
होली कब है 14 या 15 मार्च को – Holi 2025
होली कब है 14 या 15 मार्च को – Holi 2025 : इस आलेख में हम होली निर्णय को शास्त्रीय प्रमाणों के साथ समझते हुये होली 2025 में कब है इसे जानेंगे। साथ ही होली से सम्बंधित और भी महत्वपूर्ण तथ्यों को समझेंगे।
होली कब है 14 या 15 मार्च को – Holi 2025 : इस आलेख में हम होली निर्णय को शास्त्रीय प्रमाणों के साथ समझते हुये होली 2025 में कब है इसे जानेंगे। साथ ही होली से सम्बंधित और भी महत्वपूर्ण तथ्यों को समझेंगे।
पूजा-अनुष्ठान-यज्ञादि संबंधी कर्म में अनेकानेक कर्म होते हैं और उनकी विशेष क्रियाविधि ही नहीं है, विशेष क्रम भी है और क्रम पूर्वक ही करना चाहिये। विस्तृत पूजा-अनुष्ठान-यज्ञ से लेकर सामान्य पूजा संबंधी, वेदी पूजन, क्रमों का इस आलेख में व्यापक वर्णन किया गया है जो कर्मकांड सीखने वालों के लिये बहुत ही उपयोगी है।
जन्म दुःखं जरा दुःखं : धर्मराज युधिष्ठिर, गांडीवधारी अर्जुन, गदाधारी भीम, भाला वाला नकुल सहदेव, साथ में सहयोगी थे साक्षात् नारायणावतार भगवान श्रीकृष्ण। लेकिन कितना दुःख झेला था ये तो सोचो ? इनको दुःख क्यों मिला ? इन्हें तो संसार के सर्वश्रेष्ठ सुखी व्यक्तियों में जाना जाया चाहिये था। इनके जीवन चरित्र का अवलोकन करो और ज्ञात करो कब सुख भोगा था।
दूध के धुले नेता और दूध की धुली मीडिया लालटेन लेकर ढूंढने पर भी नहीं मिलेंगे लेकिन सच्चे बाबा की कमी नहीं है हां कुछ पाखंडी भी अपना व्यापार चला रहे हैं और उन पाखंडियों से सच्चे बाबा स्वयं भी त्रस्त हैं क्योंकि कभी बाबा को चोर समझकर पीटा जाता है तो कभी कुछ और समझकर। कई जगहों पर झूठा आधार कार्ड बनाकर मुसलमान भी बाबा बना हुआ पकड़े जाते रहे हैं।
किन्तु पुनः प्रश्न है कि ज्ञाननगरी काशी में भगवान विश्वनाथ मंदिर में भी ऐसे ब्राह्मण किस प्रकार जमे हुये हैं जो बिना धोती-धारण किये पूजा करा रहे थे ? अमित शाह ने एक हाथ से प्रणाम किया, तो ब्राह्मणों ने बताया क्यों नहीं कि दोनों हाथ से प्रणाम करें ?
विवाह गार्हस्थ जीवन का द्वार है और सृष्टि को अनवरत रखने में अपनी भूमिका निर्वहन करने के लिये अनिवार्य होता है। विवाह किये बिना किसी व्यक्ति के गृहस्थ आश्रम का प्रारम्भ नहीं होता।
यद्यपि शुद्धं लोक विरुद्धम्। नाऽचरणीयं नाऽचरणीयं ॥ का अर्थ यद्यपि शुद्ध हो अर्थात सही हो किन्तु लोक विरुद्ध हो अर्थात हानिकारक हो या हानि संभावित हो तो वह वैसा आचरण मत करो वह कर्म मत करो।
कुलकोटि समुद्धरण पूर्वक भूरिदक्षिणानेकयज्ञ जन्यफल समफल दुष्करानेकतपोजन्यफल समफल द्वारकाधिकरण कपिलगवी कोटि दानजन्यफल समफल धरादानजन्यफल समफल बहुजन्मार्जितैकाददश्युपवास जन्य फल समफल प्राप्तिपूर्वकाऽनन्तकालिक विष्णु लोकमहितत्व कामनया साङ्गसायुधसपरिवार श्रीरामचन्द्रपूजनमहं करिष्ये ॥
इस आलेख में हम होली निर्णय को शास्त्रीय प्रमाणों के साथ समझते हुये होली 2024 में कब है इसे जानेंगे। साथ ही होली से सम्बंधित और भी महत्वपूर्ण तथ्यों को समझेंगे।
स्वस्तिवाचन – चारों वेदों का – swastiwachan mantra : इस प्रकार यहां सम्पूर्ण स्वस्तिवाचन मंत्र (यजुर्वेदीय) के साथ-साथ ऋग्वेद स्वस्तिवाचन, सामवेद का स्वस्तिवाचन और अथर्ववेद का स्वस्तिवाचन भी संकलित किया गया जो बहुत सारे लोगों के लिये उपयोगी सिद्ध होगा।