स्वस्तिवाचन मंत्र संस्कृत में – Swastiwachan No.1

स्वस्तिवाचन – चारों वेदों का – swastiwachan mantra

स्वस्तिवाचन मंत्र संस्कृत में

बृहद् स्वस्तिवाचन के अतिरिक्त संक्षिप्त स्वस्तिवाचन भी होता है जो समयाभाव में किया जाता है।

संक्षिप्त स्वस्तिवाचन के मंत्र:

  • ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः स्वस्तिनस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः
  • ॐ पयः पृथिव्यां पय ओषधीषु
  • ॐ विष्णो रराटमसि विष्णोः श्नप्त्रेस्थो
  • ॐ अग्निर्देवता वातो देवता सूर्यो देवता चन्द्रमा देवता
  • ॐ द्यौ: शान्तिरन्तरिक्ष शान्ति:, पृथ्वी शान्तिराप: शान्तिरोषधय: शान्ति:
  • ॐ विश्वानि देव सवितर्दुरितानि परा सुव यद् भद्रं तन्न आ सुव
  • ॐ शांतिः शांतिः शांतिः सुशान्तिर्भवतु, सर्वारिष्ट शान्तिर्भवतु

प्रश्न : स्वस्तिवाचन क्या है ?
उत्तर : स्वस्तिवाचन वेद एवं पुराणों के वो मंत्र समूह हैं जिनका पाठ करके देवताओं से कल्याण अथवा शुभत्व की कामना की जाती।

प्रश्न : स्वस्ति वाचन कब करना चाहिए ?
उत्तर : सभी कर्म के आरम्भ में ही स्वस्तिवाचन करते हैं।

प्रश्न : भद्रसूक्त क्या है ?
उत्तर : यजुर्वेद में जो स्वस्तिवाचन की ऋचायें हैं उनका नाम भद्रसूक्त है।

प्रश्न : स्वस्तिवाचन मंत्र कौन सा है ?
उत्तर : यजुर्वेद की भद्रसूक्त ही स्वस्तिवाचन मंत्र है।

सिद्ध सरस्वती स्तोत्र
संपूर्ण स्वस्तिवाचन मंत्र

प्रश्न : स्वस्ति वाचन क्यों किया जाता है?
उत्तर : स्वस्तिवाचन का तात्पर्य कल्याणकारी ऋचायें या मंत्र हैं। स्वस्तिवाचन कल्याणकामना से किया जाता है।

प्रश्न : स्वस्ति शब्द का अर्थ क्या है?
उत्तर : स्वस्ति शब्द का अर्थ है कल्याण, मङ्गल, शान्ति, सुख आदि।

प्रश्न : क्या प्रतिदिन स्वस्तिवाचन किया जा सकता है ?
उत्तर : हां प्रतिदिन भी नित्यपूजा के समय स्वस्तिवाचन किया जा सकता है।

प्रश्न : क्या मात्र यजुर्वेद में ही स्वस्तिवाचन है ?
उत्तर : नहीं; स्वस्तिवाचन चारों वेदों में है। चूंकि कर्मकांड में विशेष प्रयोग यजुर्वेद का ही होता है इसलिये यजुर्वेद का स्वस्तिवाचन विशेष प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न : क्या चारों वेदों का स्वस्तिवाचन कर्मकांड विधि पर उपलब्ध है ?
उत्तर : हाँ, कर्मकांड विधि पर चारों वेदों का स्वस्तिवाचन प्रकाशित किया गया है। यहां क्लिक करके आप चारों वेदों का स्वस्तिवाचन पढ़ सकते हैं।

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

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