नरसिंह अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र – narasimha ashtottara shatanama stotram

नरसिंह अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र - narasimha ashtottara shatanama stotram

हम जानते हैं कि किसी भी देवता की उपासना में अष्टोत्तर शतनाम का अपना विशेष महत्व होता है। अष्टोत्तर शतनाम का पाठ तो करते ही हैं साथ ही १०८ नामों से पूजा भी की जाती है और हवन भी किया जाता है। भगवान नरसिंह अवतार का मुख्य प्रयोजन भक्त प्रह्लाद की रक्षा करना ही नहीं था अपितु भक्त की महिमा को भी सिद्ध करना था। यहां दो महत्वपूर्ण नरसिंह अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र (narasimha ashtottara shatanama stotram) दिया गया है।

श्रीब्रह्माण्डपुराणोक्त नृसिंहाष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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