सविधि विवाह संस्कार में कई विशेष सामग्रियां (vivah samagri) भी आवश्यक होती है। जो भी संस्कारों के प्रति सजग रहने वाले श्रद्धालु हैं उनके ज्ञान लाभ हेतु सविधि विवाह में लगने वाली सामग्रियों का ज्ञान होना भी आवश्यक होता है। विवाह एक ऐसा संस्कार है जिसकी विधियां कई दिनों तक चलती है। अतिशीघ्रता होने पर भी 5 दिन लग ही जाते हैं। इस प्रकार सम्पूर्ण अंगों में कई अलग-अलग प्रकार की सामग्रियां आवश्यक होती हैं। यहां समग्र रूप से विवाह सामग्री की सूची देने का प्रयास किया गया है जिससे यह आलेख विवाह करने वालों और कराने वालों के लिये विशेष महत्वपूर्ण हो जाता है।
विवाह सामग्री लिस्ट – vivah samagri
यहाँ वाग्दान विधि से लेकर चतुर्थी कर्म तक की सामग्री सूचियां विभागशः दिया गया है :
वाग्दान (फलदान/सगुन) विधि सामग्री
- कलश स्थापन सामग्री : कलश, शालू कपडा, सप्तमृत्तिका, सर्वौषधि, सप्तधान्य, पञ्चरत्न, पुंगीफल, पूर्णपात्र, नारियल, दीप।
- सामान्य पूजन सामग्री : पुष्प, दूर्वा, माला, बेलपत्र, चन्दन, सिंदूर, अक्षत, तिल, जौ, चंदन, धूप, दीप, ताम्बूल, पुंगीफल, माचिस, रुई बत्ती, घी, नैवेद्य (फल, मिष्टान्न), जल, पञ्चामृत, मौली (रक्षासूत्र), वस्त्र इत्यादि।
- वाग्दान विशेष सामग्री : जलपात्र, स्थाली, चावल (धान), सुंदर वस्त्र, हरिद्रा गांठ, पुंगीफल, पान, यज्ञोपवीत, दूर्वा, फल, द्रव्य, दधि, हरिद्रा चूर्ण इत्यादि।
- आचार्य वरण सामग्री : धोती – 1 जोड़ा, कुर्ता,गंजी, गमछा, पाग, चादर, पान, सुपारी, यज्ञोपवीत, द्रव्य। (कन्यापक्ष व वरपक्ष दोनों आचार्य के लिये दोनों पक्ष अलग-अलग व्यवस्था करे)
- उपहार सामग्री : फल, मिष्टान्न, वस्त्रादि।
वरवरण (हस्तग्रहण/तिलक) सामग्री
कलश स्थापन सामग्री, सामान्य पूजन सामग्री
- वरवरण (हस्तग्रहण/तिलक) सामग्री : वर का वस्त्र, कांस्य स्थाली (जाम), जलपात्र, स्थाली, चावल (धान), सुंदर वस्त्र, हरिद्रा गांठ, पुंगीफल, पान, यज्ञोपवीत, दूर्वा, फल, द्रव्य, चांदी का सिक्का-पान-मछली-सुपारी, दधि, हरिद्रा चूर्ण आदि।
- उपहार सामग्री : फल, मिष्टान्न, वस्त्रादि।
नान्दी श्राद्ध सामग्री (वृद्धिश्राद्ध/अभ्युदयिक श्राद्ध)
सामान्य पूजन सामग्री
- मातृका पूजा सामग्री : मातृका पूजा, वसोर्द्धारा वृद्धिश्राद्ध से पूर्व ही किया जाता है। सामान्य पूजन सामग्री के अतिरिक्त मातृकापूजा की जो देशाचार विधि हो तदनुसार सामग्री, वस्त्रादि।
- वृद्धि श्राद्ध सामग्री : पञ्चगव्य, फल, घृत, मधु, शक्कर, जौ – 1 किलो, दीप+बत्ती – 14, धूप, पुष्प, माला, दोना (चावल भरा, युग्मब्राह्मण भोजन आमान्न अथवा निष्क्रीय द्रव्य) – 12, पान-सुपारी – 15, फल – 14, (अंगूर, सेब, केला, संतरा, बिदाना), मिठाई – 14, मेवा (छुहारा, खजूर, मखाना, काजू, किशमिश आदि), दूध, दही, दूर्वा इत्यादि।
- मातृका वेदी वास्ते : पीठ, वस्त्र, सिंदूर, रक्षासूत्र आदि द्रव्य।
- ब्राह्मण वरण सामग्री : धोती – 1 जोड़ा, गमछा, गंजी आदि।
- दक्षिणा : वृद्धि श्राद्ध की दक्षिणा जौ, फल, मूल ही होता है। खजूर, छुहारा, अंगूर, आंवला आदि।

विवाह सामग्री
- कंगन बंधन सामग्री : ऊखल, मूसल, धान, कच्चा सूता या रक्षासूत्र, सुपारी, दही, आम का पल्लव आदि।
- वरार्चन सामग्री : सुसज्जित पीठ (पीढ़ी), आसन बिडनी (विष्टर) – 2, पाद्य, अर्घ्य, मधुपर्क, पाद्य-मधुपर्क हेतु – कांस्य पात्र, वर-कन्या-विधकरी का वस्त्र, यज्ञोपवीत, डाँरकडोर, कन्याश्रृंगार सामग्री, पान, सुपारी, दूर्वा, तिल, अक्षत, चन्दन, जल आदि।
- कन्यादान सामग्री : सुसज्जित पीठ (पीढ़ी – कन्या हेतु), शङ्ख, तिल, जल, पान, सुपारी, पुष्प, अक्षत, चन्दन, दूर्वा, द्रव्य, दक्षिणा आदि।
- हवन सामग्री : वेदी, गोबर, घी, स्रुव, स्रुचि, प्रोक्षणी, प्रणीता, स्फय, ईंधन, लाजा (धान का लावा), शमी-पलाश पत्र, समिधा, अग्निस्थापन व आज्यस्थाली, पूर्णपात्र (चावल भरा हुआ), एक अन्य सुसज्जित कलश धारित पुरुष (कन्या का भ्राता), नापित, ब्रह्मा वरण सामग्री, सूप आदि।
- अन्य सामग्री : पत्थर, सप्तपदी बनाने हेतु पिष्ट या आटे, हल्दी आदि का घोल, आसनी (कम्बल), सिंदूर, सिंदूर पात्र, सन, स्वर्ण, सुपारी, पान आदि।
चतुर्थी सामग्री
- वन सामग्री : वेदी, गोबर, घी, स्रुव, स्रुचि, प्रोक्षणी, प्रणीता, स्फय, ईंधन, समिधा, अग्निस्थापन व आज्यस्थाली, पूर्णपात्र (चावल भरा हुआ), चरु निर्माण पात्र, चावल, दूध, ब्रह्मा वरण सामग्री आदि।
- अन्य सामग्री : आसनी (कम्बल), सुपारी, पान, जल, पुष्प, तिल, चन्दन, दूर्वा, अक्षत, दही, हरिद्रा चूर्ण, सिंदूर, सिंदूर पात्र, सन, स्वर्ण आदि।
उपरोक्त द्रव्यों में आचार्य स्वविवेक प्रयोग न्यूनाधिक्य करते हैं। यह सामग्री सूचि समझने हेतु है कि विवाह में क्या-क्या सामग्री किस पूजा आदि में प्रयुक्त होता है।
सारांश : सविधि विवाह में कई विशेष सामग्रियों की आवश्यकता होती है। जो लोग विवाह संस्कार के प्रति सजग हैं, उन्हें ये सामग्रियां को जानना भी आवश्यक है, जिससे उचित और शुद्ध सामग्री से विवाह संस्कार संपन्न हो सके। विवाह की प्रक्रिया कई दिनों तक चलती है और इसके लिए अनेकों अलग-अलग वस्तुओं की आवश्यकता होती है। सामग्री की लिस्ट में कलश, नान्दी श्राद्ध, पूजन सामग्री, वरवरण, और कंगन बंधन आदि के सामान पृथक-पृथक करके सम्मिलित किये गये हैं। कुल मिलाकर, इस लेख का उद्देश्य विवाह करने वाले और कराने वालों के लिए आवश्यक सामग्री की जानकारी देना है।
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कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।