – ५ गद्दी।
- अबीर, गुलाल, हरिद्रा चूर्ण।
- धूप – १ किलो।
- धुना – ५० ग्राम।
- गुग्गुल – ५० ग्राम।
- कपूर – ५० ग्राम।
- सलाई – एक पाव।
- रक्षासूत्र – २।
- पीला सूता – धागे को हल्दी या पीले रंग से रंग लें – घर में लपेटने के लिये आवश्यकतानुसार।
- पान – १००।
- सुपारी – १००।
- लौंग – २५ ग्राम।
- इलायची – ५० ग्राम।
- रंग – लाल, पीला, हरा, काला।
- गुलाब जल – १।
- इत्र (स्प्रे) – १।
- उजला कपड़ा – १ मीटर।
- पीला कपड़ा – २ मीटर।
- ठंडा तेल – १।
- प्रसाद हेतु – फल, मिठाई, मेवा, मिश्री, बतासा।
- नवग्रह लकड़ी – १।
- नवग्रह पताका – १।
- प्रोक्षणी, प्रणीता, स्रुवा, स्रुचि, स्फय।
- ब्रह्मा के लिये पूर्णपात्र – बड़ा टोकना।
- ब्रह्मा वस्त्र – धोती (जोड़ा), गमछा, जनेऊ, कटिसूत्र आदि।
- आज्यस्थाली – कांसे की थाली (बड़े कान वाली), या जाम।
- अग्निस्थापन थाली – कांसे की थाली।
- चरु पात्र व निर्माण पात्र – थाली एवं टोकना।
- पताका – लाल (बड़ा)
- अन्य पताका – लाल – २, पीला – १, हरा – १, गहरा काला – १, हल्का काला (धूम्र) – १, नीला – १, उजला – २, पंचवर्ण (पचरंगा) – १।
- चौकी – २ हाथ * २ हाथ – १ (वास्तु मंडल), १ हाथ * १ हाथ – १ (षोडश मातृका)
- पीढ़िया (थोड़ा लम्बा) – १।
- लोहे या खैर की शंकु (१२ अंगुल) – ४।
- मुंज की डोरी – मंडप व घर के अनुसार।
- धान का लावा
- समिधा – गूलर अथवा खैर या अन्य विहित
- गंगा जल या उपलब्ध पवित्र नदी का जल, शैवाल ।
- दूध, दही, गोबर, गोमूत्र।
- बैठने के लिये आसनी, कम्बल आदि ।
- गोयठा, चेलखी।
- पंचपात्र, आचमनी, थाली, लोटकी, कटोरी, थार, गमला आदि पात्र।
- फूल, माला, दूर्वा, तुलसी, बेलपत्र, शमीपत्र आदि।
- पञ्चपल्लव, केला का स्तम्भ, केला का पत्ता, आम का पल्लव।
- यजमान सपरिवार नया वस्त्र धारण करे ।
- सभी ब्राह्मणों के लिये वरण सामग्री – धोती १ जोड़ा, गमछा, गंजी, कुर्ता, पाग, चादर, आसनी, पंचपात्र-अर्घा, मुद्रिका, भोजन पात्र, यज्ञोपवीत, कटिसूत्र इत्यादि।
- चढाने का वस्त्र – धोती (जोड़ा), गमछा, सारी सेट – २।
- शृंगार सामग्री – २ सेट।
- सप्तधान्य – कोठी में करके।
- घर में – नया चूल्हा, नयी शय्या, पेषिणि शिला, जाता (वर्त्तमान में मिक्सी), ऊखल-मूसल (या खल), धान्य भाण्ड (कोठी), झाड़ू, पूजनोपकरण आदि नया ।
- पूजने के लिए भात, करमी साग, फुटपूरी आदि।
भविष्य में कुछ अन्य सामग्रियां भी जुड़ सकती है जो pdf में अनुपलब्ध होगी। अतः pdf डाउनलोड करने के बाद भी गृह प्रवेश पूजा सामग्री आलेख को कभी-कभार देखते रहें। नीचे गृह प्रवेश पूजा सामग्री pdf दी गयी है जिसे डाउनलोड भी किया जा सकता है।
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