
केतु के 108 नाम (केतु अष्टोत्तर शतनामावली) – Ketu Ashtottara Shatanamavali
केतु के 108 नाम (केतु अष्टोत्तर शतनामावली) – Ketu Ashtottara Shatanamavali : राहु की तरह ही केतु भी छाया ग्रह ही है, अर्थात सूर्य और चंद्र पथ का दूसरा संक्रमण बिंदु है और इसकी भी पिण्डात्मक उपस्थिति नहीं है। जिस दैत्य का सिर कटा हुआ धर राहु है वही सिर केतु है। अष्टोत्तरशतनाम का एक विशेष लाभ ज्योतिषियों के लिये भी होता है कि इसके द्वारा फलादेश संबंधी ज्ञान भी मिलता है।