
पुरुष सूक्तं – कृष्ण यजुर्वेदीय
जहां शुक्लयजुर्वेद के पुरुषसूक्त में १६ ऋचायें मिलती है वहीं कृष्ण यजुर्वेद में १८ ऋचायें प्राप्त होती हैं।
कृष्ण यजुर्वेदियों को कृष्णयजुर्वेद के मंत्रों का ही उपयोग करना चाहिये।
सर्वत्र शुक्ल यजुर्वेद की ऋचायें इसलिये उपलब्ध होती है क्योंकि अधिकांश लोग शुक्ल यजुर्वेद के ही माध्यन्दिन शाखा का पालन करने वाले हैं।
किन्तु अन्य वेदों व शाखा वाले लोग भी हैं।
सबको अपने वेद व शाखा का ही पालन करना श्रेयस्कर कहा गया है।