वर्ष में चार नवरात्रायें होती हैं जो आश्विन, माघ, चैत्र और आषाढ मासों के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी दिन तक का होता है। इस आलेख में नवरात्रा 2025 के विषय में पूरी जानकारी दी गयी है, इसके साथ ही नवरात्रा के महत्व, नवरात्रा व्रत के नियम, नवरात्रा की कथा आदि के बारे में भी चर्चा की गयी है। दो प्रकार के पंचांगों दृश्य और अदृश्य के आधार पर 2025 के शारदीय नवरात्रा में एक दिन का अंतर भी देखा जा रहा है। जनमानस के लाभार्थ कौन शुद्ध और ग्राह्य है इसके लिये एक विशेष उपाय भी बताया गया है जिस कारण यह आलेख अत्यंत उपयोगी सिद्ध होता है।
नवरात्रि कब है – navratri kab hai 2025
2025 में पड़ने वाली नवरात्रा इस प्रकार है :
माघ नवरात्रि 2025
माघ नवरात्रि 2025 गुरुवार 30 जनवरी से शुक्रवार 6 फरवरी गुरुवार तक है। माघ नवरात्रि 2025 की विस्तृत जानकारी इस सारणी (Chart) से समझी जा सकती है । यदि मोबाइल सारणी सही से न दिखे तो मोबाइल को तिरछा करे सारणी सही से दिखेगा :
| तिथि | तिथि समाप्ति | दिन | दिनांक | तिथि संबधी विशेष पूजा/व्रत | क्षय तिथि |
| प्रतिपदा | 16:10 | गुरुवार | 30/1/25 | कलश स्थापन, नवरात्रारंभ | X |
| द्वितीया | 13:59 | शुक्रवार | 31/1/25 | रेमन्त पूजा | X |
| तृतीया | 11:38 | शनिवार | 1/2/25 | X | X |
| चतुर्थी | 9:14 | रविवार | 2/2/25 | X | X |
| पञ्चमी | 6:52 | सोमवार | 3/2/25 | वसंत पंचमी, गजपूजा, बिल्वाभिमन्त्रण | षष्ठी |
| सप्तमी | 26:30 | मंगलवार | 4/2/25 | पत्रिका प्रवेश | X |
| अष्टमी | 24:35 | बुधवार | 5/2/25 | महाष्टमी व्रत, महारात्रि निशापूजा | X |
| नवमी | 22:53 | गुरुवार | 6/2/25 | महानवमी व्रत, त्रिशूलिनी पूजा, हवन | X |
| दशमी | 21:26 | शुक्रवार | 7/2/25 | जयंती धारण, विसर्जन | X |
2025 के माघी नवरात्रि में 3 फरवरी 25; सोमवार को षष्ठी तिथि का क्षय हो रहा है। अदृश्य पंचांगों में सप्तमी का क्षय होने के कारण निशापूजा में परिवर्तन देखा जायेगा।
चैत्र नवरात्रि 2025
चैत्र नवरात्रि 2025 रविवार 30 मार्च से रविवार 6 अप्रैल तक है। चैत्र नवरात्रि 2025 की विस्तृत जानकारी इस सारणी (Chart) से समझी जा सकती है । यदि मोबाइल सारणी सही से न दिखे तो मोबाइल को तिरछा करे सारणी सही से दिखेगा :
| तिथि | तिथि समाप्ति | दिन | दिनांक | तिथि संबधी विशेष पूजा/व्रत | क्षय तिथि |
| प्रतिपदा | 12:49 | रविवार | 30/3/25 | कलश स्थापन, नवरात्रारंभ | X |
| द्वितीया | 9:11 | सोमवार | 31/3/25 | रेमन्त पूजा | X |
| तृतीया | 5:42 | मंगलवार | 1/4/25 | X | चतुर्थी |
| पञ्चमी | 23:49 | बुधवार | 2/4/25 | X | X |
| षष्ठी | 21:41 | गुरुवार | 3/4/25 | गजपूजा, बिल्वाभिमन्त्रण | X |
| सप्तमी | 20:12 | शुक्रवार | 4/4/25 | पत्रिका प्रवेश, महारात्रि निशापूजा | X |
| अष्टमी | 19:26 | शनिवार | 5/4/25 | महाष्टमी व्रत | X |
| नवमी | 19:22 | रविवार | 6/4/25 | महानवमी व्रत, त्रिशूलिनी पूजा, हवन | X |
| दशमी | 20:00 | सोमवार | 7/4/25 | जयंती धारण, विसर्जन | X |
यद्यपि माघी नवरात्रा में ही पञ्चमी को सरस्वती पूजा होती है और उसे वसंत पञ्चमी भी कहा जाता है लेकिन माघी नवरात्रि को वासंतीय नवरात्रि नहीं कहा जाता है। वासंतीय नवरात्रि चैत्र माह में होने वाली नवरात्रि को ही कहा जाता है। शारदीय नवरात्रि की तरह ही वासंतीय नवरात्रि में भी बहुत जगह मंदिरों में या पंडाल बनाकर भी दुर्गा पूजा की जाती है। घरों में तो लोग दुर्गा पूजा, सप्तशती पाठ आदि करते ही हैं।
2025 के वासंतीय नवरात्रि अर्थात चैत्र नवरात्रि में 1 अप्रैल 25; मंगलवार को चतुर्थी तिथि का क्षय हो रहा है। अदृश्य पंचांगों में पंचमी का क्षय हो रहा है और निशापूजा में परिवर्तन देखा जायेगा।
आषाढ़ी नवरात्रि 2025 – आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025
- आषाढ़ी नवरात्रि 2025 गुरुवार 26 जून से शुक्रवार 4 जुलाई तक है।
- आषाढ़ी नवरात्रि 2025 की विस्तृत जानकारी इस सारणी (Chart) से समझी जा सकती है ।
- सारणी में दशमी भी दिया गया है लेकिन दशमी की गणना नवरात्रा में नहीं की जाती।
- यदि मोबाइल सारणी सही से न दिखे तो मोबाइल को तिरछा करे सारणी सही से दिखेगा :
| तिथि | तिथि समाप्ति | दिन | दिनांक | तिथि संबधी विशेष पूजा/व्रत | क्षय तिथि |
| प्रतिपदा | 13:24 | गुरुवार | 26/6/25 | कलश स्थापन, नवरात्रारंभ | X |
| द्वितीया | 11:19 | शुक्रवार | 27/6/25 | X | X |
| तृतीया | 9:53 | शनिवार | 28/6/25 | X | X |
| चतुर्थी | 9:14 | रविवार | 29/6/25 | X | X |
| पञ्चमी | 9:23 | सोमवार | 30/6/25 | X | X |
| षष्ठी | 10:20 | मंगलवार | 1/7/25 | X | X |
| सप्तमी | 11:57 | बुधवार | 2/7/25 | X | X |
| अष्टमी | 14:06 | गुरुवार | 3/7/25 | महाष्टमी व्रत | X |
| नवमी | 16:31 | शुक्रवार | 4/7/25 | महानवमी व्रत, हवन | X |
| दशमी | 18:58 | शनिवार | 5/7/25 | विसर्जन | X |
आषाढ़ी नवरात्रि को गुप्त नवरात्रि भी कहा जाता है। गुप्त नवरात्रि में प्रतिमा बनाकर मंदिरों में विस्तृत पूजा नहीं देखी जाती। गुप्त नवरात्रि गोपनीय रूप से लोग करते हैं। इसलिये गुप्त नवरात्रि में बिल्वाभिमन्त्रण, पत्रिकाप्रवेश आदि नहीं किया जाता है।
गुप्त नवरात्रि 2025 में में किसी भी तिथि की क्षय-वृद्धि नहीं हो रही है।
शारदीय नवरात्रि 2025
- आश्विन मास में होने वाली नवरात्रि के समय शरद ऋतु होने के कारण इसका एक नाम शारदीय नवरात्रि भी है।
- शारदीय नवरात्रि 2025 सोमवार 22 सितम्बर से बुधवार 1 अक्टूबर तक है।
- शारदीय नवरात्रि 2025 की विस्तृत जानकारी इस सारणी (Chart) से समझी जा सकती है ।
- सारणी में दशमी को भी दिया गया है लेकिन दशमी की गणना नवरात्रा में नहीं की जाती।
- यदि मोबाइल सारणी सही से न दिखे तो मोबाइल को तिरछा करे सारणी सही से दिखेगा :
नवरात्रि कब है 2025 : जब नवरात्रि के बारे में प्रश्न पूछा जाता है तो मुख्य तात्पर्य शारदीय नवरात्रि ही होता है जो आश्विन माह के शुक्ल पक्ष में पड़ता है। 2025 के शारदीय नवरात्रि में दृश्य और अदृश्य पंचांगों के आधार पर बहुत अंतर प्राप्त हो रहा है और ये अंतर एक दिन का भी हो सकता है। जहां दृक पंचांगों के अनुसार शारदीय नवरात्रि 2025 सोमवार 22 सितम्बर से बुधवार 1 अक्टूबर तक है।
दृक पञ्चाङ्गों अर्थात वेधसिद्ध पंचांगों में तृतीया तिथि की वृद्धि होती है एवं किसी भी तिथि का क्षय नहीं होता है।
| तिथि | तिथि समाप्ति | दिन | दिनांक | तिथि संबधी विशेष पूजा/व्रत | क्षय तिथि |
| प्रतिपदा | 26:55 | सोमवार | 22/9/25 | कलश स्थापन, नवरात्रारंभ | X |
| द्वितीया | 28:51 | मंगलवार | 23/9/25 | रेमन्त पूजा | X |
| तृतीया | अहोरात्र | बुधवार | 24/9/25 | X | X |
| तृतीया | 07:05 | गुरुवार | 25/9/25 | X | तिथि वृद्धि |
| चतुर्थी | 09:32 | शुक्रवार | 26/9/25 | X | X |
| पञ्चमी | 12:03 | शनिवार | 27/9/25 | X | X |
| षष्ठी | 14:27 | रविवार | 28/9/25 | गजपूजा, बिल्वाभिमन्त्रण | X |
| सप्तमी | 16:31 | सोमवार | 29/9/25 | पत्रिका प्रवेश, महारात्रि निशापूजा | X |
| अष्टमी | 18:06 | मंगलवार | 30/9/25 | महाष्टमी व्रत | X |
| नवमी | 19:01 | बुधवार | 1/10/25 | महानवमी व्रत, त्रिशूलिनी पूजा, हवन | X |
| दशमी | 19:10 | गुरुवार | 2/10/25 | जयंती धारण, विसर्जन, अपराजिता पूजा | X |
शारदीय नवरात्रि में जगह-जगह बड़े-बड़े पंडाल बनाकर बहुत विस्तृत रूप से पूजा अर्चना की जाती है। शारदीय नवरात्रि का सर्वाधिक महत्व होता है। सप्तशती में स्वयं भगवती ने कहा है : “शरत्काले महापूजा क्रियते या च वार्षिकी ……….. मम॥” शारदीय नवरात्रा में महापूजा होती है। मंदिरों के साथ-साथ लोग घरों में भी नवरात्रि व्रत करके दुर्गा पूजा, सप्तशती पाठ, मंत्र जप, हवन आदि करते हैं।
शारदीय नवरात्रि 2025 में किसी तिथि का लोप तो नहीं हो रहा है लेकिन तृतीया तिथि की वृद्धि अवश्य हो रही है। तिथि वृद्धि होने के कारण शारदीय नवरात्रि 2025 में 10 दिन होते हैं। इसी को बोलचाल की भाषा में लोग नौ-दुर्ग, दस-दुर्ग आदि करके समझते हैं।

दुर्गा आगमन और गमन 2025
दुर्गा आगमन और गमन विचार दिन के आधार पर किया जाता है। दुर्गा आगमन गमन विचार अलग से करेंगे परन्तु यहां शारदीय नवरात्रि 2025 में दुर्गा आगमन-गमन और उसके फल का विचार करेंगे :
दुर्गा आगमन विचार : शारदीय नवरात्रि 2025 का आरम्भ सोमवार को होता है अर्थात सोमवार के दिन कलशस्थापन होने से उसी दिन के आधार पर आगमन विचार किया जायेगा। “शशिसूर्ये गजारूढ़ा” अर्थात प्रतिपदा यदि रविवार या सोमवार को हो तो गज (हाथी) पर दुर्गा आगमन मानना चाहिये और इसका फल इस प्रकार कहा गया है “गजे च जलदा देवी” अर्थात गज पर आगमन होने से जलदा अर्थात जल की वृद्धि फल बताया गया है।
दुर्गा गमन विचार : शारदीय नवरात्रि 2025 में विजयादशमी गुरुवार को है। दुर्गा गमन विचार विजयादशमी को जो दिन हो उसके आधार पर किया जाता है। “सुरराजगुरौ यदि सा विजया नरवाहनगा शुभसौख्यकरा” – गुरुवार को विजयादशमी हो तो नरवाहन पर दुर्गा गमन होता है और इसका फल शुभसौख्यकर होता है। अतः शारदीय नवरात्रि 202 में दुर्गा गमन भी शुभ ही है।
आगे सम्पूर्ण दुर्गा सप्तशती के अनुगमन कड़ी दिये गये हैं जहां से अनुसरण पूर्वक कोई भी अध्याय पढ़ सकते है :
कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।






























