देव स्नपन – प्राण प्रतिष्ठा विधि
प्रतिमा निर्माण, प्रतिमा निर्माण में मुहूर्त दोष, प्रतिमा निर्माण में हुई जीवहत्या, अनुक्तमंत्र प्रयोग, स्पृष्य दोष, स्थान दोष आदि अनेक दोषों के निवारण हेतु स्नपन अनिवार्य होता है।
प्रतिमा निर्माण, प्रतिमा निर्माण में मुहूर्त दोष, प्रतिमा निर्माण में हुई जीवहत्या, अनुक्तमंत्र प्रयोग, स्पृष्य दोष, स्थान दोष आदि अनेक दोषों के निवारण हेतु स्नपन अनिवार्य होता है।
इस आलेख में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा से सबंधित विवादों ने जो नया आयाम लिया है कि न्यायालय में इसके लिये याचिका तक चली गयी तो शास्त्र-सम्मत विशेष महत्वपूर्ण विमर्श किया जायेगा। शंकराचार्यों से सम्बन्धित चर्चा करना नहीं चाहता था किन्तु पुनः करने की आवश्यकता है। इस आलेख से कर्मकांड में आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं को भी विशेष महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी।
यज्ञ-प्राणप्रतिष्ठा आदि में मंडप पूजन की विशेष विधि बताई गयी है। यहाँ आपकी सुविधा के लिये सम्पूर्ण मंडप पूजन विधि उपलब्ध किया गया है।
संकल्प मंत्र : ॐ अद्यादि ……………………… प्रतिष्ठाङ्गगत्वेन प्रतिमासंशुद्ध्यर्थं ममगृहे प्रचुरधान्यपुत्र-पौत्रादिसुखसम्पत्यादि अभिवृद्धयर्थं पुष्पाधिवासं करिष्ये ॥
धान्याधिवास के उपरांत क्रमशः जो भी अन्य अधिवास करना हो करके स्नपन करे।
स्नपन के बाद पुरुष सुक्तादि से स्तुति करे।
सजाया हुआ रथ तैयार करे इन मंत्रों से प्रतिमाओं को उठाये :
रक्षोघ्न सूक्त यजुर्वेद, ऋग्वेद, और अथर्ववेद में पाया जाता है और यज्ञ-पूजा में इसका प्रमुख उपयोग होता है। श्राद्ध में भी इसका पाठ किया जाता है, लेकिन यह पूजा-यज्ञ-अनुष्ठानों में भी होता है। इसे पितरों का मंत्र मानना एक भ्रम है।
वास्तु शांति पूजा विधि – गृह वास्तु, मंडपांग वास्तु ~ यदि नया घर बनाया गया हो तो वास्तु शांति की विधि सर्वविदित है।
यदि पुराना घर हो तो भी वास्तु शांति अपेक्षित होती है।
यदि पुराने घर के ऊपर या बगल में नया घर बनाया जाता है तो उसमें भी मुख्य रूप से वास्तु शांति ही कर्तव्य होता है।
इस आलेख में सर्व देव प्राण प्रतिष्ठा विधि की विस्तृत जानकारी दी गयी है। मातृकादि पूजन पूर्वक आरंभ, संकल्प मंत्र, जलयात्रा, नेत्रोन्मीलन, अग्न्युत्तारण, जलाधिवास, धान्याधिवास, शय्याधिवास, वेदी पूजन, हवन आदि सभी विषयों की विस्तृत विधि का वर्णन करते हुये सबके लिंक भी दिये गये हैं।
सरस्वती पूजा विधि मंत्र सहित ~ Saraswati Puja Vidhi : इस लेख में, हम आपको माता सरस्वती की पूजा विधि और मंत्रों के बारे में बताएँगे। विद्या की देवी सरस्वती की पूजा के दिन मंदिर, मंडप, विद्यालय में पूजा की जाती है और जहाँ भी विशेष पूजा हो, वहां लक्ष्मी और गणेश की प्रतिमा भी स्थापित की जाती है।
भूमि पूजन विधि – गृहारंभ विधि पूजन मंत्र सहित : जब किसी नये घर का निर्माण आरंभ करते हैं तो उसके लिये जो पूजा की जाती है उसे गृहारंभ या भूमि पूजन कहा जाता है। गृहारंभ का सर्वप्रथम शुभ मुहूर्त बनवाया जाता है तत्पश्चात गृहारंभ सामग्रियां व्यवस्थित की जाती है फिर शुभ मुहूर्त में भूमि-वास्तु आदि पूजन करके गृहारंभ किया जाता है।