शनि अष्टोत्तर शतनामावली – Shani 108 names

शनि अष्टोत्तर शतनामावली - Shani 108 names

शनि स्वभावतः एक क्रूर व अशुभ ग्रह बताया गया है किन्तु जिस प्रकार गुरु शुभ व सौम्य ग्रह होने पर भी दृष्टि व युति में शुभद होते हैं, जिस भाव में उपस्थिति हो उस भाव के फल का ह्रास ही करते हैं उसी प्रकार शनि की दृष्टि में ही अशुभवत्व होता है, उपस्थिति में भाव के लिये शुभद ही होता है। शनि दुःख, मृत्यु का कारक है, किन्तु सबल और प्रसन्न होने पर निवारण करता है। शनि ग्रह के 108 नाम वाले स्तोत्र को शनि अष्टोत्तरशत नामावली कहा जाता है। स्तोत्रों में देवताओं के 108 नाम अर्थात अष्टोत्तरशत नामों का भी विशेष होता है। यहां शनि का अष्टोत्तरशतनाम स्तोत्र दिया गया है।

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आगे शनि अष्टोत्तर शत नामावली को पृथक-पृथक करके दिया गया है आगे पढ़ें :

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