जानिये भगवान सूर्य पूजा की विधि और मंत्र - surya puja vidhi

जानिये भगवान सूर्य पूजा की विधि और मंत्र – surya puja vidhi

जानिये भगवान सूर्य पूजा की विधि और मंत्र – surya puja vidhi : प्रायः देखा जाता है कि रविवार अथवा अन्य सूर्य व्रत तो लोग करते हैं किन्तु पूजा नहीं करते। जब कि किसी भी व्रत में पूजा की विशेष महत्ता होती है और हवन भले न करे किन्तु पूजा अनिवार्य रूप से कर्तव्य होता है। यहां दी गयी पूजा विधि सूर्य व्रत करने वालों के लिये लाभकारी सिद्ध होगा।

Read More
गणेश पूजा - गणेश अष्टोत्तरशत नाम

गणेश अष्टोत्तर शतनामावली | गणेश पूजा मंत्र | ganesha ashtottara shatanamavali

गणेश अष्टोत्तर शतनामावली | गणेश पूजा मंत्र | ganesha ashtottara shatanamavali : भगवान गणपति की पूजा में 21 नामों से पूजा करने का महत्व तो है ही इसके साथ विशेष पूजन में गणेश अष्टोत्तर शतनामावली से भी दूर्वा, मोदक, विविध फल आदि द्रव्यों द्वारा पूजन किया जाता है। सिद्धिविनायक पूजा विधि और संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि पूर्व से प्रकाशित है और उन पुजनों में 21 नामों से अतिरिक्त यदि अष्टोत्तर शतनाम से भी पूजा करनी हो तो यहां दिया गया है।

Read More
संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत विधि - sankashti ganesh chaturthi

संकष्टहर या संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत विधि – sankashti ganesh chaturthi

संकष्टहर या संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत विधि – sankashti ganesh chaturthi : यहां संकष्टहर गणेश चतुर्थी व्रत की पूजा विधि व कथा दी गयी है। संकष्टी गणेश चतुर्थी का विशेष महत्व है और विशेष पूजा विधि भी है जिसके मंत्रों का भी ऊपर वर्णन किया गया है। व्रत कथा में चमत्कारिक प्रभाव भी देखने को मिलता है विशेष रूप से पुत्र प्राप्ति व पुत्र रक्षा हेतु यह व्रत अधिक महत्वपूर्ण है।

Read More
तुलसी स्तोत्र अर्थ सहित | मंगलाष्टक | tulsi stotram

तुलसी स्तोत्र अर्थ सहित | मंगलाष्टक 8 | tulsi stotram

तुलसी स्तोत्र अर्थ सहित | तुलसी माहात्म्य – tulsi stotram : यहां भगवती तुलसी की प्रसन्नता प्रदान करने वाला स्तोत्र दिया गया है एवं तुलसी स्तोत्र का अर्थ भी दिया गया है। साथ ही तुलसी का माहात्म्य भी दिया गया है। एवं तुलसी विवाह में मंगलाष्टक पाठ का विधान होने से मंगलाष्टक भी दिया गया है।

Read More
तुलसी विवाह विधि : Tulsi vivah vidhi

तुलसी विवाह विधि : Tulsi vivah vidhi

तुलसी विवाह विधि : Tulsi vivah vidhi – व्याघ्रपदगोत्रोत्पन्नाय वैयाघ्रपदगार्ग्यवशिष्ठेति त्रिप्रवराय, देवमीढ़वर्मणः प्रपौत्राय, सूरसेनवर्मणः पौत्राय, वसुदेववर्मणः पुत्राय, अनेककोटिब्रह्माण्डनायकाय श्रीकृष्णाय (गोपालाय, श्रीधराय) वराय, आलंबायनदेवलगौतमेति त्रिप्रवरां, विश्वकर्मणः प्रपौत्रीं, प्रजापतेः पौत्रीं, ईश्वरस्यपुत्रीं तुलसींकन्यां ज्योतिर्विदादिष्टे सुमहूर्ते दास्ये॥

Read More
Tulsi vivah kab hai : जानिये तुलसी विवाह कैसे किया जाता है

Tulsi vivah : जानिये तुलसी विवाह कैसे किया जाता है

Tulsi vivah kab hai : जानिये तुलसी विवाह कैसे किया जाता है – तुलसी विवाह भी एक विस्तृत कर्मकांड है जिसकी विधि का शास्त्र में वर्णन मिलता है और ऊपर शास्त्रोक्त प्रमाण सहित तुलसी विवाह की विधियों का विस्तृत विश्लेषण किया गया है जिससे यह भी सिद्ध होता है कि मूर्ख-मंडली द्वारा अंतर्जाल पर जो ढेरों सामग्रियां प्रचारित-प्रसारित की गयी है वो शास्त्र-सम्मत नहीं है और भ्रामक है। क्योंकि शास्त्रसम्मत का तात्पर्य होता है जो शास्त्र में बताया गया हो। श्रद्धालु जनों को शास्त्रोक्त विधि से ही किसी भी धर्म-कृत्य को संपन्न करना चाहिये।

Read More
करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है ?

करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है ?

करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है – अर्धोदय के शब्दार्थ पर यदि विचार करें तो अर्ध-उदित ज्ञात होता है। किन्तु यदि अर्ध-उदित अर्थ ग्रहण किया जाय तो उसमें रविवार के संयोग का क्या तात्पर्य है ? यदि अर्धोदय के शब्दार्थ को ग्रहण करेंगे तो; रविवार का संयोग हो अथवा न हो; कोई अंतर नहीं हो सकता। अर्थात अर्धोदय में बिम्ब (सूर्य-चंद्र) के अर्द्ध-उदित का कोई भाव सिद्ध नहीं होता।

Read More
अग्निवास

अग्नि वास चार्ट – agnivasa chart 2025

अग्नि वास चार्ट – agnivasa chart 2025 : विभिन्न अनुष्ठानों – यज्ञों में हवन हेतु अग्निस्थापन करने के लिये अग्निवास का विचार किया जाता है, जिसे अग्निवास विचार कहते हैं। अग्निवास की आवश्यकता मुख्यतः पौष्टिक कर्मों में होती है। अग्निवास ज्ञात करने की विधि, आवश्यकता, अग्निवास परिहार आदि के बारे में विस्तृत चर्चा पूर्व में की जा चुकी है, अतः यहां पुनरावृत्ति अनपेक्षित है।

Read More
महाकुंभ कब लगता है - mahakumbh kab lagta hai

महाकुंभ कब लगता है – mahakumbh kab lagta hai

महाकुंभ कब लगता है – mahakumbh kab lagta hai : भारत साधना भूमि है और भारतीय सदैव देवताओं की आराधना, पूजा, साधना आदि में संलिप्त रहते हैं। वर्ष पर्यन्त कोई न कोई व्रत-पर्व आदि करते ही रहते हैं और इसका कारण है आत्मकल्याण की चाह। सामान्य व्रत-पर्वों के अतिरिक्त विशेष स्थितियों में कुछ विशेष व्रत-पर्व भी होते हैं जैसे मलमास, कुम्भ, अर्द्धकुम्भ। इस आलेख में कुम्भ अर्थात महाकुम्भ विषयक चर्चा की गयी है जो महाकुम्भ कब लगता है, कहां लगता है, कब है आदि जानकारी प्रदान करता है।

Read More
माघ मास में क्या करें - नियम और विधि-विधान | magh maas ke niyam

माघ मास में क्या करें – नियम और विधि-विधान | Magh maas ke niyam

माघ मास में क्या करें – नियम और विधि-विधान | magh maas ke niyam : माघ मास का बड़ा ही महत्व है और विशेष नियमों के साथ इसका पालन किया जाता है। जब सूर्य मकर में होता है, तब माघ मास आरंभ होता है। माघ मास में स्नान करना आवश्यक है, विशेषरूप से प्रातः काल। माघ मास की शीत के कारण लोग स्नान को लेकर चिंतित रहते हैं, लेकिन प्रयाग में सहस्रों श्रद्धालु इसे श्रद्धा से मनाते हैं।

Read More