पुरुष सूक्तं – कृष्ण यजुर्वेदीय

पुरुष सूक्तं – कृष्ण यजुर्वेदीय

वेदों के अनेकानेक सूक्तों में से सर्वाधिक प्रयुक्त होने वाला सूक्त है पुरुष सूक्त। उपयोगिता को समझते हुये यहां कृष्ण यजुर्वेदीय पुरुष सूक्त दिया जा रहा है। कृष्ण यजुर्वेदीय पुरुषसूक्त में कुल 18 ऋचायें हैं। शुक्ल यजुर्वेदीय और सामवेदीय पुरुष सूक्त अलग आलेख में प्रकाशित किया गया है। यदि आप शुक्ल यजुर्वेदीय पुरुष सूक्त पढ़ना चाहते हैं तो अंत में लिंक उपलब्ध किया गया है।

  • जहां शुक्लयजुर्वेद के पुरुषसूक्त में १६ ऋचायें मिलती है वहीं कृष्ण यजुर्वेद में १८ ऋचायें प्राप्त होती हैं।
  • कृष्ण यजुर्वेदियों को कृष्णयजुर्वेद के मंत्रों का ही उपयोग करना चाहिये।
  • सर्वत्र शुक्ल यजुर्वेद की ऋचायें इसलिये उपलब्ध होती है क्योंकि अधिकांश लोग शुक्ल यजुर्वेद के ही माध्यन्दिन शाखा का पालन करने वाले हैं।
  • किन्तु अन्य वेदों व शाखा वाले लोग भी हैं।
  • सबको अपने वेद व शाखा का ही पालन करना श्रेयस्कर कहा गया है।
कर्मकांड विधि
पुरुष सूक्तं – कृष्ण यजुर्वेदीय

॥ इति कृष्णयजुर्वेदीयपुरुषसूक्तं सम्पूर्णम् ॥

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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