रामार्चा कथा : 6 Chapter

रामार्चा कथा

रामार्चा की कथा श्रीशिव संहिता से ली गयी है। रामार्चा पूजा करने के पश्चात् रामार्चा कथा कही-सुनी जाती है, तत्पश्चात हवन करके आरती की जाती है एवं प्रसाद वितरण, ब्राह्मण, वैष्णव भोजन आदि कराया जाता है। रामार्चा कथा भगवान शिव और पार्वती संवाद के रूप में वर्णित है, अर्थात इस कथा में भगवती पार्वती श्रोता हैं और भगवान शिव कथा वक्ता। रामार्चा पूजा करने में असमर्थ व्यक्तियों के लिये भक्ति-भाव से कथा श्रवण करने पर भी पूजा का फल बताया गया है। इस आलेख में रामार्चा कथा संस्कृत में दिया गया है क्योंकि कथा श्रवण का जो फल होता है वो देववाणी संस्कृत में श्रवण करने से ही होता है।

श्रीपार्वत्युवाच

श्रीमहादेवोवाच

श्रीभगवानुवाच

इति श्रीशिवसंहितायां भव्योत्तरखण्डे श्रीरामार्चामाहात्म्य वर्णनपूर्वकं सप्रधानावरण देवतापूजाविधि-वर्णनो नाम तृतीयोऽध्यायः ।।३।।

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