सर्प सूक्त स्तोत्र

सर्प सूक्त स्तोत्र

कर्मकांड में सर्प की पूजा का विधान मिलता है, वास्तव में सर्पभय से मुक्ति के लिये भी अनेकानेक उपाय शास्त्रों में बताये गये हैं। सर्पों से संबंधित मंत्र वेदों में भी दिये गये हैं। वेद में सर्प स्तुतिपरक ऋचाओं का समूह सर्पसूक्त कहलाता है। इसके साथ ही पौराणिक सर्पसूक्त भी है। इस आलेख में वेदोक्त और पौराणिक दोनों सर्पसूक्त दिया गया है।

इस लेख में हम सर्प सूक्त के बारे में जानेंगे साथ ही शुद्ध सर्पसूक्त भी देखेंगे। सर्पों के लिये जो स्तुति हो उसे सर्प सूक्त कहते हैं। सर्प सूक्त पाठ करने के कई लाभ भी होते हैं।

सर्प सूक्त के पाठ से होने वाले लाभ :

  • सर्प सूक्त पाठ करने से सभी प्रकार के सर्प भय का निवारण होता है।
  • सर्प सूक्त पाठ करने से विषवाधा की शांति होती है।
  • सर्प सूक्त पाठ करने से कालसर्प योग का दोष भी शांत होता है।
  • सर्प सूक्त पाठ करने से आयु की वृद्धि होती है।
  • सर्प सूक्त पाठ करने से यश की वृद्धि होती है।
  • सर्प सूक्त पाठ करने से बल की वृद्धि होती है।
  • सर्प सूक्त पाठ करने से ऐश्वर्य की वृद्धि होती है।
गृह प्रवेश के नियम
सर्प सूक्त के पाठ से होने वाले लाभ

सर्प सूक्त – 2

॥ इति पौराणीकम् श्रीसूक्तं समाप्तम् ॥

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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