
अग्निवास विचार
अग्निवास का मतलब है की कर्मकांड के परिप्रेक्ष्य में सूक्ष्म रूप से अग्नि पृथ्वी, पाताल और आकाश में वास किया करते हैं, जिसका निर्धारण विशेष ज्योतिषीय गणना द्वारा किया जाता है। अग्नि जब भूमिवास में हों तभी हवन करना चाहिये।
हवन कर्मकांड का एक प्रमुख अंग है जिसकी विशेष विधि बताई गयी है और विधि के अनुसार ही करना चाहिये। हवन विधि (Havan Vidhi) में हवन की व्यापक चर्चा करते हुये विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी है एवं हवन करने की विधि और मंत्रों का समावेश किया गया है। कर्मकांड सीखने के लिये हवन सीखना अनिवार्य होता है।
अग्निवास का मतलब है की कर्मकांड के परिप्रेक्ष्य में सूक्ष्म रूप से अग्नि पृथ्वी, पाताल और आकाश में वास किया करते हैं, जिसका निर्धारण विशेष ज्योतिषीय गणना द्वारा किया जाता है। अग्नि जब भूमिवास में हों तभी हवन करना चाहिये।