लिङ्गोत्पत्तिस्तवः - ब्रह्मा और विष्णु द्वारा किया गया लिंग स्तोत्र | ling stotra

लिङ्गोत्पत्तिस्तवः – ब्रह्मा और विष्णु द्वारा किया गया लिंग स्तोत्र | ling stotra

लिङ्गोत्पत्तिस्तवः – ब्रह्मा और विष्णु द्वारा किया गया लिंग स्तोत्र | ling stotra : शिवरहस्य में ब्रह्मा और विष्णु द्वारा किया गया एक लिङ्गोत्पत्तिस्तव अर्थात लिंग स्तवन मिलता है जिसके महत्वपूर्ण होने का सबसे बड़ा कारण तो यही है कि यह ब्रह्मा और विष्णु द्वारा किया गया है। इस स्तोत्र का पाठ करने वाला पापरहित हो जाता है ऐसा स्तोत्र में ही कहा गया है।

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यहां पढें रुद्र मृत्युञ्जय स्तोत्र संस्कृत में - rudra mrityunjay stotra

यहां पढें रुद्र मृत्युंजय स्तोत्र संस्कृत में – rudra mrityunjay stotra

यहां पढें रुद्र मृत्युंजय स्तोत्र संस्कृत में – rudra mrityunjay stotra : आवश्यकतानुसार अन्य सांसारिक सिद्धियां तो स्वतः सिद्ध हो जाती हैं, अर्थात यह नहीं समझना चाहिये कि सांसारिक सुख की प्राप्ति नहीं होगी। किन्तु सांसारिक कामनाओं की पूर्ति के लिये इस स्तोत्र का प्रयोग नहीं करना चाहिये।

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यहां पढें रुद्र गीता संस्कृत में - rudra gita

यहां पढें रुद्र गीता संस्कृत में – rudra gita

यहां पढें रुद्र गीता संस्कृत में – rudra gita : श्रीमद्भगवगीता के बारे में तो सभी जानते हैं किन्तु रुद्रगीता के बारे में नहीं जानते। वराहपुराण में १९ अध्याय के रूप में रुद्रगीता पायी जाती है। यहां रुद्र गीता (rudra gita) संस्कृत में दी गयी है।

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यहां पढ़ें महत्वपूर्ण शिव स्तवन संस्कृत में - shiv stavan

यहां पढ़ें महत्वपूर्ण शिव स्तवन संस्कृत में – shiv stavan

यहां पढ़ें महत्वपूर्ण शिव स्तवन संस्कृत में – shiv stavan : भगवान शिव के स्तोत्रों में शिव स्तवराज स्तोत्र का बहुत ही उत्तम स्थान है और इसमें अनेकों प्रकार के फल भी बताये गए हैं। यह स्तोत्र पापों का क्षय करता है, सायुज्य मुक्ति प्रदायक है, सभी प्रकार के रोगों का हरण करने वाला है। शिव स्तवराज स्तोत्र पाठ पूर्वक शिव की उपासना करने वालों के करोड़ों जन्मों के पापों का नाश हो जाता है।

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