गणेश अष्टोत्तर शतनामावली | गणेश पूजा मंत्र | ganesha ashtottara shatanamavali

गणेश पूजा - गणेश अष्टोत्तरशत नाम

भगवान गणपति की पूजा में 21 नामों से पूजा करने का महत्व तो है ही इसके साथ विशेष पूजन में गणेश अष्टोत्तर शतनामावली से भी दूर्वा, मोदक, विविध फल आदि द्रव्यों द्वारा पूजन किया जाता है। सिद्धिविनायक पूजा विधि और संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि पूर्व से प्रकाशित है और उन पुजनों में 21 नामों से अतिरिक्त यदि अष्टोत्तर शतनाम से भी पूजा करनी हो तो यहां दिया गया है। यहां पूजा हेतु भगवान गणेश के 108 नाममन्त्रों के साथ-साथ गणेश अष्टोत्तर शतनामावली भी दिया गया है।

गणेश अष्टोत्तर शतनामावली | गणेश पूजा मंत्र | ganesha ashtottara shatanamavali

किसी भी देवता की विशेष पूजा में उनके विभिन्न नाममंत्रों का भी प्रयोग किया जाता है। अष्टोत्तरशतनाम, सहस्रनाम आदि स्तोत्रों में प्रयुक्त नामों से भी देवताओं की विशेष पूजा की जाती है। भगवान गणेश प्रथमपूज्य देवता हैं, भाद्र शुक्ल चतुर्थी और माघ कृष्ण चतुर्थी को विशेष रूप से गणेश जन्मोत्सव मनाया जाता है।

भाद्र शुक्ल चतुर्थी को सिद्धिविनायक की पूजा की जाती है एवं माघ कृष्ण चतुर्थी को संकष्टहर गणेश की। पूजा की विधि और मंत्र पूर्व आलेखों में प्रकाशित की गयी है, यहां अष्टोत्तर शतनाम दिया जा रहा है।

विनियोग : ॐ अस्य श्रीमदअष्टोत्तरशनविघ्नेश्वर दिव्य नामामृतस्तोत्रमन्त्रस्य, गृत्समद ऋषिः, गणपतिर्देवता, अनुष्टुप्छन्दः, रं बीजम्, नं शक्तिः, मं कीलकम्, श्रीगणपतिप्रसादसिद्धयर्थं पूजने विनियोगः ॥

  1. ॐ विनायकाय नमः ॥
  2. ॐ विघ्नराजाय नमः ॥
  3. ॐ गौरीपुत्राय नमः ॥
  4. ॐ गणेश्वराय नमः ॥
  5. ॐ स्कन्दाग्रजाय नमः ॥
  6. ॐ अव्ययाय नमः ॥
  7. ॐ पूताय नमः ॥
  8. ॐ दक्षाध्यक्षाय नमः ॥
  9. ॐ द्विजप्रियाय नमः ॥
  10. ॐ अग्निगर्वच्छिदे नमः ॥
  11. ॐ इन्द्रश्रीप्रदाय नमः ॥
  12. ॐ वाणीबलप्रदाय नमः ॥
  13. ॐ सर्वसिद्धिप्रदाय नमः ॥
  14. ॐ शर्वतनयाय नमः ॥
  15. ॐ शिवप्रियाय नमः ॥
  16. ॐ सर्वात्मकाय नमः ॥
  17. ॐ सृष्टिकत्रै नमः ॥
  18. ॐ देवानीकार्चिताय नमः ॥
  19. ॐ शिवाय नमः ॥
  20. ॐ शुद्धाय नमः ॥
  21. ॐ बुद्धिप्रियाय नमः ॥
  22. ॐ शान्ताय नमः ॥
  23. ॐ ब्रह्मचारिणे नमः ॥
  24. ॐ गजाननाय नमः ॥
  25. ॐ द्वैमातुराय नमः ॥
  26. ॐ मुनिस्तुत्याय नमः ॥
  27. ॐ भक्तविघ्नविनाशनाय नमः ॥
  28. ॐ एकदन्ताय नमः ॥
  29. ॐ चतुबाहवे नमः ॥
  30. ॐ चतुराय नमः ॥
  31. ॐ शक्तिसंयुताय नमः ॥
  32. ॐ लम्बोदराय नमः ॥
  33. ॐ शूर्पकर्णाय नमः ॥
  34. ॐ हेरम्बाय नमः ॥
  35. ॐ ब्रह्मवित्तमाय नमः ॥
  36. ॐ कालाय नमः ॥
  1. ॐ ग्रहपतये नमः ॥
  2. ॐ कामिने नमः ॥
  3. ॐ सोमसूर्याग्निलोचनाय नमः ॥
  4. ॐ पाशाङ्कुशधराय नमः ॥
  5. ॐ चण्डाय नमः ॥
  6. ॐ गुणातीताय नमः ॥
  7. ॐ निरञ्जनाय नमः ॥
  8. ॐ अकल्मषाय नमः ॥
  9. ॐ स्वयंसिद्धाय नमः ॥
  10. ॐ सिद्धार्चितपदाम्बुजाय नमः ॥
  11. ॐ बीजपूरप्रियाय नमः ॥
  12. ॐ अव्यक्ताय नमः ॥
  13. ॐ वरदाय नमः ॥
  14. ॐ शाश्वताय नमः ॥
  15. ॐ कृतिने नमः ॥
  16. ॐ विद्वत्प्रियाय नमः ॥
  17. ॐ वीतभयाय नमः ॥
  18. ॐ गदिने नमः ॥
  19. ॐ चक्रिणे नमः ॥
  20. ॐ इक्षुचापधृते नमः ॥
  21. ॐ अब्जोत्पलकराय नमः ॥
  22. ॐ श्रीशाय नमः ॥
  23. ॐ श्रीपतिस्तुतिहर्षिताय नमः ॥
  24. ॐ कुलाद्रिभृते नमः ॥
  25. ॐ जटिने नमः ॥
  26. ॐ चन्द्रचूडाय नमः ॥
  27. ॐ अमरेश्वराय नमः ॥
  28. ॐ नागोपवीतिने नमः ॥
  29. ॐ श्रीकण्ठाय नमः ॥
  30. ॐ रामार्चितपदाय नमः ॥
  31. ॐ व्रतिने नमः ॥
  32. ॐ स्थूलकण्ठाय नमः ॥
  33. ॐ त्रयीकर्वे नमः ॥
  34. ॐ सामघोषप्रियाय नमः ॥
  35. ॐ अग्रण्याय नमः ॥
  36. ॐ पुरुषोत्तमाय नमः ॥
  1. ॐ स्थूलतुण्डाय नमः ॥
  2. ॐ ग्रामण्ये नमः ॥
  3. ॐ गणपाय नमः ॥
  4. ॐ स्थिराय नमः ॥
  5. ॐ वृद्धिदाय नमः ॥
  6. ॐ सुभगाय नमः ॥
  7. ॐ शूराय नमः ॥
  8. ॐ वागीशाय नमः ॥
  9. ॐ सिद्धिदायकाय नमः ॥
  10. ॐ दूर्वाबिल्वप्रियाय नमः ॥
  11. ॐ कान्ताय नमः ॥
  12. ॐ पापहारिणे नमः ॥
  13. ॐ कृतागमाय नमः ॥
  14. ॐ समाहिताय नमः ॥
  15. ॐ वक्रतुण्डाय नमः ॥
  16. ॐ श्रीप्रदाय नमः ॥
  17. ॐ सौम्याय नमः ॥
  18. ॐ भक्तकांक्षितदात्रे नमः ॥
  19. ॐ अच्युताय नमः ॥
  20. ॐ केवलाय नमः ॥
  21. ॐ सिद्धिदाय नमः ॥
  22. ॐ सच्चिदानन्दविग्रहाय नमः ॥
  23. ॐ ज्ञानिने नमः ॥
  24. ॐ मायायुताय नमः ॥
  25. ॐ दान्ताय नमः ॥
  26. ॐ ब्रह्मिष्ठाय नमः ॥
  27. ॐ भयवर्जिताय नमः ॥
  28. ॐ प्रमत्तदैत्यभयदाय नमः ॥
  29. ॐ व्यक्तमूर्तये नमः ॥
  30. ॐ अमूर्तिकाय नमः ॥
  31. ॐ पावनीशङ्करोखेल-मोत्सवलालसाय नमः ॥
  32. ॐ समस्तजगदाधराय नमः ॥
  33. ॐ वरमूषकवाहनाय नमः ॥
  34. ॐ हृष्टचित्ताय नमः ॥
  35. ॐ प्रसन्नात्मने नमः ॥
  36. ॐ सर्वसिद्धिप्रदायकाय नमः ॥

॥ इति श्रीभविष्योत्तरपुराणे विघ्नेश्वराष्टोत्तरशत दिव्यनामस्तोत्रं संपूर्णम् ॥

श्रीगणपति गकाराष्टोत्तरशत नाममंत्र

गणपति के नामों में गकार नाम का विशेष महत्व होता है और गणपति के गकार अर्थात “ग” से प्रारंभ होने वाले अष्टोत्तर शतनाम, सहस्रनाम स्तोत्र भी मिलते हैं जिसका प्रयोग विशेष लाभकारी होता है।

गकार गणपति नामों का भी विशेष महत्व होता है, जो श्रद्धालु पूजा-हवन आदि में गकार अष्टोत्तरशत नाम का प्रयोग करना चाहें उनके लिये यहां पहले गकार अष्टोत्तरशत नाममंत्र दिया गया है और तत्पश्चात श्रीगणपति गकाराष्टोत्तरशत नाम स्तोत्र भी दिया गया है जिसका पाठ किया जा सकता है।

  1. ॐ गकाररूपाय नमः ॥
  2. ॐ गम्बीजाय नमः ॥
  3. ॐ गणेशाय नमः ॥
  4. ॐ गणवन्दिताय नमः ॥
  5. ॐ गणनीयाय नमः ॥
  6. ॐ गणाय नमः ॥
  7. ॐ गण्याय नमः ॥
  8. ॐ गणनातीतसद्गुणाय नमः ॥
  9. ॐ गगनादिकसृजे नमः ॥
  10. ॐ गङ्गासुताय नमः ॥
  11. ॐ गङ्गासुतार्चिताय नमः ॥
  12. ॐ गङ्गाधरप्रीतिकराय नमः ॥
  13. ॐ गवीशेड्याय नमः ॥
  14. ॐ गदापहाय नमः ॥
  15. ॐ गदाधरनुताय नमः ॥
  16. ॐ गद्यपद्यात्मककवित्वदाय नमः॥
  17. ॐ गजास्याय नमः ॥
  18. ॐ गजलक्ष्मीपते नमः ॥
  19. ॐ गजावाजिरथप्रदाय नमः ॥
  20. ॐ गञ्जानिरतशिक्षाकृतये नमः ॥
  21. ॐ गणोत्तमाय नमः ॥
  22. ॐ गण्डदानाञ्चिताय नमः ॥
  23. ॐ गन्त्रे नमः ॥
  24. ॐ गण्डोपलसमाकृतये नमः॥
  25. ॐ गगनव्यापकाय नमः ॥
  26. ॐ गम्याय नमः ॥
  27. ॐ गमनादिविवर्जिताय नमः॥
  28. ॐ गण्डदोषहराय नमः ॥
  29. ॐ गण्डभ्रमद्भ्रमरकुण्डलाय नमः॥
  30. ॐ गतागतज्ञाय नमः ॥
  31. ॐ गतिदाय नमः ॥
  32. ॐ गतमृत्यवे नमः ॥
  33. ॐ गतोद्भवाय नमः ॥
  34. ॐ गन्धप्रियाय नमः ॥
  35. ॐ गन्धवाहाय नमः ॥
  36. ॐ गन्धसिन्धुरवृन्दगाय नमः ॥
  1. ॐ गन्धादिपूजिताय नमः ॥
  2. ॐ गव्यभोक्त्रे नमः ॥
  3. ॐ गर्गादिसन्नुताय नमः ॥
  4. ॐ गरिष्ठाय नमः ॥
  5. ॐ गरभिदे नमः ॥
  6. ॐ गर्वहराय नमः ॥
  7. ॐ गरलिभूषणाय नमः ॥
  8. ॐ गविष्ठाय नमः ॥
  9. ॐ गर्जितारावाय नमः ॥
  10. ॐ गभीरहृदयाय नमः ॥
  11. ॐ गदिने नमः ॥
  12. ॐ गलत्कुष्ठहराय नमः ॥
  13. ॐ गर्भप्रदाय नमः ॥
  14. ॐ गर्भार्भरक्षकाय नमः ॥
  15. ॐ गर्भाधाराय नमः ॥
  16. ॐ गर्भवासिशिशुज्ञानप्रदाय नमः॥
  17. ॐ गरुत्मत्तुल्यजवनाय नमः ॥
  18. ॐ गरुडध्वजवन्दिताय नमः॥
  19. ॐ गयेडिताय नमः ॥
  20. ॐ गयाश्राद्धफलदाय नमः ॥
  21. ॐ गयाकृतये नमः ॥
  22. ॐ गदाधरावतारिणे नमः ॥
  23. ॐ गन्धर्वनगरार्चिताय नमः ॥
  24. ॐ गन्धर्वगानसन्तुष्टाय नमः ॥
  25. ॐ गरुडाग्रजवन्दिताय नमः ॥
  26. ॐ गणरात्रसमाराध्याय नमः ॥
  27. ॐ गर्हणास्तुतिसाम्यधिये नमः ॥
  28. ॐ गर्ताभनाभये नमः ॥
  29. ॐ गव्यूतिदीर्घतुण्डाय नमः ॥
  30. ॐ गभस्तिमते नमः ॥
  31. ॐ गर्हिताचारदूराय नमः ॥
  32. ॐ गरुडोपलभूषिताय नमः ॥
  33. ॐ गजारिविक्रमाय नमः ॥
  34. ॐ गन्धमूषवाजिने नमः ॥
  35. ॐ गतश्रमाय नमः ॥
  36. ॐ गवेषणीयाय नमः ॥
  37. ॐ गहनाय नमः ॥
  1. ॐ गहनस्थमुनिस्तुताय नमः ॥
  2. ॐ गवयच्छिदे नमः ॥
  3. ॐ गण्डकभिदे नमः ॥
  4. ॐ गह्वरापथवारणाय नमः ॥
  5. ॐ गजदन्तायुधाय नमः ॥
  6. ॐ गर्जद्रिपुघ्नाय नमः ॥
  7. ॐ गजकर्णिकाय नमः ॥
  8. ॐ गजचर्मामयच्छेत्रे नमः ॥
  9. ॐ गणाध्यक्षाय नमः ॥
  10. ॐ गणार्चिताय नमः ॥
  11. ॐ गणिकानर्तनप्रीताय नमः॥
  12. ॐ गच्छते नमः ॥
  13. ॐ गन्धफलीप्रियाय नमः ॥
  14. ॐ गन्धकादिरसाधीशाय नमः॥
  15. ॐ गणकानन्ददायकाय नमः॥
  16. ॐ गरभादिजनुर्हर्त्रे नमः ॥
  17. ॐ गण्डकीगाहनोत्सुकाय नमः॥
  18. ॐ गण्डूषीकृतवाराशये नमः ॥
  19. ॐ गरिमालघिमादिदाय नमः ॥
  20. ॐ गवाक्षवत्सौधवासिने नमः ॥
  21. ॐ गर्भिताय नमः ॥
  22. ॐ गर्भिणीनुताय नमः ॥
  23. ॐ गन्धमादनशैलाभाय नमः॥
  24. ॐ गण्डभेरुण्डविक्रमाय नमः॥
  25. ॐ गदिताय नमः ॥
  26. ॐ गद्गदारावसंस्तुताय नमः॥
  27. ॐ गह्वरीपतये नमः ॥
  28. ॐ गजेशाय नमः ॥
  29. ॐ गरीयसे नमः ॥
  30. ॐ गद्येड्याय नमः ॥
  31. ॐ गतभिदे नमः ॥
  32. ॐ गदितागमाय नमः ॥
  33. ॐ गर्हणीयगुणाभावाय नमः ॥
  34. ॐ गङ्गादिकशुचिप्रदाय नमः ॥
  35. ॐ गणनातीतविद्या श्रीबलायुष्यादिदायकाय नमः ॥

श्रीगणपति गकाराष्टोत्तरशतनामस्तोत्र

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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