वामन स्तुति संस्कृत में – vamana stuti

वामन स्तुति संस्कृत में - vamana stuti

भक्तप्रह्लाद के पुत्र विरोचन थे और उनका पुत्र राजा बलि था अर्थात भक्त प्रह्लाद के पौत्र थे राजा बलि। और इस प्रकार यदि विचार करें तो राजा बलि के पितामह हेतु भी भगवान विष्णु ने नृसिंहावतार लिया था और पुनः उसी कुल में राजा बलि के लिये भी वामन अवतार धारण किया था। राजा बलि से तीन पग भूमि की याचना करके भगवान वामन ने दो पग में ही सभी लोकों को माप लिया तो तीसरे पग में राजा बलि ने स्वयं को ही समर्पित कर दिया। यहां भगवान वामन की दो स्तुति (वामन स्तुति – vamana stuti) संस्कृत में दी गयी है।

वामनस्तुति – 2

कर्मकांड विधि में शास्त्रोक्त प्रमाणों के साथ प्रामाणिक चर्चा की जाती है एवं कई महत्वपूर्ण विषयों की चर्चा पूर्व भी की जा चुकी है। तथापि सनातनद्रोही उचित तथ्य को जनसामान्य तक पहुंचने में अवरोध उत्पन्न करते हैं। एक बड़ा वैश्विक समूह है जो सनातन विरोध की बातों को प्रचारित करता है। गूगल भी उसी समूह का सहयोग करते पाया जा रहा है अतः जनसामान्य तक उचित बातों को जनसामान्य ही पहुंचा सकता है इसके लिये आपको भी अधिकतम लोगों से साझा करने की आवश्यकता है।

Leave a Reply