नारायण मंत्र स्तोत्र संस्कृत में - narayana mantram

नारायण मंत्र स्तोत्र संस्कृत में – narayana mantram

नारायण मंत्र स्तोत्र संस्कृत में – narayana mantram : द्वादशाक्षर मंत्र की भांति ही भगवान विष्णु का एक विशेष मंत्र “ॐ नमो नारायणाय” जिसे अष्टाक्षर मंत्र कहा जाता है। इस अष्टाक्षर मंत्र के लिये भगवान नारायण का एक स्तोत्र भी है जिसे नारायण मंत्र स्तोत्र कहा जाता है और यह नारद पुराण में वर्णित है। इस स्तोत्र में भगवान नारायण की महिमा का वर्णन करते हुये उन्हें ही सर्वव्यापी बताया गया है।

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अष्टाक्षर माहात्म्य : ॐ नमो नारायणाय मंत्र की महिमा - ashtakshara mantra mahatmya

अष्टाक्षर माहात्म्य : ॐ नमो नारायणाय मंत्र की महिमा – ashtakshara mantra mahatmya

ॐ नमो नारायणाय मंत्र जो कि अष्टाक्षर मंत्र है इसके ऋषि स्वयं नारायण हैं, छंद गायत्री है, देवता परमात्मा हैं, ॐकार का वर्ण शुक्ल, नकार का रक्त, मोकार का कृष्ण, नाकार का पुनः रक्त, राकार का कुंकुमाभ, यकार पीत, णाकार का अञ्जन और यकार का बहुवर्ण है। सर्वार्थ सिद्धिप्रद अष्टाक्षर मंत्र का माहात्म्य श्री नरसिंह पुराण में वर्णित है जिसके प्रश्नकर्त्ता श्री शुकदेव हैं और उपदेशक व्यास हैं। यहां अष्टाक्षर माहात्म्य अर्थात ॐ नमो नारायणाय मंत्र की महिमा (ashtakshara mantra mahatmya) संस्कृत में दिया गया है।

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पद्म पुराणोक्त दामोदर स्तोत्र संस्कृत में - damodar stotra

पद्म पुराणोक्त दामोदर स्तोत्र संस्कृत में – damodar stotra

पद्म पुराणोक्त दामोदर स्तोत्र संस्कृत में – damodar stotra : भगवान विष्णु का ही एक नाम दामोदर है। कृष्णावतार में माता यशोदा ने रजभक्षण पर उन्हें रस्सी से बांधने का उपक्रम किया था और इसी से भगवान कृष्ण का नाम दामोदर हो गया। पद्म पुराण में सत्यव्रत के एक स्तोत्र है जो दामोदर स्तोत्र नाम से जाना जाता है। इस स्तोत्र की एक विशेषता कार्तिक मास से संबद्ध होना भी है।

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ब्रह्म पुराणोक्त जगन्नाथ स्तोत्र - jagannath stotram

ब्रह्म पुराणोक्त जगन्नाथ स्तोत्र – jagannath stotram

जगन्नाथ स्तोत्र – jagannath stotram : भगवान जगन्नाथ अर्थात जगत के नाथ। भगवान विष्णु का ही नाम जगन्नाथ है और इनका प्रसिद्ध मंदिर पुरी में है। पुरी का नाम ही भगवान जगन्नाथ के नाम पर जगन्नाथ पुरी है। ब्रह्म पुराण में स्वयं ब्रह्मा ने भगवान जगन्नाथ की स्तुति किया है जिसमें पांच श्लोक हैं।

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गोपाल कवच संस्कृत में - gopal kavach

गोपाल कवच संस्कृत में – gopal kavach

गोपाल कवच संस्कृत में – gopal kavach : नारद पंचरात्र में गोपाल कवच वर्णित है जिसे बाल गोपाल कवच भी कहा जा सकता है। इसी के साथ एक और महत्वपूर्ण गोपाल कवच ब्रह्मसंहिता में वर्णित है जिसे श्रीगोपालाक्षयकवचं नाम से जाना जाता है। प्रथम गोपाल कवच का मुख्य फल नित्य पाठ से शत्रुरहित होना बताया गया है तो द्वितीय श्रीगोपालाक्षयकवचं के अन्य अनेकानेक फल भी बताये गये हैं।

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वराह पुराणोक्त गदाधर स्तोत्रं - gadadhara stotram

वराह पुराणोक्त गदाधर स्तोत्रं – gadadhara stotram

वराह पुराणोक्त गदाधर स्तोत्रं – gadadhara stotram : वराह पुराण में रैभ्य के द्वारा भगवान विष्णु का जो स्तवन किया गया है उस स्तोत्र का नाम गदाधर स्तोत्र (gadadhara stotram) है। इस स्तोत्र में कुल ९ बार गदाधर नाम लिया गया है और इसी कारण इसे गदाधर स्तोत्र कहा गया है।

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वासुदेव स्तुति - vasudev stuti

वासुदेव स्तुति – vasudev stuti

वासुदेव स्तुति – vasudev stuti : भगवान श्रीकृष्ण वसुदेव पुत्र होने के कारण वासुदेव नाम से जाने जाते हैं। वासुदेव नाम कितना महत्वपूर्ण है इसे इस तथ्य से सरलतापूर्वक समझा जा सकता है कि विष्णु भगवान का जो सबसे प्रसिद्ध और प्रशस्त मंत्र है वह द्वादशाक्षर मंत्र है जिसमें वासुदेव नाम को ही ग्रहण किया गया है। यहां वासुदेव स्तुति संस्कृत में दिया गया है।

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गोपी गीत संस्कृत में - gopi geet in sanskrit

गोपी गीत संस्कृत में – gopi geet in sanskrit

गोपी गीत संस्कृत में – gopi geet in sanskrit : श्रीमद्भागवत महापुराण में तीन गीत हैं जिनमें से एक है गोपी गीत। यह उस प्रसंग से सम्बंधित है जब रासक्रीड़ा में एक गोपी को किंचित अहंकार होने से भगवान श्रीकृष्ण चले गये और ढूंढने से भी मात्र उनके चरण-चिह्न ही दिखे किन्तु वो नहीं दिखे। तब व्याकुल गोपियों ने गायन करते हुये भगवान की जो करुण पुकार की वही गोपी गीत नाम से जानी जाती है।

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बाल कृष्ण सहस्रनाम - bal krishna sahasranam

बाल कृष्ण सहस्रनाम – bal krishna sahasranam

बाल कृष्ण सहस्रनाम – bal krishna sahasranam : भगवान कृष्ण की पूजा में उनके बालरूप का विशेष महत्व है जिन्हें बालकृष्ण, बालगोपाल कहा जाता है। यदि हाथ में लड्डू हो तो लड्डू गोपाल भी कहा जाता है। यदि आप बालकृष्ण के सहस्रनाम का अवलोकन करना चाहते हैं तो वह नारद पंचरात्र में शिव-पार्वती संवादात्मक है।

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राधा कृष्ण स्तुति - radha krishna stuti

राधा कृष्ण स्तुति – radha krishna stuti

राधा कृष्ण स्तुति – radha krishna stuti : भगवान श्री कृष्ण का नाम राधा के साथ ही लिया जाता है जैसे राधे कृष्ण, राधे श्याम आदि। इसी प्रकार भगवान श्री कृष्ण की स्तुति में भी युगल स्तुति का विशेष महत्व होता है और इसके लिये पुराणों में राधा कृष्ण स्तुति भी मिलती है। यहां राधा कृष्ण स्तुति (radha krishna stuti) संस्कृत में दी गयी है।

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