स्कन्द पुराणोक्त अर्द्धनारीश्वर अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र ~ ardhnarishwar ashtottarshatnam stotra

स्कन्द पुराणोक्त अर्द्धनारीश्वर अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र ~ ardhnarishwar ashtottarshatnam stotra

स्कन्द पुराणोक्त अर्द्धनारीश्वर अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र ~ ardhnarishwar ashtottarshatnam stotra : एक दिव्यवस्त्र धारण करती हैं तो दूसरे दिगम्बर हैं, एक सिंहवाहिनी हैं तो दूसरे वृषारूढ़ हैं फिर भी दोनों एकाकार हो गये। दाम्पत्य जीवन को सुख-शांतिमय करने का सन्देश देता है भगवान शिव-पार्वती का एकाकार स्वरूप जिसे अर्द्धनारीश्वर नाम से जाना जाता है।

Read More
उपमन्युकृत अर्द्धनारीश्वर अष्टक स्तोत्र - ardhnarishwar ashtak

उपमन्युकृत अर्द्धनारीश्वर अष्टक स्तोत्र – ardhnarishwar ashtak

उपमन्युकृत अर्द्धनारीश्वर अष्टक स्तोत्र – ardhnarishwar ashtak : शास्त्रों में भी शिव और शक्ति को भिन्न नहीं माना गया है। शिव और शक्ति एक-दूसरे से उसी प्रकार अभिन्न हैं, जिस प्रकार सूर्य और उसका प्रकाश, अग्नि और उसका ताप तथा दूध और उसकी धवलता, चन्द्रमा और उसकी शीतलता ।

Read More
पढ़िये शिवपार्वती का प्रिय अर्द्धनारीश्वर स्तोत्र - ardhnarishwar stotra

पढ़िये शिवपार्वती का प्रिय अर्द्धनारीश्वर स्तोत्र – ardhnarishwar stotra

पढ़िये शिवपार्वती का प्रिय अर्द्धनारीश्वर स्तोत्र – ardhnarishwar stotra : भगवान शिव और पार्वती का एकत्व होने पर जो स्वरूप बनता है उसे अर्द्धनारीश्वर कहते हैं। भगवान शिव को माता पार्वती इतनी प्रिय हैं कि उन्हें भिन्न समझना ही नहीं चाहिये क्योंकि इसी कारण से भगवान शिव ने पार्वती को पृथक रहने ही नहीं दिया एक हो गये।

Read More
लिङ्गोत्पत्तिस्तवः - ब्रह्मा और विष्णु द्वारा किया गया लिंग स्तोत्र | ling stotra

लिङ्गोत्पत्तिस्तवः – ब्रह्मा और विष्णु द्वारा किया गया लिंग स्तोत्र | ling stotra

लिङ्गोत्पत्तिस्तवः – ब्रह्मा और विष्णु द्वारा किया गया लिंग स्तोत्र | ling stotra : शिवरहस्य में ब्रह्मा और विष्णु द्वारा किया गया एक लिङ्गोत्पत्तिस्तव अर्थात लिंग स्तवन मिलता है जिसके महत्वपूर्ण होने का सबसे बड़ा कारण तो यही है कि यह ब्रह्मा और विष्णु द्वारा किया गया है। इस स्तोत्र का पाठ करने वाला पापरहित हो जाता है ऐसा स्तोत्र में ही कहा गया है।

Read More
यहां पढें रुद्र विभूति स्तोत्र संस्कृत में - rudra vibhuti stotra

यहां पढें रुद्र विभूति स्तोत्र संस्कृत में – rudra vibhuti stotra

यहां पढें रुद्र विभूति स्तोत्र संस्कृत में – rudra vibhuti stotra : भगवान शिव का एक महत्वपूर्ण स्तोत्र है जिसे रुद्र विभूति स्तोत्र कहा जाता है। यहां रुद्र विभूति स्तोत्र (rudra vibhuti stotra) संस्कृत में दिया गया है।

Read More
यहां पढें महत्वपूर्ण रुद्र सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में - rudra sahasranama stotram

यहां पढें महत्वपूर्ण रुद्र सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में – rudra sahasranama stotram

यहां पढें महत्वपूर्ण रुद्र सहस्रनाम स्तोत्र संस्कृत में – rudra sahasranama stotram : लिंग पुराण में रुद्र सहस्रनाम मिलता है जो बहुत ही महत्वपूर्ण है। यहां रुद्र सहस्रनाम स्तोत्र (rudra sahasranama stotram) संस्कृत में दिया गया है।

Read More
यहां पढें दुर्वासाकृत रुद्र कवच स्तोत्र संस्कृत में - rudra kavacham

यहां पढें दुर्वासाकृत रुद्र कवच स्तोत्र संस्कृत में – rudra kavacham

यहां पढें दुर्वासाकृत रुद्र कवच स्तोत्र संस्कृत में – rudra kavacham : स्कंदपुराण में दुर्वासाकृत रुद्र कवच का वर्णन है जो कि विशेष महत्वपूर्ण है। यह कवच स्तोत्र सभी प्रकार के ज्वरों और भय का शमन करने वाला है। इसी प्रकार अन्य कामनायें यथा पुत्रलाभ, धन प्राप्ति, विद्या, आयु, आरोग्य आदि भी प्रदान करने वाला है रुद्र कवच। यहां दुर्वासाकृत रुद्र कवच स्तोत्र (rudra kavacham) संस्कृत में दिया गया है।

Read More
यहां पढें रुद्र मृत्युञ्जय स्तोत्र संस्कृत में - rudra mrityunjay stotra

यहां पढें रुद्र मृत्युंजय स्तोत्र संस्कृत में – rudra mrityunjay stotra

यहां पढें रुद्र मृत्युंजय स्तोत्र संस्कृत में – rudra mrityunjay stotra : आवश्यकतानुसार अन्य सांसारिक सिद्धियां तो स्वतः सिद्ध हो जाती हैं, अर्थात यह नहीं समझना चाहिये कि सांसारिक सुख की प्राप्ति नहीं होगी। किन्तु सांसारिक कामनाओं की पूर्ति के लिये इस स्तोत्र का प्रयोग नहीं करना चाहिये।

Read More
यहां पढें रुद्र गीता संस्कृत में - rudra gita

यहां पढें रुद्र गीता संस्कृत में – rudra gita

यहां पढें रुद्र गीता संस्कृत में – rudra gita : श्रीमद्भगवगीता के बारे में तो सभी जानते हैं किन्तु रुद्रगीता के बारे में नहीं जानते। वराहपुराण में १९ अध्याय के रूप में रुद्रगीता पायी जाती है। यहां रुद्र गीता (rudra gita) संस्कृत में दी गयी है।

Read More