यहां पढें रुद्र मृत्युंजय स्तोत्र संस्कृत में – rudra mrityunjay stotra

यहां पढें रुद्र मृत्युञ्जय स्तोत्र संस्कृत में - rudra mrityunjay stotra

मुमुक्षु जनों के लिये मृत्युञ्जय की उपासना का विशेष महत्व होता है। रुद्रयामल तंत्र में रुद्र मृत्युंजय स्तोत्र नामक एक विशेष महत्वपूर्ण स्तोत्र है जिसके फलश्रुति में मोक्षमात्र की बात की गयी है : “सर्वरक्षाकरं स्तोत्रं ये पठन्ति निरन्तरम्। ते यान्ति ब्रह्मसदनं सिद्धमुख्या महीतले ॥” एवं अन्य स्तोत्रों में जैसे नाना प्रकार की फलश्रुतियां रहती है उस प्रकार से इस स्तोत्र के फलश्रुति में नाना प्रकार के फल नहीं कहे गये हैं और इस कारण मुमुक्षुओं के लिये यह स्तोत्र विशेष महत्वपूर्ण है। यहां रुद्र मृत्युंजय स्तोत्र (rudra mrityunjay stotra) संस्कृत में दिया गया है।

आवश्यकतानुसार अन्य सांसारिक सिद्धियां तो स्वतः सिद्ध हो जाती हैं, अर्थात यह नहीं समझना चाहिये कि सांसारिक सुख की प्राप्ति नहीं होगी। किन्तु सांसारिक कामनाओं की पूर्ति के लिये इस स्तोत्र का प्रयोग नहीं करना चाहिये।

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। इस कारण से आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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