यहां पढ़ें महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र संस्कृत में - mahishasura mardini stotram

यहां पढ़ें महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र संस्कृत में – mahishasura mardini stotram

यहां पढ़ें महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र संस्कृत में – mahishasura mardini stotram : महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र : “जय जय हे महिषासुरमर्दिनि रम्यकपर्दिनि शैलसुते”; एक बहुत ही प्रसिद्ध स्तोत्र है जो माता दुर्गा अथवा भगवती के किसी भी रूप की पूजा-अराधना करते समय गाया जाता है। यह शंकराचार्य विरचित बताया जाता है और इसमें २१ पद हैं एवं बाईसवां पद फलश्रुति है।

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यहां पढ़ें चामुण्डा स्तोत्र संस्कृत में - chamunda devi stotra

यहां पढ़ें चामुण्डा स्तोत्र संस्कृत में – chamunda devi stotra

यहां पढ़ें चामुण्डा स्तोत्र संस्कृत में – chamunda devi stotra : यहां सर्वप्रथम पद्मपुराणोक्त चामुण्डा स्तुतिः दिया गया है जो रुद्रकृत है। तदनंतर द्वितीय चामुंडा स्तोत्र स्कन्द पुराण से दिया गया है जो गरुड द्वारा किया गया है एवं तृतीत चामुंडा स्तोत्र भी स्कन्द पुराण से ही है जो राजा नल द्वारा किया गया है। सभी स्तोत्र संस्कृत में हैं।

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यहां पढ़ें चंडिका स्तोत्र संस्कृत में - chandika stotram

यहां पढ़ें चंडिका स्तोत्र संस्कृत में – chandika stotram

यहां पढ़ें चण्डिका स्तोत्र संस्कृत में – chandika stotram : चण्डिका माता दुर्गा का ही एक विशेष रूप है किन्तु सामान्य जन एक स्वरूप दुर्गा में ही सभी को देखते हैं और यह शास्त्र-सम्मत ही है। श्री दुर्गा सप्तशती में भगवती की ही उक्ति है “एकैवाहं जगत्सर्वं” और यह भगवती का यह एकत्व सामान्य जनों में रहता है।

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यहां पढ़ें कात्यायनी स्तोत्र संस्कृत में - katyayani stotra

यहां पढ़ें कात्यायनी स्तोत्र संस्कृत में – katyayani stotra

यहां पढ़ें कात्यायनी स्तोत्र संस्कृत में – katyayani stotra : माता कात्यायनी को ही दशभुजा देवी महिषासुर मर्दिनी कहा गया है । कात्यायनी मुनि के द्वारा स्तुति करने पर बिल्व वृक्ष के पास आश्विन कृष्णा १४ को कात्यायनी देवी प्रकट हुई थी ।

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यहां पढ़ें दुर्गा पञ्जर स्तोत्र संस्कृत में - durga panjar stotram

यहां पढ़ें दुर्गा पञ्जर स्तोत्र संस्कृत में – durga panjar stotram

यहां पढ़ें दुर्गा पञ्जर स्तोत्र संस्कृत में – durga panjar stotram : माता दुर्गा का पंजर स्तोत्र मार्कण्डेय पुराण में वर्णित है। यहां विनियोग और ध्यान सहित संस्कृत में दुर्गा पंजर स्तोत्र है।

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यहां पढ़ें शारदा गीत अर्थात सरस्वती गीत संस्कृत में - saraswati geet

यहां पढ़ें शारदा गीत अर्थात सरस्वती गीत संस्कृत में – saraswati geet

यहां पढ़ें शारदा गीत अर्थात सरस्वती गीत संस्कृत में – saraswati geet : यहां सर्वप्रथम रुद्रयामलोक्त वाणीगीत दिया गया है और तदनंतर सरस्वतीगीतिः और तदनंतर शारदापीठाधिपति शङ्कराचार्य श्री चन्द्रशेखर भारती विरचित शारदा गीत दिया गया है जो संस्कृत में हैं।

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पढ़ें 7 प्रमुख सरस्वती स्तोत्र संस्कृत में - saraswati stotra

पढ़ें 7 प्रमुख सरस्वती स्तोत्र संस्कृत में – saraswati stotra

पढ़ें 7 प्रमुख सरस्वती स्तोत्र संस्कृत में – saraswati stotra : यहां क्रमशः सरस्वती दशश्लोकी स्तोत्र, सरस्वती द्वादशनाम स्तोत्र, याज्ञवल्क्यकृत सरस्वती स्तोत्र, रुद्रयामलोक्त श्रीबृहस्पति विरचित सरस्वती स्तोत्र, वामनपुराणोक्त मार्कण्डेयमुनिप्रोक्त सरस्वती स्तोत्र, वामनपुराणोक्त वसिष्ठप्रोक्त सरस्वती स्तोत्र, मार्कण्डेयपुराणोक्त महासरस्वती स्तव संस्कृत में दिया गया है।

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मातंगी स्तोत्र, matangi devi, matangi, devi matangi,

यहां पढ़ें मां मातंगी स्तोत्र संस्कृत में – matangi stotra

यहां पढ़ें मां मातंगी स्तोत्र संस्कृत में – matangi stotra : दशमहाविद्या में नौवीं महाविद्या मातंगी नाम से जानी जाती हैं। शिव की यह शक्ति असुरों को मोहित करने वाली और साधकों को अभिष्ट फल देने वाली है। गृहस्थ जीवन को श्रेष्ठ-सुख-शांति युक्त बनाने के लिए लोग इनकी पूजा करते हैं। इनकी जयंती अक्षय तृतीया को मनायी जाती है।

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यहां पढ़ें मां बगलामुखी ब्रह्मास्त्र संस्कृत में - Baglamukhi Brahmastra

यहां पढ़ें मां बगलामुखी ब्रह्मास्त्र संस्कृत में – Baglamukhi Brahmastra

यहां पढ़ें मां बगलामुखी ब्रह्मास्त्र संस्कृत में – Baglamukhi Brahmastra : माता बगलामुखी ब्रह्मास्त्र माला मन्त्र का विशेष महत्त्व होता है। यहां बगलामुखी ब्रह्मास्त्र (Baglamukhi Brahmastra) संस्कृत में दिया गया है।

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