सरस्वती पूजा कब है 2025 में – saraswati puja kab hai

सरस्वती पूजा कब है 2025 में - saraswati puja kab hai

विद्या की देवी सरस्वती हैं। विद्या प्राप्ति के लिये विद्यार्थियों को नित्य सरस्वती पूजा करनी चाहिये लेकिन वर्ष में एक बार बसंत पंचमी को विशेष रूप से सरस्वती पूजा पूजा की जाती है। माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि बसंत पंचमी कहलाती है। इसी दिन सरस्वती पूजा भी किया जाता है।

इस लेख में हम जानेंगे की 2025 में सरस्वती की पूजा कब (saraswati puja kab hai) की जाएगी और पूजा करने का शुभ मुहूर्त क्या है ? साथ ही अन्य कई वर्षों 2026, 2027, 2028, 2029 और 2030 में सरस्वती पूजा कब है ?

सरस्वती पूजा कब है 2025 में – saraswati puja kab hai

  • सरस्वती पूजा तिथि निर्धारण हेतु शास्त्रोक्त नियम : माघ शुक्ल चतुर्थ्यां तु वरमाराध्य च श्रियः। पञ्चम्यां कुन्दकुसुमैः पूजां कुर्यात् समृद्धये।
  • माधव मत से पूर्वविद्धा पंचमी में सरस्वती पूजन करनी चाहिये, लेकिन हेमाद्रि के मत से परविद्धा पंचमी में।
  • विशेष रूप के हेमाद्रि के मत को ही स्वीकार किया गया है एवं उदयव्यापिनी परविद्धा पंचमी को ही सरस्वती पूजा की जाती है।

सरस्वती पूजा कब है 2025

  • 2025 में माघ शुक्ल पंचमी का आरंभ 2 फरवरी रविवार को 9:14 am (प्रातः काल) होगा। अगले दिन 3 फरवरी सोमवार को 6:52 am (प्रातः काल) ही समाप्त हो जायेगा।
  • 3 फरवरी 2025 सोमवार को मुहूर्त्तमात्र पंचमी भी उपलब्ध नहीं है और सरस्वती पूजा के लिये माधव के मत से पूर्वविद्धा पंचमी भी ग्राह्य है तथापि परविद्धा पंचमी को ही सरस्वती पूजा हेतु विशेष रूप से स्वीकार किया गया है। अतः
  • अतः 2025 में सरस्वती पूजा 3 फरवरी सोमवार को ही है।
सरस्वती पूजा कब है - 2025 saraswati puja kab hai
सरस्वती पूजा कब है – 2025

2025 में सरस्वती पूजा 3 फरवरी सोमवार को है :

माघ शुक्ल पंचमी तिथि का आरंभ2 फरवरी रविवार को 9:14 am (प्रातः काल)
सूर्योदय काल से परविद्धा पंचमी3 फरवरी सोमवार – 6:53 am (प्रातः काल)
2025 में सरस्वती पूजा3 फरवरी सोमवार को (रेखांश 86:00 से अधिक)
2025 में सरस्वती पूजा2 फरवरी रविवार को (रेखांश 86:00 से कम)
सरस्वती पूजा कब है – 2025

परविद्धा पंचमी को ही सरस्वती पूजा हेतु विशेष रूप से स्वीकार किया गया है। 3 फरवरी सोमवार को औदयिक पंचमी परविद्धा है इसलिये 2025 में सरस्वती पूजा इसी दिन होगा।

किन्तु सरस्वती पूजा 2025 को लेकर कुछ विशेषता भी है, ऊपर जो विवरण दिया गया है वह उस स्थान के लिये है जहां सूर्योदय के उपरांत न्यूनतम एक घटी पंचमी हो। यदि औदयिक पंचमी एक घटी भी न हो तो पूर्व दिन ही सरस्वती पूजा होती है। इसको आगे और गंभीरता से समझते हैं :

सरस्वती पूजा 2025 में दोनों ही दिन है किन्तु कहां 2 फरवरी को है और कहां 3 फरवरी को इसे समझने के लिये ज्योतिष का ज्ञान होना भी आवश्यक है। 2025 में 3 फरवरी सोमवार को माघ शुक्ल पंचमी है जो प्रातः 6:53 बजे तक है। न्यूनतम एक घटी औदयिक पंचमी हो तो औदयिक पंचमी के दिन ही सरस्वती पूजा होती है और यदि औदयिक पंचमी 1 दण्ड भी न हो तो पूर्व दिन की जाती है। यदि एक घटी को समझें तो 24 मिनट के बराबर होता है अर्थात जहां का सूर्योदय 6:29 से कम हो वहां औदयिक पंचमी एक घटी है और जहां का सूर्योदय 6:29 से अधिक हो वहां एक घटी नहीं है।

इसलिये जहां का सूर्योदय मानक समय 6:29 से पूर्व हो वहां 3 फरवरी को सरस्वती पूजा है एवं जहां का सूर्योदय मानक समय 6:29 से अधिक हो वहां पूर्व दिन अर्थात 2 फरवरी को ही। इसे दूसरे प्रकार से भी समझ सकते हैं कि यदि रेखांश 86:00 से अधिक हो अर्थात देशांतर (+) 14:00 मिनट से अधिक हो वहां 3 फरवरी को सरस्वती पूजा है और रेखांश 86:00 से कम होने पर अर्थात जहां का देशांतर (+) 14:00 मिनट से कम हो वहां 2 फरवरी को ही सरस्वती पूजा है।

2026 में सरस्वती पूजा कब है

  • 2026 में माघ शुक्ल पंचमी 23 जनवरी शुक्रवार को सूर्योदय से ही है जो रात 1 बजकर 45 मिनट तक रहेगी।
  • इसलिये 2026 में सरस्वती पूजा 23 जनवरी शुक्रवार को है।

2027 में सरस्वती पूजा कब है

  • 2027 में माघ शुक्ल पंचमी 11 फरवरी गुरुवार को सूर्योदय से ही है जो रात 3 बजकर 17 मिनट तक रहेगी।
  • इसलिये 2027 में सरस्वती पूजा 11 फरवरी गुरुवार को है ।

2028 में सरस्वती पूजा कब है

  • 2028 में माघ शुक्ल पंचमी 1 फरवरी मंगलवार को सूर्योदय से ही है जो प्रातः 9 बजकर 27 मिनट तक रहेगी।
  • इसलिये 2028 में सरस्वती पूजा 1 फरवरी मंगलवार को है ।

2029 में सरस्वती पूजा कब है

  • 2029 में माघ शुक्ल पंचमी 19 जनवरी शुक्रवार को सूर्योदय से ही है जो कि अगले दिन 6:39 am को समाप्त होगी।
  • इसलिये 2029 में सरस्वती पूजा 19 जनवरी शुक्रवार को है ।

2030 में सरस्वती पूजा कब है

  • 2030 में माघ शुक्ल पंचमी 7 फरवरी गुरुवार को सूर्योदय से ही है जो कि रात 11 बजकर 17 मिनट तक रहेगी।
  • इसलिये 2030 में सरस्वती पूजा 7 फरवरी गुरुवार को है ।

F & Q :

प्रश्न : सरस्वती पूजा कितने बजे का है?
उत्तर : 14 फरवरी 2024 को सूर्योदय से 12:09 pm तक ही पंचमी तिथि है।
इसलिये 2024 में सरस्वती पूजा के लिये दोपहर 12 बजकर 09 मिनट तक शुभमुहूर्त है।

प्रश्न : क्या दशहरा और सरस्वती पूजा एक ही है?
उत्तर : नहीं दशहरा दुर्गा पूजा के नवरात्र का ही दूसरा नाम है। सरस्वती पूजा और दसहरा दोनों अलग-अलग है। हाँ ये बात अवश्य है की सरस्वती पूजा माघी नवरात्रा में ही होती है।

प्रश्न : सरस्वती पूजा घर पर कैसे करें?
उत्तर : घर पर सरस्वती पूजा करने की विधि इस प्रकार है :

  • स्नानादि करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
  • सूर्य भगवान को गायत्री मन्त्र से अर्घ्य प्रदान करें।
  • पूजा स्थान को पवित्र करके धूप, दीप जला लें।
  • प्रसाद हेतु नैवेद्य और पूजा की सामग्री जल, फूल, माला, चंदन, सिंदूर, अक्षत आदि व्यवस्थित कर लें।
  • फिर क्रमशः सभी वस्तुयें इस प्रकार समर्पित करें – जल, चंदन, सिंदूर, फूल, माला, अक्षत, धूप, दीप, नैवेद्य।
  • पुनः जल से मंडल करके आरती करें। पुष्पांजलि देकर प्रसाद आदि ग्रहण करें।

प्रश्न : सरस्वती पूजा मंत्र क्या है ?
उत्तर : सरस्वती पूजा मंत्र है – ॐ भूर्भुवः स्वः श्री सरस्वत्यै नमः।

प्रश्न : सरस्वती देवी का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर : सरस्वती देवी के अन्य कई नाम हैं जिनमें से शारदा, वीणावादिनी, हंसवाहिनी, पुस्तकधारिणी आदि प्रमुख है।

प्रश्न : सरस्वती पूजा का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर : सरस्वती पूजा का सरस्वती के अन्य नामों के आधार पर ही हो सकता है। बसंत पंचमी या श्री पंचमी अलग है सरस्वती पूजा का नाम नहीं है। हाँ ये बात अवश्य है की बसंतपंचमी के दिन ही सरस्वती पूजा भी होती है।

नित्य कर्म पूजा पद्धति मंत्र

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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