नारायण अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में - narayana ashtottara shatanama stotram

नारायण अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र संस्कृत में – narayana ashtottara shatanama stotram

अनेकानेक बार आप नारायण अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र को ढूंढने का प्रयास करते होंगे किन्तु यह भी सरलता से उपलब्ध नहीं होता होगा। अब आपको नारायण अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र ढूंढने में समस्या नहीं होगी क्योंकि यहां नारायण अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र (narayana ashtottara shatanama stotram) संस्कृत में दिया गया है। इसके फलश्रुति में कहा गया है कि इसका जो पाठ करते हैं उनके अनेकों जन्मों के पापों का शमन हो जाता है।

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नारायण हृदय स्तोत्र संस्कृत में - narayan hridaya stotra

नारायण हृदय स्तोत्र संस्कृत में – narayan hridaya stotra

नारायण हृदय स्तोत्र संस्कृत में – narayan hridaya stotra : हम सब एक मंत्र जानते हैं “त्वमेव माता च पिता त्वमेव त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव ।त्वमेव विद्या द्रविणं त्वमेव त्वमेव सर्वं मम देव देव ॥” किन्तु यह किस स्तोत्र में है यह नहीं जानते हैं। अथर्वण रहस्य में भगवान विष्णु का हृदय स्तोत्र है जो नारायण हृदय स्तोत्र नाम से जाना जाता है और यह “त्वमेव माता च पिता त्वमेव” मंत्र इसी स्तोत्र के प्रार्थना में मिलता है।

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श्रीमद्भागवतोक्त नारायण कवच संस्कृत में - narayana kavacham

श्रीमद्भागवतोक्त नारायण कवच संस्कृत में – narayana kavacham

श्रीमद्भागवतोक्त नारायण कवच संस्कृत में – narayana kavacham : श्रीमद्भागवत महापुराण को पंचम वेद भी कहा गया है। भगवान विष्णु का वास क्षीरसागर में है, जल का ही नाम नार होता है और नार जिसका अयन है उसका नाम नारायण है। भगवान नारायण का कवच श्रीमद्भागवत महापुराण में वर्णित है।

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नारायण स्तुति संस्कृत में - narayan stuti

नारायण स्तुति संस्कृत में – narayan stuti

नारायण स्तुति संस्कृत में – narayan stuti : भगवान विष्णु की अनेकानेक स्तुतियां नारायण नाम से भी पुराणों में वर्णित है क्योंकि भगवान विष्णु का ही एक प्रमुख नाम नारायण भी है। यहां तीन प्रमुख नारायण स्तुति (narayan stuti) संस्कृत में दिया गया है जो इस प्रकार हैं नरसिंहपुराणोक्त ब्रह्मा कृत, मुद्गल पुराणोक्त प्रचेता कृत और वराह पुराणोक्त राजा अश्वशिरसा कृत।

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शाण्डिल्य संहितोक्त नारायण स्तोत्र संस्कृत में - narayan stotra

शाण्डिल्य संहितोक्त नारायण स्तोत्र संस्कृत में – narayan stotra

शाण्डिल्य संहितोक्त नारायण स्तोत्र संस्कृत में – narayan stotra : भगवान नारायण का एक महत्वपूर्ण स्तोत्र शांडिल्य संहिता में वर्णित है जिसमें कुल ९ श्लोक हैं और जिसमें ८ के चतुर्थ पाद “तमादिनारायणदेवमीडे” है। इस स्तोत्र में भगवान नारायण को गुरुओं का भी गुरु कहा गया है, ऋषियों के लिये भी ऋषि बताया गया है, देवताओं का भी देव बताया गया है, ईश्वर का भी ईश्वर अर्थात परमेश्वर कहा गया है।

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नारायण मंत्र स्तोत्र संस्कृत में - narayana mantram

नारायण मंत्र स्तोत्र संस्कृत में – narayana mantram

नारायण मंत्र स्तोत्र संस्कृत में – narayana mantram : द्वादशाक्षर मंत्र की भांति ही भगवान विष्णु का एक विशेष मंत्र “ॐ नमो नारायणाय” जिसे अष्टाक्षर मंत्र कहा जाता है। इस अष्टाक्षर मंत्र के लिये भगवान नारायण का एक स्तोत्र भी है जिसे नारायण मंत्र स्तोत्र कहा जाता है और यह नारद पुराण में वर्णित है। इस स्तोत्र में भगवान नारायण की महिमा का वर्णन करते हुये उन्हें ही सर्वव्यापी बताया गया है।

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अष्टाक्षर माहात्म्य : ॐ नमो नारायणाय मंत्र की महिमा - ashtakshara mantra mahatmya

अष्टाक्षर माहात्म्य : ॐ नमो नारायणाय मंत्र की महिमा – ashtakshara mantra mahatmya

ॐ नमो नारायणाय मंत्र जो कि अष्टाक्षर मंत्र है इसके ऋषि स्वयं नारायण हैं, छंद गायत्री है, देवता परमात्मा हैं, ॐकार का वर्ण शुक्ल, नकार का रक्त, मोकार का कृष्ण, नाकार का पुनः रक्त, राकार का कुंकुमाभ, यकार पीत, णाकार का अञ्जन और यकार का बहुवर्ण है। सर्वार्थ सिद्धिप्रद अष्टाक्षर मंत्र का माहात्म्य श्री नरसिंह पुराण में वर्णित है जिसके प्रश्नकर्त्ता श्री शुकदेव हैं और उपदेशक व्यास हैं। यहां अष्टाक्षर माहात्म्य अर्थात ॐ नमो नारायणाय मंत्र की महिमा (ashtakshara mantra mahatmya) संस्कृत में दिया गया है।

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पद्म पुराणोक्त दामोदर स्तोत्र संस्कृत में - damodar stotra

पद्म पुराणोक्त दामोदर स्तोत्र संस्कृत में – damodar stotra

पद्म पुराणोक्त दामोदर स्तोत्र संस्कृत में – damodar stotra : भगवान विष्णु का ही एक नाम दामोदर है। कृष्णावतार में माता यशोदा ने रजभक्षण पर उन्हें रस्सी से बांधने का उपक्रम किया था और इसी से भगवान कृष्ण का नाम दामोदर हो गया। पद्म पुराण में सत्यव्रत के एक स्तोत्र है जो दामोदर स्तोत्र नाम से जाना जाता है। इस स्तोत्र की एक विशेषता कार्तिक मास से संबद्ध होना भी है।

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ब्रह्म पुराणोक्त जगन्नाथ स्तोत्र - jagannath stotram

ब्रह्म पुराणोक्त जगन्नाथ स्तोत्र – jagannath stotram

जगन्नाथ स्तोत्र – jagannath stotram : भगवान जगन्नाथ अर्थात जगत के नाथ। भगवान विष्णु का ही नाम जगन्नाथ है और इनका प्रसिद्ध मंदिर पुरी में है। पुरी का नाम ही भगवान जगन्नाथ के नाम पर जगन्नाथ पुरी है। ब्रह्म पुराण में स्वयं ब्रह्मा ने भगवान जगन्नाथ की स्तुति किया है जिसमें पांच श्लोक हैं।

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गोपाल कवच संस्कृत में - gopal kavach

गोपाल कवच संस्कृत में – gopal kavach

गोपाल कवच संस्कृत में – gopal kavach : नारद पंचरात्र में गोपाल कवच वर्णित है जिसे बाल गोपाल कवच भी कहा जा सकता है। इसी के साथ एक और महत्वपूर्ण गोपाल कवच ब्रह्मसंहिता में वर्णित है जिसे श्रीगोपालाक्षयकवचं नाम से जाना जाता है। प्रथम गोपाल कवच का मुख्य फल नित्य पाठ से शत्रुरहित होना बताया गया है तो द्वितीय श्रीगोपालाक्षयकवचं के अन्य अनेकानेक फल भी बताये गये हैं।

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