यहां पढ़ें धूमावती माता को प्रसन्न करने वाले स्तोत्र संस्कृत में – dhumavati stotram

यहां पढ़ें धूमावती माता को प्रसन्न करने वाले स्तोत्र संस्कृत में - dhumavati stotram

धूमावती की पूजा-अराधना करने से आयु, यश, शक्ति, आरोग्य आदि की वृद्धि होती है। माँ धूमावती के स्तोत्रादि का पाठ करने से नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं। माता धूमावती ऊर्ध्वाम्नाय की देवी हैं। माता धूमावती (dhumavati devi) की साधना में पवित्रता की विशेष आवश्यकता होती है। यहां धूमावती स्तोत्र (dhumavati stotram) संस्कृत में दिया गया है।

धूमावती महाशक्ति स्वयं नियंत्रिका हैं अर्थात इन्हें कोई और नियंत्रित नहीं कर सकता है। काल से परे ले जाने वाली महाविधा हैं, ऋग्वेद में रात्रिसूक्त में इन्हें ‘सुतरा’ कहा गया है अर्थात ये सुखपूर्वक (सरलता से) तारने योग्य हैं। इन्हें अभाव और संकट को दूर करने वाली मां (महाविद्या) भी कहा गया है।

पौराणिक ग्रंथों अनुसार ऋषि दुर्वासा, भृगु, परशुराम आदि की मूल शक्ति धूमावती हैं। सृष्टि कलह की देवी होने के कारण इनको कलहप्रिय भी कहा जाता है। चौमासा (चातुर्मास्य) धूमावती देवी का प्रमुख समय होता है जब देवी का पूजा पाठ किया जाता है।

यहां पहले माता धूमावती का ध्यान मंत्र दिया गया है और तत्पश्चात धूमावती स्तोत्र जिसे धूमावती अष्टक स्तोत्र भी कहा जाता है।

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

Leave a Reply