कारोबार बढ़ाने के उपाय जो सबसे अधिक प्रभावशाली है

कारोबार बढ़ाने के उपाय जो सबसे अधिक प्रभावशाली है

ग्रहों के मंत्र-रत्न-उपरत्न

ग्रहमंत्ररत्नउपरत्न
सूर्यॐ घृणिः सूर्याय नमः।माणिक्यलालड़ी
चंद्रॐ सों सोमाय नमः।मोतीशंखमूंगा
मंगलॐ अं अंगारकाय नमः।मूंगागारनेट
बुधॐ बुं बुधाय नमः।पन्नाओनेक्स
गुरुॐ बृं बृहस्पतये नमः।पुखराजपुखराज
शुक्रॐ शुं शुक्राय नमः।हीराटोपाज
शनिॐ शं शनैश्चराय नमः।नीलमनीली
राहुॐ रां राहवे नमः।गोमेदलाजवर्त
केतुॐ कें केतवे नमः।लहसुनियांलाजवर्त
ग्रहों के मंत्र, रत्न और उपरत्न
  • नोट : ग्रहों के रत्न-उपरत्न ज्योतिषीय परामर्श के बिना धारण नहीं करना चाहिये, परन्तु पूजा स्थल पर पूजा के लिये रख सकते हैं।

यदि व्यापार की वस्तु के मुख्य ग्रह का निर्धारण करना संभव न हो तो क्या करें ?

यदि व्यापार की वस्तु के मुख्य ग्रह का निर्धारण करना संभव न हो तो व्यापार के मुख्य कारक ग्रह बुध को ग्रहण करना चाहिये।

व्यापार वृद्धि मंत्र –

कारोबार को बढ़ाने का प्रमुख उपाय
कारोबार बढ़ाने के उपाय

व्यापार वृद्धि लक्ष्मी मंत्र : ॐ श्री ह्रीं क्लीं महालक्ष्मै नम:।
ॐ महालक्ष्म्यै विद्महे महाश्रियै च धीमहि तन्नो लक्ष्मी प्रचोद्यात्।
ॐ या देवी सर्वभूतेषु लक्ष्मी रूपेण संस्थिता।
नमतस्यै नमतस्यै नमतस्यै नमो नमः।।

इसी तरह से व्यापार वृद्धि के लिये आपको ढेरों लक्ष्मी मंत्र बताये जाते होंगे। लेकिन लक्ष्मी मंत्र लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिये होता है, लक्ष्मी की कृपा पाने के लिये होता है। व्यापार वृद्धि के लिये जो विशेष मंत्र श्री दुर्गा सप्तशती में वर्णित है वह कोई नहीं बताता।

व्यापार वृद्धि का मंत्र है –
ॐ या देवी सर्वभूतेषु वृत्ति रूपेण संस्थिता।
नमतस्यै नमतस्यै नमतस्यै नमो नमः।।

नित्य कर्म पूजा पद्धति मंत्र

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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