मुख्य न्यायाधीश कौन है – कर्मकाण्ड

मुख्य न्यायाधीश कौन है – कर्मकाण्ड

इस आलेख में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा से सबंधित विवादों ने जो नया आयाम लिया है कि न्यायालय में इसके लिये याचिका तक चली गयी तो शास्त्र-सम्मत विशेष महत्वपूर्ण विमर्श किया जायेगा। शंकराचार्यों से सम्बन्धित चर्चा करना नहीं चाहता था किन्तु पुनः करने की आवश्यकता है। इस आलेख से कर्मकांड में आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं को भी विशेष महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी।

Read More
रक्षोघ्न सूक्त – ऋग्वेदोक्त, यजुर्वेदोक्त – रक्षोघ्न मंत्र

रक्षोघ्न सूक्त – ऋग्वेदोक्त, यजुर्वेदोक्त – रक्षोघ्न मंत्र

रक्षोघ्न सूक्त यजुर्वेद, ऋग्वेद, और अथर्ववेद में पाया जाता है और यज्ञ-पूजा में इसका प्रमुख उपयोग होता है। श्राद्ध में भी इसका पाठ किया जाता है, लेकिन यह पूजा-यज्ञ-अनुष्ठानों में भी होता है। इसे पितरों का मंत्र मानना एक भ्रम है।

Read More
वारवेला क्या है , काल वेला का अर्थ, अर्द्ध प्रहर विचार

वारवेला क्या है ? काल वेला का अर्थ, – अर्द्ध प्रहर विचार .

अर्द्धप्रहर क्या है, कालवेला क्या है, वारवेला क्या है, कालरात्रि क्या है, अर्द्धप्रहर कैसे ज्ञात करते हैं इत्यादि विषय इस आलेख में समाहित किये गये हैं।

Read More
नामकरण कैसे करें ? नामकरण संस्कार

नामकरण कैसे करें ? नामकरण संस्कार

सूतिका को पंचगव्य प्राशन करा दे।
फिर पूर्व बताई विधि के अनुसार बालक को लेकर सूतिका पूजा स्थान पर आये।
बालक को गोद में ली हुई माता अग्नि की प्रदक्षिणा करके संस्कारकर्ता के बांयी ओर बैठे ।
आचमन करके पूजित देवताओं का स्मरण करके पुष्पांजलि दे।
फिर आचार्य अथवा बालक का पिता स्वर्ण शलाका से अष्टगंधादि द्रव्य का द्वारा पीपल के पांच पत्ते या श्वेत वस्त्र पर बच्चे के लिये निर्धारित पंचनाम लिखे।
फिर पंचनामों को तण्डुलपूर्ण पात्र में रखकर अक्षत-पुष्पादि लेकर उसकी प्रतिष्ठा करे :

Read More
बिना पंडित के गृह प्रवेश कैसे करें

बिना पंडित के गृह प्रवेश कैसे करें ?

अन्य किसी विधि-व्यवस्था में अपेक्षित व्यक्ति के बिना करने की चर्चा नहीं की जाती है किन्तु सनातन में लगभग सभी कर्मकांड बिना पंडित के करने के लिये प्रेरित किया जा रहा है। नाना प्रकार के आलेख-विडियो आदि माध्यमों से उत्प्रेरित करते हुये ऐसा प्रयास किया जाता है कि कर्मकांड बिना पंडित कैसे कैसे किया जा सकता है

Read More
संध्या तर्पण विधि

संध्या तर्पण विधि

संध्या तर्पण विधि : शारीरिक शुद्धि अर्थात शुचिता के बाद नित्यकर्म में संध्या, तर्पण, पंचदेवता व विष्णु पूजन का क्रम आता है। संध्या तो त्रैकालिक होती है अर्थात प्रातः, मध्यान और सायाह्न तीनों कालों में करणीय है, किन्तु तर्पण व पंचदेवता विष्णु पूजन प्रातः का ही नित्यकर्म है ये दोनों त्रैकालिक नहीं हैं।

Read More
नित्यकर्म विधि – भाग ३, शुचिता

नित्यकर्म विधि – भाग ३, शुचिता

यहाँ शुचिता के महत्त्व एवं विधान के विषय में जानकारी दी गई है। शरीर और आत्मा की शुद्धता बनाए रखने के लिए शौच, दन्तधावन, स्नान जैसे विधियों का पालन करना आवश्यक है। इसमें दिशा, वस्त्र-यज्ञोपवीत एवं स्नान के नियम तथा महत्वपूर्ण विधियाँ सम्मिलित हैं। इससे स्पष्ट होता है कि शुचिता का पालन करना शारीरिक और आत्मिक शुद्धता के लिए कितना महत्वपूर्ण है।

Read More
दुर्गा पूजा विधि मंत्र सहित

दुर्गा पूजा विधि मंत्र सहित

दुर्गा पूजा विधि – ॐ अद्यैतस्य ब्रह्मणोह्नि द्वितीय परार्द्धे ……… सपरिवारस्योपस्थित शरीराविरोधेन महाभयाभावपूर्वक विपुलधन धान्य सुतान्विताऽतुल विभूति चतुर्वर्ग फलप्राप्तिपूर्वक सर्वाऽरिष्ट निवारणार्थं सकल मनोरथ सिद्ध्यर्थं श्रीदुर्गायाः प्रीत्यर्थं साङ्गसायुधसवाहन सपरिवारायाः भगवत्याः श्रीदुर्गादेव्याः पूजनमहं करिष्ये ।

Read More
श्राद्ध विधि pdf

श्राद्ध कर्म विधि मंत्र

आजकल कई ब्राह्मण श्राद्ध कर्म सीखना चाहते हैं, परन्तु कई बाधाएँ इसमें आती हैं। हमारी पुस्तक ‘सुगम श्राद्ध विधि’ इसमें मदद करती है, जिसका PDF डाउनलोड करने का विकल्प भी है। पुस्तक में विभिन्न श्राद्ध विधियों का वर्णन है। इसके अतिरिक्त, विभिन्न विषयों पर श्राद्ध सम्बंधी वीडियो भी उपलब्ध हैं।

Read More
मकर संक्रांति का महत्व क्या है ? दान करने की विधि

मकर संक्रांति का महत्व क्या है ? दान करने की विधि

मकर संक्रांति का महत्व क्या है ? दान करने की विधि : मकर संक्रांति एक धार्मिक और खगोलीय महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के समय मनाया जाता है। यह महत्वपूर्ण पर्व शिशिर ऋतु के आगमन को चिन्हित करता है जो विशेष ठंड के महीने की शुरुआत होती है। इस दिन विशेष रूप से तिल का उपयोग होता है, इसलिए इसे तिलसंक्रांति भी कहा जाता है। स्नान, दान और पूजन, मकर संक्रांति के पुण्य काल के महत्वपूर्ण हिस्से हैं। यह पर्व धर्म, खगोल विज्ञान और सामाजिक आयोजनों के संगम का प्रतीक है।

Read More