पूजा की अनेक विधियां हैं जिनमें से षोडशोपचार पूजन सबसे अधिक महत्वपूर्ण व प्रचलित है। यद्यपि इससे भी अधिक उपचार वाले पूजा हैं तथापि जब विशेष पूजा की बात आती है तो उसका तात्पर्य षोडशोपचार पूजन ही होता है। सर्वाधिक सरल पूजा पञ्चोपचार पूजा होती है, फिर दशोपचार पूजा होती है। यहां सभी देवी-देवताओं के लिये षोडशोपचार पूजा की विधि बताई गयी है।
षोडशोपचार पूजन विधि मंत्र – क्या है ?
षोडशोपचार पूजन से सम्बंधित कुछ आवश्यक तथ्य :
- षोडशोपचार पूजन विधि में 16 उपचारों से पूजा की जाती है।
- पूजा की कई विधियां हैं जिनमें दो मुख्य हैं पञ्चोपचार एवं षोडशोपचार।
- प्रधान देवता की षोडशोपचार पूजा ही करनी चाहिये।
- षोडशोपचार पूजा में 16 उपचारों से; जो कि शास्त्रवर्णित है कम या हटकर नहीं होनी चाहिये।
- अन्य उपचार यदि अधिक हो तो की जा सकती है, अधिक का कोई निषेध नहीं है।
- सभी देवताओं की पुरुषसूक्त से षोडशोपचार पूजा की जानी चाहिये।
- देवियों की षोडशोपचार पूजा श्रीसूक्त से करनी चाहिये।
- भगवान शंकर की षोडशोपचार पूजा रुद्रसूक्त से करनी चाहिये।
- अनुपनीतों को पौराणिक मंत्र से ही पूजा करनी चाहिये एवं शालिग्राम/शिवलिंग की पूजा बिना स्पर्श किये करनी चाहिये।
