मंगल अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र – Mangal 108 names

मंगल अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र - Mangal 108 names

मंगल अष्टोत्तर शत नामावली

किसी भी देवता के 108 नामों का पाठ करने के लिये उसे स्तोत्र रूप में ग्रहण किया जाता है और यदि पूजा आदि करनी हो तो सभी नामों का पृथक-पृथक करके उपयोग किया जाता है। चन्द्राष्टोत्तरशतनामावली को आगे पृथक-पृथक करके प्रणव व नमः प्रयोग पूर्वक दिया गया है। अष्टोत्तर शतनाम से पूजा करने के लिये इसी प्रकार प्रयोग किया जाता है। Mangal 108 names :

मंगल अष्टोत्तर शतनाम हवन प्रयोग

हवन करने के लिये किसी भी मंत्र में नमः शब्द के स्थान पर स्वाहा का प्रयोग किया जाता है। यद्यपि ऊपर दिये गये नमः प्रयोग पूर्वक मंगल अष्टोत्तर शतनाम में ही नमः के स्थान पर स्वाहा प्रयोग करके हवन किया जा सकता है तथापि अधिक सुविधा हेतु नीचे स्वाहा पद का प्रयोग करते हुये मंगल अष्टोत्तर शतनाम दिया गया है जिससे हवन करना अधिक सुगम होता है :

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