रुद्र सूक्त – Rudra Suktam pdf, रुद्र सूक्त के लाभ

रुद्र सूक्त – Rudra Suktam pdf, रुद्र सूक्त के लाभ

यजुर्वेद में भगवान रुद्र का जो सूक्त है उसे रुद्र सूक्त कहा जाता है। रुद्रसूक्त में कुल 66 ऋचायें हैं लेकिन उनमें से प्रथम सोलह ऋचाओं को भी रुद्रसूक्त ही कहा जाता है। इस आलेख में शुक्ल यजुर्वेद का रुद्रसूक्त संस्कृत में दिया गया है जो की बहुत उपयोगी है विशेष कर रुद्राभिषेक और हवन के लिये। साथ ही रुद्रसूक्त के लाभ एवं रुद्र सूक्त के विषय में अन्य महत्वपूर्ण जानकारी भी दी गयी है। सदस्यों के लाभ हेतु अंत में pdf फाइल डाउनलोड करने के लिये रुद्र सूक्त pdf download लिंक भी दिया गया है।

रुद्र सूक्त – Rudra Suktam pdf, रुद्र सूक्त के लाभ

  • कोई भी सूक्त मात्र किसी १ वेद का भाग नहीं होता है। किञ्चित अंतर से अन्य वेदों में भी देखने को मिलता है।
  • वेदों में रुद्र अर्थात भगवान शंकर की स्तुतियों की ऋचायें रुद्र सूक्त कहलाती है।
  • यजुर्वेद के अध्याय १६ में भगवान शिव की स्तुति के ६६ ऋचायें हैं जिन्हें रुद्रसूक्त कहा जाता है।
  • रुद्र सूक्त में भगवान शिव की महानता, स्वरूप, कार्यों एवं नामों का विस्तृत वर्णन किया गया है।
  • कुल ६६ ऋचाओं में से १६ ऋचायें विशेष महत्वपूर्ण है।
  • भगवान शंकर की पूजा/अभिषेक रुद्रसूक्त से करना अधिक फलकारी होता है।
रुद्रसूक्त
रुद्रसूक्त

रुद्र सूक्त के लाभ

वेद पाठ
वेद पाठ

रुद्रसूक्त पाठ के कई लाभ होते हैं :

  • भगवान शंकर दुःखों, पापों, तापों का नाश करते हैं इसलिये उनका नाम रुद्र है। रुद्रसूक्त भगवान शिव की वेदोक्त स्तुति है जिसका पाठ दुःख, संकट, पाप, ताप आदि का निवारण करता है।
  • रुद्रसूक्त पाठ करने वाले भक्तों के शत्रुओं (काम/क्रोध/लोभ/मोह आदि) का भगवान शिव विनाश करते हैं, साथ ही भौतिक शत्रुओं पर भी विजय प्रदान करते हैं।
  • रुद्रसूक्त पाठ करने से पापों का शमन होता है।
  • रुद्रसूक्त पाठ करने से भय का निवारण होता है।
  • रुद्रसूक्त पाठ करने वाला भगवान शिव का प्रिय होता है।
  • रुद्रसूक्त पाठ करने वाला निर्मल होकर सद्गति प्राप्त करता है।

रुद्र सूक्त के १६ मंत्र

  • रुद्रसूक्त के ६६ मंत्रों में से भी प्रारम्भ के १६ मंत्र विशेष महत्वपूर्ण हैं और इन १६ ऋचाओं का नाम भी रुद्रसूक्त ही है।
  • भगवान शिव की पूजा १६ मंत्रों वाले रुद्रसूक्त से की जाती है।
  • यदि सम्पूर्ण रुद्रसूक्त पाठ करने का समय न हो तो १६ मंत्रों वाले रुद्रसूक्त से भी अभिषेक किया जा सकता है।
  • शुक्ल यजुर्वेद के सोलहवें अध्याय का प्रारम्भिक १६ मंत्र वाला रुद्रसूक्त १६ कलाओं का भी सम्पूर्ण बोध कराता है।

रुद्र सूक्त पंचम अध्याय

यद्यपि शुक्ल यजुर्वेद के सोलहवें अध्याय का नाम रुद्रसूक्त है किन्तु इसे पंचम अध्याय के नाम से भी जाना जाता है क्योकि रुद्राष्टाध्यायी में यह पांचवां अध्याय है।

मंगल श्लोक पाठ
रुद्र सूक्त पंचम अध्याय

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