गृह प्रवेश करने के लिये एक विशेष मुहूर्त की आवश्यकता होती है जो ज्योतिषी ब्राह्मण द्वारा बनाया जाता है। अभी प्रकार के अनुष्ठानों के लिये ज्योतिष शास्त्र में शुभ मुहूर्त निर्धारण करने की विशेष व्यवस्था बताई गयी है। यहां 2024 में मिलने वाले सभी गृहप्रवेश मुहूर्तों की जानकारी दी गयी है। आधार मिथिलादेशीय पंचांगों का लिया गया है तथापि तिथ्यादि मान दृक्तुल्य पंचांग का ग्रहण किया गया है।
शुभ मुहूर्त की आवश्यकता
ज्योतिष शास्त्र ग्रहों की गति, स्थिति, उनके प्रभावों का अध्ययन करता है और इसमें कुछ सिद्धांत को आधार बनाकर की किसी कार्य विशेष के लिये किस प्रकार की ग्रह स्थिति होने पर अधिकतम शुभ प्रभाव प्राप्त किया जा सकता है उसके सूत्र निर्धारित किये गये।
वर्तमान में भी उन्हीं स्थापित सूत्रों के द्वारा शुभ समय का निर्धारण किया जाता है जिसे शुभ मुहूर्त कहा जाता है। यद्यपि मुहूर्त का तात्पर्य दो दण्ड या 48 मिनट भी होता है। लेकिन किसी कार्य विशेष के लिये जो शुभ मुहूर्त बनाया जाता है तो वह इससे कम भी हो सकता है और अधिक भी हो सकता है।

- शुभ मुहूर्त की आवश्यकता उस कार्य विशेष में दैवीय कृपा प्राप्ति के लिये होती है।
- शुभ मुहूर्त की आवश्यकता ग्रहों का अनुकूल प्रभाव प्राप्त करने के लिये होता है।
- शुभ मुहूर्त की आवश्यकता धर्म पालन करने के लिये भी होती है।