करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है ?

करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है ?

करोड़ों सूर्य ग्रहण तुल्य फलदायक अर्धोदय योग क्या है – अर्धोदय के शब्दार्थ पर यदि विचार करें तो अर्ध-उदित ज्ञात होता है। किन्तु यदि अर्ध-उदित अर्थ ग्रहण किया जाय तो उसमें रविवार के संयोग का क्या तात्पर्य है ? यदि अर्धोदय के शब्दार्थ को ग्रहण करेंगे तो; रविवार का संयोग हो अथवा न हो; कोई अंतर नहीं हो सकता। अर्थात अर्धोदय में बिम्ब (सूर्य-चंद्र) के अर्द्ध-उदित का कोई भाव सिद्ध नहीं होता।

Read More
अग्निवास

अग्नि वास चार्ट – agnivasa chart 2025

अग्नि वास चार्ट – agnivasa chart 2025 : विभिन्न अनुष्ठानों – यज्ञों में हवन हेतु अग्निस्थापन करने के लिये अग्निवास का विचार किया जाता है, जिसे अग्निवास विचार कहते हैं। अग्निवास की आवश्यकता मुख्यतः पौष्टिक कर्मों में होती है। अग्निवास ज्ञात करने की विधि, आवश्यकता, अग्निवास परिहार आदि के बारे में विस्तृत चर्चा पूर्व में की जा चुकी है, अतः यहां पुनरावृत्ति अनपेक्षित है।

Read More
महाकुंभ कब लगता है - mahakumbh kab lagta hai

महाकुंभ कब लगता है – mahakumbh kab lagta hai

महाकुंभ कब लगता है – mahakumbh kab lagta hai : भारत साधना भूमि है और भारतीय सदैव देवताओं की आराधना, पूजा, साधना आदि में संलिप्त रहते हैं। वर्ष पर्यन्त कोई न कोई व्रत-पर्व आदि करते ही रहते हैं और इसका कारण है आत्मकल्याण की चाह। सामान्य व्रत-पर्वों के अतिरिक्त विशेष स्थितियों में कुछ विशेष व्रत-पर्व भी होते हैं जैसे मलमास, कुम्भ, अर्द्धकुम्भ। इस आलेख में कुम्भ अर्थात महाकुम्भ विषयक चर्चा की गयी है जो महाकुम्भ कब लगता है, कहां लगता है, कब है आदि जानकारी प्रदान करता है।

Read More
माघ मास में क्या करें - नियम और विधि-विधान | magh maas ke niyam

माघ मास में क्या करें – नियम और विधि-विधान | Magh maas ke niyam

माघ मास में क्या करें – नियम और विधि-विधान | magh maas ke niyam : माघ मास का बड़ा ही महत्व है और विशेष नियमों के साथ इसका पालन किया जाता है। जब सूर्य मकर में होता है, तब माघ मास आरंभ होता है। माघ मास में स्नान करना आवश्यक है, विशेषरूप से प्रातः काल। माघ मास की शीत के कारण लोग स्नान को लेकर चिंतित रहते हैं, लेकिन प्रयाग में सहस्रों श्रद्धालु इसे श्रद्धा से मनाते हैं।

Read More
मूल शांति पूजन सामग्री - Mool Shanti Puja Samagri

मूल शांति पूजन सामग्री – Mool Shanti Puja Samagri

मूल शांति पूजन सामग्री – Mool Shanti Puja Samagri : मूल में जन्म सर्वाधिक दोषद है। मूल शांति विधि पूर्व आलेख में प्रकाशित की जा चुकी है और मूल शांति हेतु जिन सामग्रियों की आवश्यकता होती है उसकी जानकारी नीचे दी गयी है।

Read More
धन्वंतरि पूजन विधि - Dhanvantari Puja Vidhi

धन्वंतरि पूजन विधि – Dhanvantari Puja Vidhi (13)

धन्वंतरि पूजन विधि – Dhanvantari Puja Vidhi : सबसे बड़ा धन कहें अथवा पहला सुख कहें आरोग्य को ही कहा गया है। यदि उत्तम स्वास्थ्य हो तभी कोई कर्म किया जा सकता है चाहे वह उद्यम हो अथवा धर्म। इसलिये आरोग्य के देवता धन्वन्तरि की पूजा विशेष श्रद्धा-भक्ति से करनी चाहिये। धन्वंतरि भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से ही एक अवतार हैं।

Read More
मूल शांति पूजन विधि - mool shanti puja vidhi

मूल शांति पूजन विधि – mool shanti puja vidhi

मूल शांति पूजन विधि – mool shanti puja vidhi : मूल सत्ताईस नक्षत्रों में से एक नक्षत्र का नाम है और सम्पूर्ण मूल को ही दोषद कहा गया है। गण्डान्त नक्षत्रों में से सर्वाधिक दोषद होने के कारण मूल में जन्म होने पर दोष की विधि पूर्वक शांति की जाती है जिसे मूल शांति कहा जाता है। किन्तु मूल शांति का तात्पर्य मात्र मूल नक्षत्र की शांति नहीं होती है, क्योंकि अन्य दोषद नक्षत्रों में जन्म होने पर भी एक ही विधि से शांति होती है मात्र नक्षत्र जप-पूजा-हवन-मंत्र में परिवर्तन होता है।

Read More
कार्तिक मास की विशेषता और मास के नियम - Kartik Mas

कार्तिक मास की विशेषता और मास के नियम – Kartik Mas

कार्तिक मास माहात्म्य और मास के नियम – Kartik Mahatmya : इस महीने लोग प्रातः स्नान, पूजा और जप करते हैं। इसका माहात्म्य पद्मपुराण में मिलता है। अनेकों विशेष व्रत-पर्व जैसे दीपावली, छठ, अक्षयनवमी भी इसी महीने में होते हैं। कार्तिक का समय सूर्य के नीच होने से जुड़ा है, जो हमारी ऊर्जा, जीवन, आत्मबल आदि को प्रभावित करता है। मथुरा में कार्तिक मास करने का विशेष महत्व है, जहां भगवान विष्णु की विशेष कृपाप्राप्त होती है।

Read More
एकादशी उद्यापन की दान विधि और मंत्र

एकादशी उद्यापन की दान विधि – Dan ki vidhi aur mantra

एकादशी उद्यापन की दान विधि – एकादशी व्रत की भी पूर्णता हेतु उद्यापन करने की एक विस्तृत विधि है और पूर्व आलेख में एकादशी उद्यापन की शास्त्र-सम्मत विधि दी गयी है एवं उसे सरल रूप से समझाया भी गया है। उद्यापन में पूजा-कथा-हवन आदि के साथ मुख्य विषय दान होता है। इस आलेख में एकादशी उद्यापन में दान करने की विधि और मंत्र दिया गया है।

Read More
एकादशी उद्यापन विधि - एकादशी व्रत उद्यापन करने की संपूर्ण विधि और मंत्र

एकादशी उद्यापन विधि – Ekadashi Udyapan Vidhi

यद्यपि पद्धतियों में नवग्रह-दिक्पाल आदि का पूजन करके प्रधानपूजन देखने को मिलता है तथापि कर्मकांड अनुक्रमणिका के अनुसार प्रथम प्रधानवेदी पूजन व प्रधान पूजा करने के एकादशी उद्यापन विधि – Ekadashi Udyapan Vidhi : पश्चात् नवग्रह मंडल पूजन की सिद्धि होती है। यदि क्रम का विशेष निर्वहन करना हो तो प्रथम अग्निस्थापन करके तब प्रधानपूजन व नवग्रह मंडल पूजन करे।

Read More